ग्राम पंचायतों के क्लस्टर स्तर पर करें जनसुनवाई

जनसमस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के हों समन्वित प्रयास

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी साथ बैठकर लोगों की समस्याओं को दूर करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, उपखंड एवं जिला स्तर पर ही जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के द्वारा जनसमस्याओं का समाधान कर देने से लोगों को राहत मिलेगी और उन्हें अपनी पीड़ा को लेकर जयपुर नहीं आना पड़ेगा।

श्रीमती राजे कलक्टर-एसपी कांफ्रेंस के अंतिम दिन शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कांफ्रेंस हाॅल में राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्यों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ भरतपुर, बीकानेर तथा उदयपुर संभाग में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में की गई जनसुनवाई में प्राप्त जनसमस्याओं के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी समस्याएं जिनका निस्तारण जिला स्तर पर संभव नहीं हैं, वे ही जयपुर पहुंचें। उन्होंने कहा कि माह के चैथे या अंतिम शुक्रवार को उपखंड अधिकारी व ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी अपने अधीन ग्राम पंचायतों के क्लस्टर बनाकर वहां जनसुनवाई व पूर्व में दर्ज समस्याओं की प्रगति की समीक्षा करें। इस बैठक में क्षेत्र के विधायक भी सम्मिलित होंगे। इस जनसुनवाई में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उस पंचायत क्लस्टर का कोई भी परिवादी आ सकता है। क्लस्टरवार सुनवाई का यह कार्यक्रम प्रतिमाह रोटेशन से चलता रहेगा।

माह के तीसरे गुरुवार को होगी जिला स्तर पर सुनवाई

श्रीमती राजे ने कहा कि माह के तृतीय गुरुवार को जिला कलक्टर व समस्त जिला स्तरीय अधिकारी जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई करेंगे, जिसमें क्षेत्र के समस्त विधायक सम्मिलित होंगे। इसमें क्लस्टर स्तर पर सुनवाई के दौरान निस्तारण से लंबित रहे प्रकरणों, लम्बी अवधि से दर्ज किन्तु निस्तारित नहीं हुए प्रकरणों तथा सतर्कता समिति के समक्ष लंबित प्रकरणों की सुनवाई व समीक्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने भरतपुर जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां महीने में एक दिन सभी विधायक, कलक्टर एवं अन्य अधिकारी एक साथ बैठकर आमजन की पीड़ा को सुनकर उन्हें राहत पहुंचाते हैं। ऐसी ही व्यवस्था अन्य जिलों में भी अपनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याएं प्रशासन तक सही रूप में पहुंचे और उनका समय पर निराकरण हो इस प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग जरूरी है।

नवाचार दर्ज होंगे सम्पर्क पोर्टल पर

श्रीमती राजे ने कहा कि विभिन्न जिलों में जो भी नवाचार किये जा रहे हैं, उन्हें भी राजस्थान संपर्क पर दर्ज करने की व्यवस्था कर दी गई है। इससे विभिन्न सुझावों तथा श्रेष्ठ नवाचारों के आधार पर अन्य जिलों के कलक्टर भी कार्य कर जनता को तुरन्त राहत पहुंचा सकें।

मुख्यमंत्री ने ‘न्याय आपके द्वार’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए सालों से उलझे पड़े करीब 13 लाख नामांतरण, खाता दुरुस्ती, खाता विभाजन तथा खातेदारी सम्बन्धी राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया जिससे जनता को राहत मिली। यदि बरसों से लंबित इन प्रकरणों को समय पर निपटा लिया जाता तो आमजन को इतना इंतजार नहीं करना पड़ता और सरकार को विशेष अभियान चलाकर मिशन मोड पर काम नहीं करना पड़ता।

श्रीमती राजे ने निर्देश दिए कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की जनसुनवाई के जिन प्रकरणों का निस्तारण हो चुका है उनका जिला कलक्टर के स्तर पर सत्यापन किया जाए। इससे उन्हें वस्तुस्थिति का पता चलेगा कि वास्तव में प्रार्थी को जमीनी स्तर पर कितना लाभ मिला। उन्होंने निर्देश दिए कि दर्ज प्रकरणों के सत्यापन की प्रगति को राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर अनिवार्य रूप से डाला जाए। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की नागरिक सेवाएं आॅनलाइन हो चुकी हैं और ई-मित्र से जोड़ी जा चुकी हैं, उनकी भी नियमित समीक्षा कर समयबद्ध निस्तारण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को जनसमस्याएं दूर करने के लिए नियमित निरीक्षण तथा रात्रि विश्राम करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे उन्हें क्षेत्र की समस्याओं के बारे में फीडबैक मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कर्मचारियों के मुख्यालय पर नहीं ठहरने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए ताकि जनता को राहत मिले।

मुख्यमंत्री के विशिष्ट सचिव श्री के. के. पाठक ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में प्राप्त जनसमस्याओं के निराकरण, केबिनेट निर्णयों एवं मुख्यमंत्री द्वारा की घोषणाओं की क्रियान्विति की प्रगति के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।

जयपुर, 25 जुलाई 2015

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