लॉयन और टाइगर सफारी शुरू होगी
नाहरगढ़ जूलोजिकल पार्क का उद्घाटन
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि नाहरगढ़ जूलोजिकल पार्क में निकट भविष्य में लॉयन और टाइगर सफारी की सुविधा शुरू होगी जिसकी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। श्रीमती राजे विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को नाहरगढ़ जूलोजिकल पार्क प्रदेशवासियों को समर्पित करते हुए संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि नाहरगढ़ जूलोजिकल पार्क के रूप में यहां एक और अध्याय जुड़ गया है जो जयपुर आने वाले पर्यटकों को एक नई अनुभूति देगा।
उन्होंने कहा कि 1876 में 5 हेक्टर क्षेत्र में बना जयपुर चिड़िया घर उस समय अपनी तरह का पहला चिड़िया घर था जिस पर जनसंख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी, बढ़ते प्रदूषण और शोरगुल की वजह से बुरा असर पड़ रहा था। वन्य जीवों को प्रदूषण और शोर गुल से बचाने के उद्देश्य से 80 हेक्टेयर क्षेत्र में नाहरगढ़ जूलोजिकल पार्क विकसित किया गया है। जहां वन्य जीवों को रहने के लिए पहले के मुकाबले बडे़ आकार के बाड़े उपलब्ध है, जिनमें अब वे स्वच्छन्द वातावरण में विचरण कर सकेंगे।
राजे ने समझा बेजुबान का दर्द
मुख्यमंत्री जूलोजिकल पार्क में अकेले हिमालयन काले भालू को देखकर भावुक हो गईं। उन्होंने तत्काल ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस काले भालू का अकेलापन हर हाल में दूर किया जाये।
उन्होंने कहा कि जोधपुर प्रवास के दौरान उन्होंने माचिया पार्क में एक ऐसा ही भालू देखा था। या तो उस भालू को यहां लाया जाए या इसे वहां भेजा जाए। इससे इन दोनों को अकेलेपन का अहसास नहीं होगा और ये प्रफुल्लित मन से विचरण कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव बेजुबान जरूर है लेकिन इनकी भी संवेदनाएं हैं, इनकी भी भावनाएं हैं, जिनका इजहार भले ही ये न कर पाए, हमें तो इनकी पीड़ा समझनी चाहिए।
रामनिवास बाग पक्षीशाला होगी स्थानान्तरित
मुख्यमंत्री इस जूलोजिकल पार्क की सुन्दरता में चार चांद लगाने के लिए यहां एक बटर फ्लाई गार्डन बनाने और रामनिवास बाग स्थित पक्षीशाला को भी इस पार्क में स्थानान्तरित करने के निर्देश दिए। जिससे पर्यटक और अधिक संख्या में आए तथा उन्हें एक ही स्थान पर सभी तरह के वन्य जीवों एवं पक्षियों को देखने का अवसर मिले सके।
लुप्त दुर्लभ प्रजातियों का होगा संरक्षण
श्रीमती राजे ने कहा कि वन्य जीवों की लुप्त हो रही दुर्लभ प्रजातियों के लिए संरक्षित प्रजनन के लिए प्राकृतिक आवासों को फिर से पुनर्स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिड़ियाघरों में इंटरंशिप कार्यक्रम शुरू किए जाये जिससे लुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए शोध करने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस जूलोजिकल पार्क में गुजरात के जूनागढ़ और बैंगलूरू के बनेरघट्टा से शेर, दिल्ली से सफेद बाघ, यूपी के लखनऊ से मगरमच्छ और पैंथर तथा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पार्क में वन्य जीवों की संख्या बढ़ाई जायेगी ताकि यहां पर्यटक अधिक समय पर रुक सके।
पैंथर और जरख के बच्चों की जोड़ी ने मोहा मन
मुख्यमंत्री ने करीब चार माह के पैंथर और जरख के बच्चों को देखा। उनके सिर पर हाथ फेरा और उनका दुलार किया। वैसे तो पैंथर और जरख में स्वभावगत दुश्मनी होती है। लेकिन बचपन में अपनी मॉं से बिछडे ये दोनों बच्चे अब एक पल भी एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते। यह जानकर मुख्यमंत्री ने कहा इंसानों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए।
श्रीमती राजे ने जूलोजिकल पार्क का भ्रमण कर सभी वन्य जीवों को देखा। इस दौरान उन्होंने उद्यान मित्र बच्ची मीनाल से शेर के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उद्यान में मौजूद वन्य जीवों के फैन क्लब बनाने का भी सुझाव दिया।
ये भी रहे मौजूद – विधायक मोहन लाल गुप्ता, सुरेन्द्र पारीक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री एसएस चौधरी, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री जीवी रेड्डी, उप वन संरक्षक चिड़िया घर जयपुर श्रीमती आकांक्षा चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री एनसी गोयल, जेडीसी श्री शिखर अग्रवाल, श्री सतीश पूनिया, संभागीय आयुक्त श्री राजेश्वर सिंह, जिला कलेक्टर श्री सिद्धार्थ महाजन।
जयपुर, 4 जून 2016