सब जन- सब दल मिलकर सफल बनाएं इस अभियान को

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान पर कार्यशाला

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने आह्वान किया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को जन अभियान बनाने के लिए सब जन-सब दल मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पानी की सीमित मात्रा को देखते हुए इसके संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए सब आगे बढ़कर अपनी भागीदारी निभाएं। सभी दल राजनीति से ऊपर उठकर इस पुण्य कार्य में सहयोग करें।

श्रीमती राजे बुधवार को इन्दिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान के सभागार में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान पर आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में विचार प्रकट कर रही थीं। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान देश के 11 प्रतिशत भू-भाग पर फैला हुआ है, जबकि यहां जल की उपलब्धता मात्र 1 प्रतिशत ही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में सतही जल अपर्याप्त है, जिसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए भू-जल का दोहन रोकने के साथ ही वर्षा जल का संरक्षण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जन आंदोलन है जिसमें सभी दलों के सांसदों, विधायकों सहित समस्त जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों सहित आमजन की व्यापक भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सब एकजुट होकर इस अभियान में पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करेंगे तभी आने वाले जुलाई माह के दौरान मानसून में इसका लाभ सभी को मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण होगा तो भू-जल बढ़ेगा, सूखे नदी-नालों में पानी आएगा और एक रिवर बेसिन से दूसरे रिवर बेसिन में पानी जाएगा जिससे इसका सदुपयोग होगा। उन्होंने इस बात पर चिन्ता प्रकट की कि आज बारिश के 16.05 बिलियन क्यूबिक मीटर्स पानी में से 4 क्यूबिक मीटर्स पानी बर्बाद हो जाता है, जिसे मिलकर रोकना होगा और इसके लिए हम जल के संरक्षण के साथ-साथ एक ड्रिंकिंग वाटर ग्रिड स्थापित करना चाहते हैं, जिससे कि पेयजल के रूप में जल उपलब्ध हो सके। भू-जल का दोहन कम होने के साथ ही भू-जल स्तर बढ़ सके और लोगों को स्वच्छ पेयजल मिले।

श्रीमती राजे ने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों को प्रधानमंत्री ने भी नोटिस किया है। उन्होंने कहा कि जल स्वावलम्बन अभियान को सफल बनाने के लिए सभी प्रभारी मंत्रीगण, विधायकगण एवं जन प्रतिनिधि जिन-जिन गांवों में जा रहे हैं, उसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। सभी लोग मिलकर गांवों में कार्य करें और लोगों को इस अभियान से जोड़ने का कार्य भी करें।

अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग की मुख्यमंत्री की अपील पर मंत्रिमंडल के सदस्यों, केन्द्र सरकार में राजस्थान के मंत्रियों, राज्य के विधायकों, आयोगों के अध्यक्षों एवं जन प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी ओर से आर्थिक सहयोग देने की मौके पर ही घोषणा की। भारतीय प्रशासनिक सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों एवं जलदाय व जलग्रहण विभागों के अभियन्ताओं ने भी एक-एक दिन का वेतन देने की घोषणा की।

कार्यशाला की शुरूआत में राजस्थान नदी बेसिन व जल संसाधन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीयुत श्रीराम वेदिरे ने जल स्वावलम्बन अभियान की विस्तृृत रूपरेखा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताई। उन्होंने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनता को जल के समुचित उपयोग के बारे में जागृृत करने के साथ-साथ गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री कृृृषि सिंचाई योजना के लिए भी आधार प्रदान करेगा।

कार्यशाला में आईईसी क्रियान्वयन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप, जन प्रतिनिधि समन्वय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, धार्मिक ट्रस्ट समन्वय प्रकोष्ठ की अध्यक्ष जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, सामाजिक समन्वय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़, काॅरपोरेट समन्वय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, गैर सरकारी संगठन समन्वय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरूण चतुर्वेदी, वन समन्वय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कृृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने अपने-अपने प्रकोष्ठ द्वारा अभियान को सफल बनाने के लिए उठाए गए कदमों तथा अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री अखिल अरोड़ा ने बताया कि अभियान की समस्त गतिविधियों के संचालन के लिए आॅन लाइन सिस्टम तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए एक वेब एप्लीकेशन भी तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान में आर्थिक सहयोग के तहत कोई भी व्यक्ति कितनी भी राशि आॅन लाईन माध्यम से जमा करा सकता है।

श्री अरोड़ा ने बताया कि भामाशाह योजना के माध्यम से वित्तीय समावेशन में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि के लिए राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि भामाशाह योजना के तहत अब तक एक करोड़ छह लाख परिवार तथा तीन करोड़ साठ लाख लोग पंजीकृत हुए हैं। एक करोड़ 28 लाख ट्रान्जेक्शन हुए हैं, जिनके माध्यम से 880 करोड़ रुपये के बैंक में जमा हुए हैं जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

कार्यशाला के खुले सत्र में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए जनप्रतिनिधियों ने अभियान की सफलता एवं वाॅटरशेड कार्यक्रमों के सम्बन्ध में सुझाव दिए।

कार्यशाला में केन्द्रीय मंत्रीगण, राज्य मंत्री परिषद के सदस्य, विभिन्न आयोगों और बोर्डों के अध्यक्ष, जिलाप्रमुख, महापौर, सांसदगण, विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 13 जनवरी 2015