विकास लक्ष्य को हासिल करने में इनर इन्जीनियरिंग उपयोगी

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे जनप्रतिनिधि और अधिकारी अधिक कार्यक्षमता के साथ कार्य कर सकें, इसी उद्देश्य को लेकर ईशा फाउण्डेशन के सहयोग से ’इनर इन्जीनियरिंग – टेक्नोलॉजीज फॉर वेलबीइंग’ शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लक्ष्य को हासिल करने में यह शिविर काफी उपयोगी साबित होगा।

श्रीमती राजे शुक्रवार को सीतापुरा में जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय ’इनर इन्जीनियरिंग – टेक्नोलॉजीज फॉर वेलबीइंग’ शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह शिविर जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों की सकारात्मक सोच को और अधिक विकसित करेगा जिससे उन्हें जीवन में नई ऊर्जा मिलेगी। वे प्रदेश के चहुंमुखी विकास में अपना बेहतर योगदान दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सद्गुरू श्री जग्गी वासुदेव जी द्वारा आयोजित इन शिविरों एवं लोक कल्याण के कार्यक्रमों से पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राजनीति से दूर एक तनावमुक्त और खुशहाल वातावरण देने का अभियान है। जिससे पूरी दुनिया में लाखों लोग जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इस सराहनीय प्रयास के लिए सद्गुरू का धन्यवाद ज्ञापित किया।

हमें उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए – सद्गुरू

सद्गुरू श्री जग्गी वासुदेव जी ने शिविर के प्रारम्भिक सत्र में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए। इसके लिए हमें स्वयं के साथ अच्छा होना होगा और अन्दर से खुश रहना होगा उन्होंने कहा कि जब हम अच्छा महसूस करते हैं तो हम आसपास रह रहे लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार करते हैं। अपने अन्दर खुश रहना ही इनर इन्जीनियरिंग है। सद्गुरू ने कहा कि जब हम खुश होते हैं तो अपनी चरम क्षमता के साथ कार्य करते हैं। उन्होंने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप शासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो लाखों – करोड़ों लोगों के जीवन को छू सकते हैं। आपके हाथों में ज्यादा क्षमताएं है, इसलिए आप सबका खुश रहना और तनाव मुक्त होना भी आवश्यक है।

शाम्भवी महामुद्रा से सीखा जीवन शैली को संतुलित करना

शिविर के दौरान प्रतिभागियों को ’’शाम्भवी महामुद्रा’’ के माध्यम से जीवन शैली को संतुलित और ऊर्जामयी बनाने की कला सिखाई गई। साथ ही योग के जरिए शरीर, मन, भावनाओं व ऊर्जा के उचित प्रबन्धन द्वारा एक शक्तिशाली व सहज जीवन जीने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा शिविर में प्रतिभागियों को ऐसी क्रियाएं भी सिखाई गईं, जिनसे वे अपने अंदर संतुलन व सुख का अनुभव कर सकें और उनमें वैज्ञानिक, तर्कपूर्ण तथा हास्यपूर्ण स्वभाव का विकास हो।

स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण शिविर में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, जयपुर में पदस्थापित आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आरएएस एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

दुनिया भर में 30 लाख स्वयंसेवी हैं ईशा फाउण्डेशन के

उल्लेखनीय है कि योगी, रहस्यदर्शी और युगदृष्टा सद्गुरू एक लेखक, कवि और विश्वविख्यात वक्ता भी हैं। उन्हें भारत के 50 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया जा चुका है। सद्गुरू ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व आर्थिक मंच जैसे कई प्रमुख मंचों से लोगों को सम्बोधित किया है। वे ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक भी हैं जो एक लाभ रहित अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थान है। जिसके दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा स्वयंसेवी हैं।

ईशा फाउण्डेशन के कार्यक्रम दुनियाभर में प्रसिद्ध है। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आईएएस अफसरों की इन सर्विस ट्रेनिंग की सूची में इनर इंजीनियरिंग को शामिल किया है। ईशा फाउण्डेशन आयुष मंत्रालय की उस टास्क फोर्स का भी हिस्सा है जो अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की दिशा में कार्यरत है। यह फाउण्डेशन इस वर्ष पूरे देश में 30 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ रहे करीब डेढ़ करोड़ विद्यार्थियों तक योग अभ्यास पहुंचाने के लिए कार्यरत है।

जयपुर, 20 मई 2016