केन्द्र सरकार राजस्थान की परवन जल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे

मुख्यमंत्री की केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गुरूवार को केंद्रीय जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्री सुश्री उमा भारती से मुलाकात की। उन्होंने चम्बल की सहायक परवन नदी पर प्रस्तावित जल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर राज्य सरकार को कार्य शुरू करने की अनुमति देने एवं जरूरी केंद्रीय हिस्सेदारी प्रदान करने की मांग की है। इस परियोजना में ‘प्रेशर इरीगेशन तकनीक’ अपनाने से सिंचित क्षेत्रा में हुई बढ़ोतरी के चलते करीब 7848 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।

श्रीमती राजे ने नई दिल्ली के श्रम शक्ति भवन में केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात में कहा कि राज्य सरकार ने ‘राजस्थान वॉटर सेक्टर री-स्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट इन डेजर्ट एरिया’ (आर.डब्ल्यू.एस.आर.पी.) के लिए 32 हजार 911 करोड़ 64 लाख रूपये की अनुमानित लागत का प्रस्ताव केन्द्रीय मंत्रालय के समक्ष भेजा है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव की अनुशंषा केन्द्रीय वित्त मंत्रालय को जल्द भिजवाई जाए ताकि ब्रिक्स बैंक से परियोजनाओं के लिए ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया जल्द पूर्ण की जा सके।

मुख्यमंत्री ने ‘राजस्थान वॉटर सेक्टर लाइवलीहुड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट’ के लिए केन्द्रीय जल आयोग से जल्द टी.ए.सी. क्लीरियेंस प्रदान करवाने का आग्रह भी किया, ताकि राज्य के 25 जिलों की 183 सिंचाई उप परियोजनाओं के पुनरोद्धार एवं नवीनीकरण के कार्य जल्द शुरू किये जा सकें। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 3,461 करोड़ रूपये आंकी गई है।

श्रीमती राजे ने भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान से पूर्ण कालिक सदस्य की पुरजोर मांग रखी। उन्होंने सतलज-व्यास और रावी नदियों से राजस्थान को मिलने वाले जल के हिस्से में रूकावटों से अवगत करवाते हुए केन्द्रीय मंत्री से कहा कि पंजाब एवं हरियाणा राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये जाए, ताकि इंदिरा गांधी परियोजना की बीकानेर नहर में जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इसी प्रकार उन्होंने राज्य के भरतपुर जिले को यमुना जल की कम आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए और इस संबंध में हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सहयोग से “हर खेत पानी परियोजना” के अन्तर्गत संचालित 32 ‘रिपेयर, रिनोवेशन, री-स्टोर ऑफ वॉटर बॉडीज’ प्रोजेक्ट की क्रियान्वित के लिए केन्द्र सरकार पर बकाया 19 करोड़ 38 लाख रूपये जल्द जारी करने का आग्रह भी किया, ताकि मार्च, 2017 तक इन परियोजनाओं को पूर्ण किया जा सके। उन्हांने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत भेजे गये 36 ‘रिपेयर, रिनोवेशन, री-स्टोर ऑफ वॉटर बॉडीज’ के प्रस्तावों की जल्द स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। इस कार्य के लिए केन्द्र से 39 करोड़ 82 लाख रूपये की स्वीकृति भी जल्द प्रदान करने की मांग की।

बैठक में केन्द्रीय जल संसाधन एवं नदी विकास राज्य मंत्री श्री विजय गोयल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री निहाल चंद, राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री ओपी सैनी भी उपस्थित थे।

नई दिल्ली/जयपुर 27 अक्टूबर 2016