नागरिक प्रशासन एवं सेना टीम के रूप में कार्य करें तो हो सकती हैं कई समस्याएं हल
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि सिविल एडमिनिस्ट्रेशन एवं सेना एक टीम के रूप में कार्य कर कई बदलाव ला सकती है। प्राकृतिक आपदाओं के समय लोगों की जान बचाने एवं राहत कार्यों में सेना की भूमिका की तारीफ करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार सेना की जरूरतों के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आधारभूत सुविधाओं एवं कल्याणकारी कार्यों के लिए राज्य सरकार की ओर से सेना को सहयोग मिलता रहेगा।
श्रीमती राजे गुरूवार को सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान के जयपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित सिविल-मिलिट्री लायजन कांफ्रेंस को सम्बोधित कर रही थीं। सम्मेलन में सेना एवं राज्य सरकार के बीच आपसी सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत कार्यों में सेना को विशेष दक्षता हासिल है। इस दक्षता का उपयोग पुलिस, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमनकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने में किया जा सकता है ताकि राज्य सरकार का आपदा राहत तंत्र भी और सुदृढ़ हो सके।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने सैन्यकर्मियों एवं उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी कार्यों में कोई कमी नहीं रखी है। शहीदों की विधवाओं को विशेष पहचान पत्र इश्यू किये जा रहे हैं जिससे उनके कार्य सरकारी कार्यालयों में त्वरित गति से हो सकेंगे और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना के तहत सभी शहीदों की विधवाओं को फ्री इंश्योरेंस की सुविधा दी गई है इसके अलावा करगिल युद्ध के शहीदों की विधवाओं को मकान अथवा जमीन के बदले में दी जाने वाली नकद राशि चार लाख से बढ़ाकर बीस लाख रूपये कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वीरता पदक विजेताओं को दी जाने वाली नकद सहायता राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। सेना मैडल के विजेताओं को मिलने वाली सहायता राशि दो लाख से बढ़ाकर 6.25 लाख जबकि शौर्य चक्र विजेताओं को मिलने वाली राशि 6 लाख से बढ़ाकर साढ़े आठ लाख कर दी गई है। उन्होंने बताया कि टोंक में सैनिक विश्राम गृह के लिए राज्य सरकार ने 60 लाख रूपये आवंटित किये हैं। सेना क्षेत्र में विभिन्न आधारभूत विकास कार्यों के लिए भी राशि मंजूर की गई है। उन्होंने कहा कि मिलिट्री स्टेशन जयपुर के आसपास ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी दे दी गई है, जिस पर जेडीए शीघ्र ही कार्य शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति के आसपास सौंदर्यकरण का कार्य भी किया जा रहा है।
श्रीमती राजे ने कहा कि थार के मरूस्थल में पाया जाने वाले गोडावण पक्षी की प्रजाति खतरे में है। गोडावण के संरक्षण के लिए उन्होंने सेना से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सेना के पोकरण स्थित फायरिंग रेंज में भी गोडावण पक्षी देखे गये हैं। सेना एवं वन विभाग मिलकर एक निगरानी तंत्र विकसित कर सकते हैं ताकि विलुप्त होने का खतरा झेल रहे राजस्थान के राज्य पक्षी को बचाया जा सके।
दक्षिण-पश्चिम कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल अरूण कुमार साहनी ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए सेना नागरिक प्रशासन को हर तरह का सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने विभिन्न मुद्दों को हल करने में राज्य सरकार की ओर से सेना को मिल रहे सहयोग एवं पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन सेना एवं नागरिक प्रशासन के आपसी समन्वय एवं सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगा।
सम्मेलन में मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, दक्षिण-पश्चिम कमान के चीफ आॅफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एच.जे.एस. सचदेव, जीओसी 10 काॅप्र्स, लेफ्टिनेंट जनरल डी.आर. सोनी, चीफ आॅफ स्टाफ 12 काॅप्र्स मेजर जनरल एस.के. जाखड़, जीओसी 61 सब एरिया मेजर जनरल एस.के. झा, अतिरिक्त मुख्य सचिव यूडीएच श्री अशोक जैन, प्रमुख शासन सचिव सामान्य प्रशासन श्री ए.के. सिंह, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा सहित राज्य सरकार एवं सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सम्मेलन के अंत में लेफ्टिनेंट जनरल अरूण साहनी ने मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
जयपुर, 10 सितम्बर 2015