सादगी से मनाई जाएगी राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ
राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक
विकास पखवाड़े के आयोजन के साथ राज्य एवं जिला स्तर पर होंगे कई कार्यक्रम
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का होगा शुभारम्भ
राजस्थान राज्य विद्युत वितरण वित्त निगम के गठन का निर्णय
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में 13 दिसम्बर को राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर राज्य एवं जिला स्तर पर विकास पखवाड़ा, विकास प्रदर्शनी, योजनाओं का शुभारम्भ और शिलान्यास सहित अनेक कार्यक्रम सादगीपूर्ण तरीके से आयोजित करने का निर्णय लिया गया। दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर राज्य में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के शुभारम्भ, उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली आपूर्ति एवं विद्युत वितरण निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए राजस्थान राज्य विद्युत वितरण वित्त निगम लि. का गठन करने जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णयों के साथ ही जनहित में अनेक निर्णय लिए गए।
संसदीय कार्यमंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 13 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे जनपथ स्थित ‘अमर जवान ज्योति‘ स्मारक पर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगी। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं प्रचार साहित्य का विमोचन करेंगी। इसी दिन विधानसभा के सामने जनपथ पर एक विशाल आमसभा का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें कई नई योजनाओं का शुभारम्भ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 13 दिसम्बर की शाम को अल्बर्ट हाॅल पर एक राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक सभी जिलों में श्रम एवं नियोजन विभाग द्वारा रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ते हुए स्वाबलम्बी बनाने के उद्देश्य से 9 दिसम्बर को राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन कर युवाओं का चयन किया जाएगा। चयनित युवाओं को राजस्थान आजीविका मिशन के तहत रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका लाभ करीब सवा लाख युवाओं को मिलेगा।
श्री राठौड़ ने बताया कि 9 दिसम्बर से 11 दिसम्बर, 2015 तक सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर राज्य सरकार की दो वर्ष में अर्जित उपलब्धियों पर जानकारी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाएंगे। प्रभारी मंत्री प्रचार साहित्य का विमोचन करेंगे और स्थानीय मीडिया से रू-ब-रू भी होंगे।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयोजन में 15 से 18 दिसम्बर तक जिला स्तरीय विकास प्रदर्शनी आयोेजित की जाएगी जिसका उद्घाटन प्रभारी मंत्री करेंगे। साथ ही 14 से 31 दिसम्बर तक विकास पखवाड़े के तहत सभी प्रभारी मंत्री उपखण्ड स्तर पर योजनाओं/नवीन परियोजनाओं का उद्घाटन एवं लोकार्पण करेंगे। 20 दिसम्बर को सभी जिलों में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा जिसमें स्थानीय लोक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2014-15 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। इस योजना के तहत 1,700 पैकेज तैयार किए गए हैं, जिनमें एक करोड़ चयनित परिवार (राज्य के 67 प्रतिशत) लाभान्वित होंगे। प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष सामान्य बीमारी के लिए 30 हजार रुपये तथा चिन्हित गंभीर बीमारियों के लिए 3 लाख रुपये का बीमा कवर न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी के माध्यम से दिया जाएगा। समस्त राजकीय चिकित्सालयों तथा अधीकृत निजी चिकित्सालयों में यह सुविधा भामाशाह कार्ड के माध्यम से निःशुल्क एवं कैश लैस उपलब्ध होगी। इस योजना के सफल संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेन्सी का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति का गठन भी किया जाएगा।
श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में आरोग्य राजस्थान स्वास्थ्य सर्वे अभियान की समीक्षा भी की गई। अभियान के अंतर्गत 1 करोड़ 31 लाख परिवारों का डोर-टू-डोर सर्वे किया जाना है जिनमें से 58 लाख से अधिक परिवारों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष सर्वे दस दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। सर्वे की एंट्री के लिए आॅन लाइन साफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है। प्रत्येक व्यक्ति का ई-हैल्थ कार्ड बनाए जाने की सुविधा की प्रविष्टि आॅन लाइन साफ्टवेयर में की जा रही है। इसके तहत एक दिसम्बर, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए नौ हजार से ज्यादा स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। साथ ही इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए 30 नवम्बर तक समस्त जिला अस्पतालों में इसकी रिहर्सल कर ली जाएगी। शिविर के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर निजी चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जा सकेंगी।
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि विद्युत वितरण प्रबन्ध उत्तरदायित्व अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार विद्युत वितरण निगमों को पूंजी एवं कम लागत के ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य विद्युत वितरण वित्त निगम लि. नाम से एक कम्पनी के गठन का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से जहां विद्युत वितरण निगमों को आर्थिक सम्बल से मजबूती मिलेगी वहीं उपभोक्ताओं को बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
श्री राठौड़ ने बताया कि राजकीय सेवाओं में सीधी भर्ती हेतु 24 जनवरी, 2011 को जारी अधिसूचना के अनुसार महिला अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित 30 प्रतिशत आरक्षण में से 8 प्रतिशत विधवा तथा 2 प्रतिशत तलाकशुदा महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में इन पदों को इस श्रेणी में महिला उपलब्ध न होने पर उसी वर्ग की अन्य महिलाओं द्वारा तथा अन्य महिला भी उपलब्ध न होने पर पुरुष द्वारा भरे जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अब विधवा महिला के 8 प्रतिशत तथा तलाकशुदा महिला के 2 प्रतिशत कोटे में पद रिक्त होने पर इन्टरचेंज अर्थात इन कोटों में रही रिक्ति को एक-दूसरे की श्रेणी में उपलब्ध महिलाओं से भरा जा सकेगा। यदि फिर भी कोई पद रिक्त रहता है तो अन्य महिलाओं द्वारा तथा रिक्ति और भी उपलब्ध होने पर पुरुष द्वारा भरा जा सकेगा। इस निर्णय की पालना के लिए विविध सेवा नियमों में परिवर्तन किए जा रहे हैं।
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि एक अन्य नीतिगत निर्णय के तहत डाॅ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय को बंद करते हुए अम्बेडकर पीठ- सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में पुनः संचालित करने का फैसला लिया गया। राज्य में बजट सत्र वर्ष 2012-13 में जयपुर में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया था तथा अध्यादेश जारी कर 17 अक्टूबर, 2012 को गजट नोटिफिकेशन कर विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।
उन्होंने बताया कि विगत सरकार के अंतिम 6 माह में लिए गए निणर्याें की समीक्षा हेतु गठित की गई मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ने यह पाया कि इस विश्वविद्यालय के लिए न तो कोई भूमि आवंटित की गई और न ही कोई प्रवेश सम्बन्धी कार्यवाही की गई। केवल कुलपति की नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी। विश्वविद्यालय में कोई शैक्षणिक अनुभाग या सम्बद्ध महाविद्यालय भी नहीं है अतः इसे बंद किए जाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अब इसे पुनः अम्बेडकर पीठ-सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में संचालित किया जाने का निर्णय लिया गया जिससे यहां बेहतर शैक्षणिक एवं शोध सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
जयपुर, 24 नवम्बर 2015