विश्वकर्मा जयन्ती पर मनाया जायेगा राजस्थान एमएसएमई दिवस
इण्डिया इण्डस्ट्रियल फेयर के अन्तर्गत एमएसएमई कॉनक्लेव
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्यम विश्व के कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को सुदृ़ढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रदेश के एमएसएमई उद्यमियों ने भी न सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनिया में नाम कमाया है। इन उद्योगों के महत्व को देखते हुए ही हमने इन उद्यमों को प्राथमिकता में रखकर इनके लिए अलग नीति बनाई है। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश में विश्वकर्मा जयन्ती को एमएसएमई दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रति वर्ष इस दिवस पर राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने की एमएसएमई के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं
- प्रतिवर्ष विष्वकर्मा दिवस को राजस्थान एमएसएमई दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
- प्रति वर्ष राजस्थान एमएसएमई दिवस पर राज्य सरकार द्वारा राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की प्रत्येक श्रेणी में चार-चार पुरस्कार होंगे।
- सर्वश्रेष्ठ उद्यमियों को एक-एक लाख रूपये के नकद पुरस्कार।
प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार इन चार वर्गां में दिए जायेंगे
- सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी।
- पुरस्कार टर्न ओवर की दृष्टि से व्यवसाय वृद्धि में सर्वश्रेष्ठ।
- सर्वश्रेष्ठ व्यवसाय पद्धतियां (पर्यावरणीय मापदण्ड, ऊर्जा संरक्षण मानदण्डों को स्वीकार करना, नई प्रौद्योगिकी को स्वीकार करना, श्रम उत्पादकता बढ़ाने के उपाय एवं कर्मचारी कल्याण)
- बीमार उद्योगों के पुनरूत्थान में सर्वश्रेष्ठ कार्य।
- इसके अतिरिक्त राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार के अंतर्गत एक हस्तषिल्पी को हस्तषिल्प रत्न पुरस्कार एवं एक बुनकर को बुनकर रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राजस्थान दूसरे स्थान पर
श्रीमती राजे शनिवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जिबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में लघु उद्योग भारती के तत्वावधान में चार दिवसीय इण्डिया इण्डस्ट्रीयल फेयर के तहत एमएसएमई कॉनक्लेव में अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने कहा कि टीम राजस्थान की अथक मेहनत एवं प्रयासों के कारण प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल बना है। इसी का परिणाम है कि राजस्थान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग में देशभर में छठे स्थान से इस वर्ष दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बडे़ उद्योगों की तुलना में एमएसएमई को दिए गए ऋणों के डूबने की दर बहुत कम होती है। इसलिए बैंकिंग सेक्टर लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए ऋण कोष में अलग से प्रावधान रखना चाहिए। उन्होंने लघु उद्यमियों का आह्वान किया कि वे लघु उद्यम तक ही सीमित न रहकर मध्यम उद्यम और फिर आगे चलकर बड़े उद्योगों के रूप में अपना विकास करें। उन्होंने कहा कि उद्यमी जीरो नेगेविटी-प्लस प्रोडक्टिविटी के साथ काम करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नई एमएसएमई नीति गत वर्ष 20 नवम्बर को जारी की गई थी। इस नीति में गुणवत्ता नियंत्रण, मानकों के निर्धारण और प्रदूषण नियंत्रण के बारे में नियम बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नई औद्योगिक नीति के माध्यम से छोटे उद्यमियों को अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही है। लघु उद्यमी इन सुविधाओं के साथ-साथ भामाशाह रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टार्टअप पॉलिसी 2015 का लाभ उठा सकते हैं।
लघु उद्योगों के लिए कई विशेष पहल
श्रीमती राजे ने कहा कि लघु उद्योगों की स्थापना के साथ-साथ उनके उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए औद्योगिक प्रदर्शनी, स्थायी शहरी व ग्रामीण हाट आदि लगाकर उत्पादों की बिक्री की सुचारू व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा दस्तकारों और बुनकरों के लिए राजस्थान हैण्डमेड पोर्टल शुरू किया गया है ताकि वे खरीददारों के साथ सीधे सम्पर्क कर सकें। लघु उद्योगों के रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी शुरू किया गया है।
