जनपथ पर साकार हुई मरूधरा की बहुरंगी संस्कृति दिखाई दिए विकास के नये आयाम
रिसर्जेंट राजस्थान समिट-2015
रिसर्जेंट राजस्थान समिट-2015 की सांझ जनपथ पर जहां राजस्थान की बहुरंगी संस्कृति के विविध रंगों से सराबोर हुई वहीं मरूधरा में विकास की नई आहट भी सुनाई दी। इस अवसर पर दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम की मोहक प्रस्तुति में राज्य के स्वर्णिम अतीत, विकास की दौड़ में तेज गति से आगे बढ़ते वर्तमान परिदृश्य के साथ भविष्य की संभावनाओं को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्घोष ‘मेक इन इंडिया’ तथा मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के संकल्प ‘मेड इन राजस्थान’ ने इस प्रस्तुति को अविस्मरणीय बना दिया।
कार्यक्रम की शुरूआत में प्रथम पूज्य गणेश की स्तुति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया, वहीं जन-जन के रगों में जोश और उल्लास का संचार भरने वाला लोकप्रिय गीत ‘वन्देमातरम्’ की गूंज से जनपथ गुंजायमान हो उठा। इस प्रस्तुति में राजस्थान के चितेरे लोक कलाकारों में पारम्परिक लोकवाद्धयों के साथ दर्शकों को अभिभूत कर दिया।
जनपथ पर एक अनूठे दृश्य एवं श्रव्य (लाइट एण्ड साउण्ड) कार्यक्रम को देखकर अतिथि मंत्र-मुग्ध हो गये। इसमें ध्वनि और प्रकाश के जरिए राजस्थान की समृद्ध विरासत, परम्पराओं और लोक उत्सवों को समाहित किया, वहीं अतीत से वर्तमान तक हुए विकास यात्रा की झलक भी दिखलाई गई। आज राजस्थान देश और दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।पारम्परिक निर्माण के साथ आधुनिक नवाचारों, संचार क्रांति, सौर ऊर्जा, आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण सहित विकास के नये आयामों को इस शो में बखूबी दर्शाया गया। इस दरमियान जब ‘मेक इन इंडिया’ का प्रतीक शेर दहाड़ा तो सभी दर्शक रोमांचित हो उठे। विधानसभा के सामने ‘मेड इन राजस्थान’ का संकल्प भी उभर कर दिखाई दिया।
इस सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान के उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम के लोक नृत्यों के माध्यम से मरूधरा की बहुरंगी संस्कृति के विविध रंग बिखरे। डफ की थाप, सारंगी की स्वर लहरियां, कमायचा से निकलती मिठास, बृज का कृष्ण रास और नगाड़ों से गूंजते शौर्य के बीच जयपुर घराने के कथक, कालबेलिया एवं आदिवासी नृत्य, भवई, कच्छी घोड़ी, चरी नृत्य ने ऐसा समां बांधा कि सारा वातावरण हमारी संस्कृति के जीवन्त आयामों से चमक उठा।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में स्पेनिश दल द्वारा प्रशिक्षित कलाकारों ने जब बारीक नेट के सहारे आसमान पर हमारी आन-बान-शान के प्रतीक तिरंगे झण्डे की आकृति बनाई तो वातावरण तालियों की गडगड़ाहट से गूंज उठा। दूर से ऐसा लग रहा था जैसे ये जाबांज हवा में तैरते हुए विभिन्न करतब कर रहे थे। इस बीच जयश्री पेडिवाल स्कूल के बच्चों ने जब मंच में जय-जय मेरा राजस्थान का उद्घोष किया तो यह विहंगम दृश्य देखते ही बन रहा था।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे, केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र, मध्यप्रदेश की उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सहित केन्द्र एवं राज्य मंत्रीमण्डल के सदस्य, जनप्रतिनिधिगण, देश-विदेश से आये मेहमानों के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय दर्शक भी उपस्थित थे।
जयपुर, 19 नवम्बर 2015