मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ की जन सुनवाई, सुनी जयपुर संभाग के लोगों की परिवेदनाएं
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शुक्रवार को 8 सिविल लाइन्स पर जयपुर संभाग के लोगों की परिवेदनाओं, शिकायतों और ज्ञापनों पर सुनवाई की। उन्होंने पूरी संवेदनशीलता और तन्मयता के साथ अलवर, दौसा, जयपुर, झुन्झुनूं एवं सीकर जिलों के आमजन के अभाव अभियोग सुने, अनेक समस्याओं पर ज्ञापन लिए और अधिकारियों को उनके समाधान के लिए उचित दिशा निर्देश दिए।
जनसुनवाई में लोग उम्मीद के साथ आए और अपनी समस्याओं के त्वरित निराकरण के आश्वासन से विश्वास के साथ लौटे। सुनवाई में करीब 2 हजार लोगों ने मुख्यमंत्री को अपनी परिवेदनाएं बताई। इस दौरान 900 ज्ञापन प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री से मिली तो चेहरे पर मुस्कान खिली
जनसुनवाई के दौरान झुंझुनूं जिले के ग्राम बाकरा से आई गरीब परिवार की छात्रा शर्मिला कुमारी के चेहरे पर परेशानी की लकीरें साफ दिखाई दे रही थीं। उसने मुख्यमंत्री को बताया कि वह झुंझुनूं में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। उसने वर्ष 2014-15 में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिली है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि छात्रा को तुरंत छात्रवृत्ति जारी की जाए। अधिकारियों ने झुंझुनूं सम्पर्क साधा तो बताया गया कि शर्मिला के खाते में छात्रवृत्ति (10 हजार रुपये) जमा करवा दी गई है। चिन्तित छात्रा शर्मिला श्रीमती राजे से मिलने के बाद चेहरे पर मुस्कान लेकर अपने गांव लौटी।
पालनहार योजना से मिला लाभ
अलवर जिले की कठूमर तहसील के ग्राम नगलांखूबा के पालनहार ठाकुरलाल शर्मा ने अपने दोहिते-दोहिती की परवरिश उनके द्वारा करने तथा बच्चों को विगत 15 माह से पालनहार योजना के तहत नियत राशि नहीं मिलने की पीड़ा जब मुख्यमंत्री को बताई तो उन्होंने इस प्रकरण में भी अविलम्ब तथ्यात्मक रिपोर्ट मंगवाने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजे के निर्देश पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जानकारी हासिल कर बताया कि दोनों बच्चों के पालनहार के खाते में 20 हजार रुपये की सहायता राशि जमा करवा दी गई है।
श्रीमती राजे ने करीब तीन घंटे तक लोगों के बीच खडे़ होकर एक-एक परिवादी की शिकायत को सुना। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर श्री सिद्धार्थ महाजन, नगर निगम सीईओ श्री हेमन्त गेरा, जयपुर पुलिस कमिश्नर श्री संजय अग्रवाल, जयपुर विकास आयुक्त श्री शिखर अग्रवाल सहित पानी, बिजली, सड़क, राजस्व सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कुछ प्रकरणों में अधिकारियों को मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का पता लगाने और संबंधित पक्षकारों के बीच बातचीत व आपसी सहमति से मामलों का निराकरण सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सम्भाग के सीकर, झुंझुनूं, दौसा तथा अलवर की समस्याओं को मुख्यालय पर दर्ज करने के साथ ही सम्बन्धित जिलों को भिजवाकर उन पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि जन सुनवाई के लिए 8 सिविल लाइन्स में अलग-अलग ब्लॉक्स बनाकर जिलावार परिवादियों और ज्ञापनदाताओं को सुनने की व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर जयपुर बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
हर शुक्रवार को होती थी जनसुनवाई
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रत्येक शुक्रवार को कार्यकर्ताओं की मुख्यमंत्री निवास पर जनसुनवाई की थी। प्रदेश के कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई का पहला चरण पूरा हो गया। इसके बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने संभागवार जनसुनवाई शुरू की।
मुख्यमंत्री आवास पर होती है नियमित जनसुनवाई
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री आवास 13, सिविल लाइन्स पर नियमित जनसुनवाई की व्यवस्था भी है, जहां अधिकारी लोगों के अभाव-अभियोग सुनकर उनका निराकरण करते है। मुख्यमंत्री आवास पर हो रही जनसुनवाई में जो प्रकरण मुख्यमंत्री स्तर के होते है, उन्हें अधिकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखते है और उन पर मुख्यमंत्री निर्णय कर जनता को राहत पहुंचाती है।
भाजपा कार्यालय में भी होती है जनसुनवाई
इसके अलावा भाजपा प्रदेश कार्यालय में मंत्रीगण भी नियमित रूप से जनसुनवाई कर रहे हैं।
सम्पर्क पोर्टल एवं जिला, उपखण्ड तथा ब्लॉक स्तर पर भी होती है जनसुनवाई
जिला, उपखण्ड तथा ब्लॉक स्तर पर भी अधिकारी जनसुनवाई करते है। इसके अलावा राजस्थान सम्पर्क पोर्टल और हैल्पलाइन के माध्यम से भी आमजन की समस्याओं के शीघ्र और सरल समाधान की व्यवस्था की गई है, ताकि आम लोगों को राजधानी के चक्कर नहीं लगाने पडें़ और उनका समय व पैसा भी बर्बाद न हो।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री श्रीकृष्ण पाटीदार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर, 9 सितम्बर 2016