प्रदेश में 37 अंक बढ़ा बाल लिंगानुपात

मुख्यमंत्री के प्रयास रंग लाए

बेटियों को बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का सकारात्मक असर अब नजर आने लगा है। प्रदेश में विगत वर्षों में लिंगानुपात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2011 की जनगणना की तुलना में वर्ष 2015 में बाल लिंगानुपात 37 अंक बढ़कर 925 हो गया है। वर्ष 2011 में 0 से 6 वर्ष तक का लिंगानुपात 888 था।

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर प्रदेश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया है। साथ ही, प्रदेश में लिंगानुपात बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। भामाशाह योजना, राजश्री योजना, आपणी बेटी योजना सहित अन्य कई योजनाएं प्रदेश में संचालित की गई हैं, जो महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। साथ ही, जिन परिवारों में बेटी का जन्म होता है, उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित बधाई पत्र भेजा जाता है।

राज्य सरकार द्वारा प्रसव पूर्व लिंग जांच की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अपनी तरह की पहली मुखबिर योजना और जीपीएस युक्त सोनोग्राफी मशीनों जैसे नवाचार किए गए हैं। इन सब योजनाओं से प्रदेश में लिंगानुपात में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

जयपुर, 9 जुलाई 2016