राजस्थान में गोडावण के लिए ब्रीडिंग सेन्टर बनाने पर विचार

राज्य वन्यजीव मण्डल की बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर प्रदेश के राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण के लिए केन्द्रीय वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा राजस्थान में केप्टिव ब्रीडिंग सेन्टर बनाने पर विचार किया जा रहा है।

श्रीमती राजे की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में सोमवार को सम्पन्न राज्य वन्यजीव मण्डल की बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में वन्यजीव संरक्षण तथा राज्य में हरित क्षेत्र बढ़ाने से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। मुख्यमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र माॅडल का अध्ययन करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि भरतपुर के केवलादेव पक्षी अभयारण्य को कैट फिश के प्रकोप से बचाव के लिये विशेष प्रयास किये जायें। उन्होंने अभयारण्यों, संरक्षित वन क्षेत्रों तथा राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास हरित क्षेत्र विकसित करने पर जोर दिया। साथ ही शहरों के आसपास पहाड़ी क्षेत्रों को भी हरा-भरा करने के लिए योजना बनाने को कहा।

उन्होंने कहा कि नगरीय विकास तथा स्थानीय निकाय विभाग इसके लिए वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर स्थानीय लोगों की भागीदारी से यह कार्य करवायें। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों के आसपास सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने एवं वहां स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित की जाये।

श्रीमती राजे ने वन्यजीव मण्डल के निर्णयों की त्वरित क्रियान्विति करने एवं उसकी कड़ी माॅनिटरिंग के लिए एक कार्यकारी समिति बनाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने गोडावण के संरक्षण क्षेत्र डेजर्ट नेशनल पार्क की सीमाओं के पुर्नसीमांकन के लिए वन विभाग के अधिकारियों को जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों का दौरा कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा।

बैठक में फसल को नुकसान पहुंचाने वाली नील गायों की समस्या के समाधान के लिए पंचायत स्तर पर सरपंच को आवश्यकतानुसार निर्णय लेने का अधिकार दिये जाने पर सहमति दी गई। साथ ही राज्य के वेटलैण्ड (नम भूमि) क्षेत्र तथा क्लोज्ड एरिया के संरक्षण के लिए राज्य स्तरीय समिति बनाने का निर्णय भी लिया गया। मण्डल के सदस्यों ने राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना की तर्ज पर राज्य में भी ऐसी ही योजना तैयार करने पर विचार किया।

इस अवसर पर जालोर की सुण्डा माता मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा के लिये वन विभाग की कुछ शर्तों के साथ दूसरा रोप-वे बनाने तथा सवाईमाधोपुर-शिवपुरी सड़क मार्ग की चैड़ाई बढ़ाने के लिये एक विस्तृत कार्य योजना बनाने पर सहमति बनी। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वन क्षेत्र तथा वन्यजीवों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री राजकुमार रिणवा, राज्यसभा सांसद श्री वी.पी.सिंह, विधायक सर्वश्री श्रीचन्द कृपलानी, सुशील कटारा, मानसिंह गुर्जर, वन्यजीव मण्डल के सदस्यगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री एन.सी. गोयल, अतिरिक्त मुख्य वन्यजीव संरक्षक श्री जी.वी. रेड्डी, पुलिस महानिदेशक जेल श्री अजीत सिंह, प्रमुख शासन सचिव टीएडी श्री खेमराज सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 22 फरवरी 2016

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