सामाजिक समरसता के मार्ग पर चलकर होगा महान और विकसित राष्ट्र का निर्माण

डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के दिखाए हुए सामाजिक समरसता के मार्ग पर चलते हुए साथ मिलकर काम करने से ही महान और विकसित राष्ट्र का निर्माण संभव हो सकेगा।

श्रीमती राजे गुरूवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र में बाबा साहेब की 125वीं जयन्ती के अवसर पर डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान की ओर से आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के काॅन्फ्रेंस हाॅल का निर्माण राजकोष से करवाए जाने की घोषणा की। श्रीमती राजे ने सोसायटी परिसर में बाबा साहेब की विशाल प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।

उन्होंने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर को राजनीतिक कारणों से एक दायरे तक सीमित रखने का प्रयास किया गया, जबकि देश को आगे बढ़ाने में उनका योगदान इससे कहीं अधिक है। बाबा साहेब अपने विचारों, कार्याें, शोध आदि की वजह से ही आज भी हमारी स्मृतियों में बने हुए हैं। उन्होंने समाज को बाल विवाह, देवदासी जैसी कुरीतियों से लड़ने की प्रेरणा देने के साथ ही महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि बाबा साहेब की इन्हीं प्रेरणाओं को अपनाकर हर समाज कुरीतियों को दूर करें। कुरीतियों को हटाकर समाज को जोड़ने का कार्य हम सबका है। उन्होंने उस दौर में आगे बढ़ने के लिए शिक्षित होने पर जोर देते हुए कहा था कि समाज में शिक्षा नहीं तो कुछ भी नहीं।

श्रीमती राजे ने अम्बेडकर पीठ की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2005 में हमने इसे एक सपने के रूप में देखा था। हमारी सोच थी कि यह एक ऐसा केन्द्र या प्रतीक बन जाए जिसमें बाबा साहेब की शिक्षा, व्यक्तित्व-कृतित्व सहित वो सभी चीजें शामिल हों जिस पर देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आकर शोध कार्य करें। हमने अम्बेडकर पीठ का विकास राजनीति से प्रेरित होकर नहीं अपितु बाबा साहेब के जीवन दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया था। लेकिन दुर्भाग्य से पिछले विधानसभा चुनाव से 6 महीने पूर्व तत्कालीन सरकार ने इसे विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की लेकिन कुलपति की नियुक्ति के अलावा आगे कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब हम फिर से अम्बेडकर पीठ को एक बेहतर केन्द्र बनाने के प्रयास में जुट गये हैं।

विधानसभा अध्यक्ष श्री कैलाश मेघवाल ने संविधान निर्माण, शिक्षा, सामाजिक समरसता सहित विभिन्न क्षेत्रों में बाबा साहेब की उल्लेखनीय भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि देश के लिए उनके योगदान को देखते हुए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि हमारे संविधान की उद्देशिका (च्तमंउइसम) को देश के सब स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए, जिससे हमारे विद्यार्थियों को स्कूल स्तर से ही अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों की जानकारी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि आज संयुक्त राष्ट्र में भी बाबा साहेब के योगदान पर चर्चा हो रही है, जिससे दुनिया के 195 देशों में उनके विचार पहुंचेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान को अपनी विधायक निधि से 10 लाख रुपये देने की घोषणा करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने छुआछूत जैसी अनेक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया और देश को पहला सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया।

कार्यक्रम की शुरूआत में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. अरूण चतुर्वेदी ने बाबा साहेब को एक युग पुरूष बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में अनेक कष्टों को भोगने के बाद भी सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उन्होंने देश को एक ऐसा संविधान दिया, जिससे आजादी के 68 साल बाद भी हमारा देश एक होकर खड़ा है।

डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष श्री भजन लाल रोलन ने बाबा साहेब के योगदानों को स्मरण करते हुए सामाजिक समरसता, लोकतांत्रिक महत्व, शिक्षा आदि से जुडे़ विभिन्न दृष्टांतों का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के आखिर में डाॅ. अम्बेडकर सोसायटी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप ट्राॅफी व प्रशंसा पत्र प्रदान किए।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल, परिवहन राज्यमंत्री श्री बाबूलाल वर्मा, संसदीय सचिव डाॅ. विश्वनाथ मेघवाल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती सुमन शर्मा, विधायकगण, अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

जयपुर, 14 अप्रेल 2016