राज्य में शीघ्र नई खनन नीति की घोषणा होगी – मुख्यमंत्री

जयपुर, 29 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार शीघ्र ही नई खनन नीति की घोषणा करेगी, जिससे प्रदेश में खनिज उद्योग को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा, निवेश बढ़ेगा और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से खनिज सम्पदा का पर्याप्त, नियंत्रित एवं उचित उपयोग हो सकेगा। उन्होंने व्यवसायियों का आह्वान किया कि वे आधुनिक तकनीक का उपयोग करें, जिससे खनिज सम्पदा का अधिकतम सदुपयोग हो और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को भी कम से कम क्षति पहुंचे।

श्रीमती राजे गुरूवार को सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेन्टर में आठवें ’इण्डिया स्टोनमार्ट-2015’ के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने इस अवसर पर जयपुर आर्किटेक्चरल फेस्टिवल के तहत चार श्रेणियों एक्सटीरियर फेसिंग, इंटीरियर डिजाइन, ग्रीन आर्किटेक्चर तथा लेण्डस्केपिंग में विजेताओं को आॅल इण्डिया स्टोन आर्किटेक्चरल अवार्ड भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थर उद्योग से निकलने वाले विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट की रिसाइक्लिंग करके उनका अन्यत्र उपयोग हो जिससे इनके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को नियन्त्रित किया जा सके। सरकार ने इसी कारण प्रदेश में ’मार्बल स्लरी’ से पाउडर बनाने को रायल्टी से मुक्त किया है। कई उद्यमियों ने मार्बल स्लरी से जिप्सम बनाने की इच्छा भी जताई है।

श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान खनिज के क्षेत्र में एक समृद्ध प्रदेश है, जहां 90 प्रतिशत से ज्यादा मार्बल, सैण्ड स्टोन तथा लाइम स्टोन का उत्पादन होता है। हमारे लिये खनिज सम्पदा केवल समृद्धि का ही नहीं बल्कि आजीविका का भी साधन है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक की आजीविका खनिज उद्योग पर निर्भर है। इसी कारण इस क्षेत्र का सतत विकास सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थर व्यवसाय में देश के सबसे बड़े और विश्व के अग्रणी आयोजन के रूप में स्टोनमार्ट की विशिष्ट पहचान बन गई है। ज्वैलरी फेस्टिवल, लिटरेचर फेस्टिवल, जवाहर कला केन्द्र के आयोजन, भक्ति फेस्टिवल जैसे कार्यक्रमों से राजस्थान को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर मिली ख्याति प्रदेशवासियों के लिये गौरव की बात है। ऐसे समारोहों से यहां की जनता को आनन्द की अनुभूति होती है, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है।

श्रीमती राजे ने शिल्प क्षेत्र के विशेषज्ञों का आह्वान किया कि वे सरकार के शहरों के नवीनीकरण और स्मार्ट सिटीज बनाने के मिशन में भागीदार बनें। हमारी सोच है कि शहरों का इस प्रकार विकास हो कि वे ग्रीन सिटीज के रूप में भी अपनी पहचान बनाये और उनकी खूबसूरती इतिहास में दर्ज हो। उन्होंने कहा कि पत्थर व्यवसाय में कुशल मानव संसाधन की जरूरत है। इस क्षेत्र में उद्यमी अपनी आवश्यकता सरकार से साझा करें व युवाओं के कौशल विकास के लिये भी आगे आयें।

श्रीमती राजे ने इंटरनेशनल स्टोन इण्डस्ट्री एग्जीबिशन का भी उद्घाटन किया और इसमें प्रदर्शित तुर्की, इटली, चीन व अन्य देशों सहित गुजरात, कर्नाटक व विभिन्न राज्यों के स्टोन उत्पादों को देखा। उन्होंने राजस्थान ग्रामीण विकास एजेंसी (रूडा) के आर्टिजन पेवेलियन शिल्पग्राम-2015 का भी शुभारम्भ किया और यहां प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने समारोह में ’एग्जीबिटर्स डायरेक्टरी 2015’ का भी विमोचन किया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राजस्थान के 20 जिलों की अर्थव्यवस्था पत्थर व्यवसाय पर निर्भर है। यहां के मार्बल, लाईम स्टोन, सेन्ड स्टोन व ग्रेनाईट जैसे खनिजों के उपयोग से देश के कई ऐतिहासिक स्मारकों का निर्माण हुआ है। मुख्य सचिव श्री सी.एस.राजन ने कहा कि स्टोन इन्डस्ट्री के विकास के लिए यह जरूरी है कि माईनिंग और इसकी प्रोसेसिंग आधुनिक और ’एनवायरमेन्ट फ्रेन्डली’ तरीके से हो। प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि स्टोनमार्ट पत्थर व्यवसाय से जुड़े लोगों के बीच संवाद और सम्पर्क का बड़ा प्लेटफार्म है।

इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव खनन श्री अशोक सिंघवी, सेन्टर फाॅर डवलपमेंट आॅफ स्टोन के वाइस चेयरमेन श्री अशोक कुमार धूत व सीईओ श्री आर.के. गुप्ता, इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ आर्किटेक्चर के श्री प्रकाश देशमुख, फिक्की के डीजी श्री अरबिन्द प्रसाद सहित वरिष्ठ अधिकारी और देश-विदेश से आए पत्थर व खनिज उद्योग के उद्यमी और व्यवसायी उपस्थित थे।

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