एक ही दिन में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था हो
परिवहन, प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड एवं वन विभाग की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सभी जिला परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों को एक ही दिन में लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होेंने अंतर्राज्यीय सीमाओं पर वे-ब्रिज स्थापित करने तथा कम्प्यूटराइजेशन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजे शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर परिवहन विभाग, वन विभाग एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया एक दिन में पूरी होने से आवेदकों को परिवहन विभाग के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने इस व्यवस्था को राज्य के 22 परिवहन कार्यालयों में 31 मार्च तक लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने संभागीय मुख्यालयों पर इंटीग्रेटेड कम्प्यूटराइज्ड फिटनेस सेंटर और आॅटोमेटेड ड्राइविंग टैªक के पीपीपी मोड पर संचालन का कार्य समयबद्ध रूप से पूरा करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए विशेषज्ञों से कार्य योजना बनवाकर निगम का संचालन व्यवस्थित करने, राजस्थान बस पोर्ट सर्विस काॅर्पोरेशन के कार्यों में समयबद्ध प्रगति लाने, राजस्थान लोक परिवहन सेवा के लिए नए रूट खोलने तथा अतिरिक्त खर्चों में कटौती और लीकेज कम करते हुए कार्य व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए।
वायु प्रदूषण नियंत्रण की कार्य योजना बनाएं
श्रीमती राजे ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर टेक्सटाइल उद्योग क्षेत्रों में अवशोधन संयंत्रों (सीईटीपी) के सुव्यवस्थित संचालन के लिए कानून बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने जयपुर सहित अन्य शहरों में वाहनों सहित दूसरे स्रोतों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों का अध्ययन कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बोर्ड द्वारा विभिन्न विकास परियोजनाओं तथा खदानों आदि के लिए समय पर स्वीकृतियां जारी करने पर संतोष जाहिर किया।
वन क्षेत्रों में अतिक्रमण रोकने के उपाय करने के निर्देश
वन विभाग की प्रगति की समीक्षा के दौरान श्रीमती राजे ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान‘ में विभाग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अभियान के तहत वाटरशेड संरचनाओं के निर्माण के बाद वन क्षेत्र में प्लांटेशन का कार्य किया जाएगा ताकि प्रदेश में हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने विभिन्न जिलों में नेचर पार्क, स्मृति वन तथा हर्बल गार्डन आदि विकसित करने की स्वीकृत योजनाओं के कार्याें में तेजी लाने के साथ-साथ अभयारण्यों में अतिक्रमण रोकने के लिये पर्याप्त उपाय करने के निर्देष दिये।
मुख्यमंत्री ने वनरक्षकों की भर्ती, वन-धन योजना, बागदड़ा, उदयपुर में क्रोकोडाइल पार्क, चूरू में नेचर पार्क, धौलपुर में वनविहार एवं उदयपुर में बायोलाॅजिकल पार्क के कार्यों मेें हुई प्रगति की समीक्षा की।
बैठकों में परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री राजकुमार रिणवा, मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, आरएसआरटीसी के चेयरमैन श्री उमराव सालोदिया, वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री निहालचंद गोयल, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव एवं परिवहन आयुक्त श्री पी.के. गोयल, आयोजना सचिव श्री अखिल अरोड़ा, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, आरएसआरटीसी के एमडी श्री राजेश यादव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर, 12 फरवरी 2016