फेसबुक के साथ मिलकर नवाचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने फेसबुक के साथ मिलकर बूस्ट योर बिजनेस नवाचार शुरू किया है। यह एक अभिनव पहल है जिसके माध्यम से दस्तकारों और बुनकरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अलवर, भीलवाड़ा और जोधपुर जिलों के बाद अब यह कार्यक्रम अन्य जिलों में भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश लाने, युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार देने, प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में हमारी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। बीते वर्ष हुए इस सफल आयोजन को देखते हुए राज्य सरकार इस वर्ष 9 से 11 नवम्बर तक सीतापुरा में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट ‘ग्राम-2016’ का आयोजन कर रही है, जिसमें 50 हजार किसान शामिल होंगे। लघु उद्यमी इस आयोजन में शामिल होकर पशु आहार एवं कृषि उपकरण जैसे क्षेत्रों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
एमएसएमई मंत्री का जताया आभार
श्रीमती राजे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जब देश में पहली बार लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय का गठन किया तो उन्होंने मुझे पर्यटन और एमएसएमई में से किसी एक मंत्रालय को चुनने को कहा। तब मैंने एमएसएमई मंत्रालय को चुना क्योंकि यही मंत्रालय कश्मीर से कन्या कुमारी तक देश को जोड़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने भिवाड़ी में 100 करोड़ रुपये की लागत से टूल रूम देने के लिए केन्द्रीय मंत्री श्री मिश्र का आभार प्रकट किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नागौर में भी इसी तरह हैण्ड टूल क्लस्टर विकसित कने में केन्द्रीय एमएसएमई मंत्रालय सहयोग करेगा। उन्होंने झालावाड़ में लाइवली हुड बिजनेस इंक्युबेशन सेंटर के लिए 7 करोड़ रुपये देने पर आभार जताते हुए अन्य जिलों में भी ऐसे सेंटर खोलने की मांग की।
राजस्थानियों में उद्यमिता का स्वाभाविक गुण
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान के आमजन में उद्यमिता का गुण स्वाभाविक रूप से है। छोटे उद्योग ऐसे लोगों के लिए स्वावलम्बी बनने का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसीलिए देश के लोगों को स्वावलम्बी बनाने के लिए और छोटे उद्योगों के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। भारत सरकार के स्किल इण्डिया, मेक इन इण्डिया सहित विभिन्न कार्यक्रमां का उद्देश्य देश को मेन्यूफैक्चिरिंग हब बनाना है। इसमें जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट के ध्येय के साथ प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण के अनुरूप निर्माण उद्योग स्थापित हो, जिनके उत्पादों की पहचान विश्व बाजार में बन सके।
श्रीमती राजे की दूरदर्शिता की सराहना
श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने देश की पहली सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री के रूप में जिस दूरदर्शिता के साथ काम किया उसके सकारात्मक परिणाम आज भी लघु उद्यमियों को लाभान्वित कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में इण्डस्ट्रियल क्लस्टर को बढ़ावा देने की सराहना की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार मल्टी प्रोडेक्ट क्लस्टर डवलपमेंट को बढ़ावा दे रही है, साथ ही परम्परागत उद्योगों के विकास के लिए स्फूर्ति योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई डाटा बैंक की भी शुरूआत की गई है, जिससे लघु उद्योगों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी।
जीएसटी से नहीं होगी अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि सरकार एमएसएमई उद्यमियों के हितों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जीएसटी लागू होने के बाद भी उनके ऊपर लगने वाले करों में वर्तमान अप्रत्यक्ष करों की तुलना में कोई अतिरिक्त वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में करों की श्रेणियां निर्धारित की जायेगी, ताकि लघु एवं मध्यम उद्यमियों पर बोझ नहीं पडे़।
बेस्ट स्टार्ट-अप के लिए दिए पुरस्कार
केन्द्रीय लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र एवं मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने इस अवसर पर राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को बेस्ट स्टार्ट-अप पुरस्कार प्रदान किए। मोबाइल एवं सूचना प्रौद्योगिक आधारित नवाचारों के लिए श्री सिद्धान्त मिनोचा को प्रथम, श्री अंकुश चुघ को द्वितीय तथा श्री अर्पित गुप्ता, श्री अमित कुमार और श्री ऋत्विक कुमावत को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राज्य के उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, विधायक श्री अशोक परनामी, प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई श्री राजीव स्वरूप, उद्योग आयुक्त श्री अजिताभ शर्मा एवं लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश मित्तल उपस्थित थे।
जयपुर, 17 सितम्बर 2016