दिव्यांगजनों के लिए बनेगी अन्तर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी, 15 लाख दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने का करेंगे काम
पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन अभियान का दूसरा चरण
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के करीब 15 लाख दिव्यांगजनों को सक्षम और स्वावलंबी बनाने का काम करेंगे और इसके लिए राज्य सरकार विशेष अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी स्थापित करने की योजना बना रही है। विशेष योग्यजनों को समर्पित इस अन्तरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार की एक अन्य अन्तर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी से वार्ता चल रही है।
श्रीमती राजे बुधवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन अभियान के दूसरे चरण के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थीं।
दिव्यांगों का कराएंगे बीमा, ट्राइसाइकिल के लिए विधायक कोष से सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्हें संबल प्रदान करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने 13 दिसम्बर से शुरू होने वाले अभियान के तीसरे चरण में विधायक कोष के सहयोग से दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से प्रदेश के सभी पात्र दिव्यांगजनों को जोड़ने तथा 25 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि इस भर्ती के बाद अब शिक्षकों के रिक्त पदों की समस्या नहीं रहेगी।
दिव्यांगजनों को मिली यूनिक पहचान
श्रीमती राजे ने इस अवसर पर तीन विशेष योग्यजनों को प्रदेश के पहले यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड तथा पांच अन्य विशेष योग्यजनों को डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट और सहायक उपकरण प्रदान किए। ये यूनिक आईडी कार्ड स्थायी होंगे और इनके माध्यम से पूरे देश में दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया जा सकेगा।
13 दिसम्बर से शुरू होगा तीसरा चरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का ऐसा राज्य बन गया है जहां दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए संवेदनशील नजरिए के साथ एक जून से पंडित दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन अभियान व्यापक स्तर पर शुरू किया गया है। अभियान के पहले चरण में साढ़े सात लाख विशेष योग्यजनों को चिन्हित कर उनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया है। बुधवार से शुरू हुए दूसरे चरण में दिव्यांगजनों का प्रमाणीकरण किया जाएगा। इसी तरह 13 दिसम्बर से तीसरे चरण में जिला स्तर पर शिविर आयोजित कर कृ़़त्रम अंग एवं सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे।
देवेन्द्र झाझडिया से लें प्रेरणा
श्रीमती राजे ने प्रदेश के सभी दिव्यांगजनों को खेल रत्न पुरस्कार विजेता पैरा एथलीट श्री देवेन्द्र झाझडिया से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हमारे भीतर आत्मबल है तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
श्रीमती राजे ने जामडोली स्थित विमंदित गृह एवं पुनर्वास केन्द्र के दिव्यांग बालक-बालिकाओं द्वारा तैयार किए गए हस्तनिर्मित उत्पाद देखे। इस दौरान जब विमंदित गृह की बालिकाओं इंदिरा और पूजा ने मुख्यमंत्री को उनके तस्वीर लगे फ्रेम भेंट किए तो मुख्यमंत्री अभिभूत हो गई और उनकी सराहना की। मुख्यमंत्री ने जामडोली विमंदित गृह, आनंदीलाल पोद्दार मूक-बधिर विद्यालय तथा दिशा संस्था के बच्चों द्वारा महिला सशक्तीकरण तथा अन्य सामाजिक विषयों पर दी गई प्रस्तुतियों को भी सराहा और उनकी हौसला अफजाई की।
इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की 17 योजनाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। विशेष योग्यजन स्किल डवलपमेंट सेंटर के माध्यम से 280 दिव्यांगों को रोजगार से जोड़ा गया है। निशक्तजन आयुक्त श्री धन्नाराम पुरोहित, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री जेसी मोहंती, निदेशक डॉ. समित शर्मा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत, संसदीय सचिव श्री कैलाश वर्मा, सांसद श्री रामचरण बोहरा, महापौर श्री अशोक लाहोटी, विधायक श्री मोहनलाल गुप्ता, श्री सुरेन्द्र पारीक, श्री निर्मल कुमावत, श्री प्रेमचंद बैरवा तथा भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक श्री डीआर मेहता सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन एवं उनके परिजन भी उपस्थित थे।
जयपुर, 27 सितम्बर 2017