कॉलेज व्याख्याता भी अब कहलाएंगे असि. प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर एवं प्रोफेसर

मुख्यमंत्री ने रूक्टा अधिवेशन में की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कॉलेज शिक्षा में कार्यरत व्याख्याताओं की लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए उनका पदनाम परिवर्तित करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर करने की घोषणा की है। इस संबंध में कॉलेज शिक्षा सेवा नियमों में आवश्यक संशोधन किये जाएंगे।

श्रीमती राजे बुधवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रूक्टा) के 55वें प्रान्तीय अधिवेशन को सम्बोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि पहले कॉलेज व्याख्याताओं का करियर एक व्याख्याता के रूप में शुरू होता था और इसी पद से वो सेवानिवृत्त भी हो जाते थे लेकिन अब उन्हें आगे बढ़ने के अच्छे अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा से जुड़ी अन्य समस्याओं पर भी विचार-विमर्श कर उन्हें शीघ्र दूर किया जायेगा।

सभी राजकीय महाविद्यालयों में मिलेगी वाई-फाई सुविधा

श्रीमती राजे ने कहा कि सभी राजकीय महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। अभी धौलपुर, बारां, सीकर एवं जयपुर के राजकीय महाविद्यालयों में तथा बारां एवं झालावाड़ के राजकीय कन्या महाविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।

600 व्याख्याताओं, 129 लाइब्रेरियन, 148 शारीरिक शिक्षकों की भर्ती होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर, 2018 तक राजकीय महाविद्यालयों में रिक्त होने वाले व्याख्याताओं के सभी संभावित 600 से अधिक पदों को भरने के लिए आवश्यक कार्यवाही शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में महाविद्यालयों में व्याख्याताओं के पद रिक्त नहीं रहें। उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन के 129 एवं शारीरिक शिक्षकों के 148 पदों को भरने के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन कर दिया गया है। शीघ्र ही लोक सेवा आयोग द्वारा ये भर्तियां की जायेंगी।

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श्रीमती राजे ने कहा कि आरपीएससी द्वारा विभिन्न विषयों के 1248 पदों के लिए लिखित परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं, जिनके परिणाम इस माह आने की संभावना है। अगला सत्र शुरू होने से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।

दायित्व को प्रोफेशन नहीं मिशन समझें शिक्षक

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक प्रोफेशन नहीं मिशन समझकर अपने दायित्वों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में संस्कृति, मूल्य तथा राष्ट्रीयता को बढ़ाने के लिए यह तय करना होगा कि कैसे विषय पढ़ाए जाएं।

श्रीमती राजे ने कहा कि हमने पिछले तीन साल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 28 नये महाविद्यालय खोलने, 5 महाविद्यालयों को क्रमोन्नत करने, स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में 14 नवीन विषय प्रारम्भ करने, 14 राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर विभिन्न नवीन विषय प्रारंभ करने, महाविद्यालयों में हर सत्र में 26 हजार सीटें बढ़ाने सहित अनेक काम किए हैं।

निजी महाविद्यालयों में भी बनेंगे रोजगार प्रकोष्ठ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मूक-बधिर तथा नेत्रहीन विद्यार्थियां के लिए पहली बार उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। शिक्षा के साथ-साथ रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सभी महाविद्यालयों में रोजगार प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। अब ऐसे प्रकोष्ठ सभी निजी महाविद्यालयों में स्थापित किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां रोजगार व स्व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दो कौशल विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है।

विकास के लिए शोध आवश्यक

श्रीमती राजे ने कहा कि शोध विकास के लिए आवश्यक होता है। शिक्षक ऐसे शोध करवाएं जिसका विद्यार्थियों को भी लाभ मिले तथा सरकार भी उसे विकास के लिए काम ले सके। उन्होंने आदर्श एवं डिजिटल गांव की संयुक्त अवधारणा पर शोध करने तथा एक-एक गांव गोद लेने के लिए शिक्षकों का आह्वान किया।

शिक्षा का स्तर बढ़ाना सभी का दायित्व

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि राज्य के कई महाविद्यालयों ने नैक ग्रेडिंग हासिल की है, जिसमें शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने रूक्टा की स्मारिका तथा मासिक पत्रिका के विशेषांक का विमोचन भी किया। इस दौरान रूक्टा के पदाधिकारी, विभिन्न शिक्षाविद, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

जयपुर, 11 जनवरी 2017