आमजन के साथ संवाद के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं

कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि अधिकारियों को आमजन के साथ बेहतर संवाद बनाने के लिए मानवीय दृष्टिकोण से काम करना होगा और उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि कलक्टर्स को नई तकनीक के इस्तेमाल के साथ-साथ ऐसे विचारों पर भी काम करना होगा कि आमजन शासन में अपनी भागीदारी को महसूस करें। इसके लिए उन्हें लोगों के साथ उनके धरातल पर आकर सोचना होगा।

श्रीमती राजे दूसरे दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के भोजनोपरान्त सत्र की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कलक्टर्स, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों एवं सचिवों द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण देखे।

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के सचिव श्री आलोक द्वारा दिये जा रहे प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि राजस्व से जुड़े मामलों को ज्यादा लम्बित नहीं रखा जाए और ऐसे मामलों की सूची बनाकर उसका फॉलोअप किया जाए। श्रीमती राजे ने सभी कलेक्टर्स एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि दूसरों की जमीन पर कब्जे कर बैठे लोगों की कब्जे हटाकर वास्तविक हकदार को जमीन दिलाने के प्रयास करें। श्री आलोक ने अपने प्रस्तुतीकरण में डिजिटल इंडिया लेण्ड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन कार्यक्रम, रास्ता अभियान 2016 तथा जन कल्याण पंचायत शिविर में रास्तों से जुड़े मामलों की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

श्रीमती राजे ने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा के प्रस्तुतीकरण के दौरान एलईडी योजना एवं वेस्ट टू एनर्जी पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में चल रही विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों में आम नागरिकों की सक्रिय भूमिका के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने विभिन्न जिलों में चल रही आरयूआईडीपी परियोजनाओं की वस्तुस्थिति के बारे में कलेक्टर्स से फीडबैक लिया।

स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ. मंजीत सिंह ने स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अन्नपूर्णा रसोई योजना, शहरी क्षेत्र में आयोजित होने वाले जन कल्याण पंचायत शिविर आदि के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।

स्वच्छ भारत मिशन की मिशन डायरेक्टर श्रीमती आरूषि अजय मलिक ने ओडीएफ राजस्थान के तहत विभिन्न जिलों की अब तक की प्रगति जानकारी दी और बताया कि लोगों को इस मिशन से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि वे स्वेच्छा से अपने घरों में टॉयलेट बनवाने को प्रेरित हों।

श्रीमती राजे ने कलेक्टर्स को ओडीएफ राजस्थान की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए मिशन मोड पर कार्य करने एवं जिले की सभी ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त कराने की दिशा में गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों एवं आमजन को अभियान से जोड़ा जाए ताकि कम्यूनिटी मोबिलाइजेशन हो एवं लक्ष्य की प्राप्ति समय पर हो सके।

प्रमुख शासन सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग श्री पवन कुमार गोयल ने जिलों में बनी कमेटियों एवं उनकी बैठकों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। श्रीमती राजे ने इस दौरान कहा कि कलेक्टर्स प्रयास करें कि कुछ ऐसी कमेटियां जो एक ही विभाग से सम्बन्धित हों उनकी बैठक एक साथ ली जा सके।

बैठक में गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में राज्य, संभाग एवं जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने जिला कलक्टरों को इस सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए।

करौली जिला कलक्टर श्री मनोज कुमार शर्मा ने जन सहयोग से नदी पार करने के लिए बनाए गए रास्ते, स्कूली बालिकाओं के लिए ‘मुझे कुछ कहना है‘ अभियान तथा सामुदायिक सहयोग से काले हिरण के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने नागरिकों को स्वच्छता की सीख देने के लिए शहरी क्षेत्र में दूकानों पर कचरा संग्रहण का अभियान चलाने एवं रात्रि चौपाल के माध्यम से ग्रामीणों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इन अभिनव प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दूसरे जिलों में भी ऐसी ही पहल की जानी चाहिए।

बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, संसदीय सचिव, मुख्य सचिव श्री ओपी मीना एवं सभी विभागों के वरिष्ठतम अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 25 नवम्बर 2016