रास्ता विवादों के निपटारे के लिए विशेष अभियान 1 नवम्बर से 14 अक्टूबर से होगा पंचायत शिविरों का आयोजन
मंत्रिमण्डल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेशभर में रास्तों के विवाद का निपटारा करने के लिए एक नवम्बर, 2016 से विशेष अभियान चलाने, 14 अक्टूबर से पंचायत शिविरों का आयोजन करने तथा गिरल लिग्नाइट पावर लि. के शत-प्रतिशत विनिवेश सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमण्डल ने न्याय आपके द्वार अभियान की सफलता के बाद किसानों की लम्बे समय से मांग को देखते हुए रास्तों के विवाद मौके पर निपटाने के लिए प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। सितम्बर-अक्टूबर माह में इस अभियान की तैयारियां पूर्ण कर एक नवम्बर से 15 दिसम्बर तक यह अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व न्याय आपके द्वार अभियान 2016 में रास्ता विवाद के 11 हजार 247 प्रकरणों का निस्तारण किया गया था।
हर शुक्रवार आयोजित होंगे पंचायत शिविर
श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में 14 अक्टूबर, 2016 से आम जन की सुविधा के लिए प्रत्येक शुक्रवार को राज्य में पंचायत शिविरों का अभियान के तौर पर आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इसके अन्तर्गत हर शुक्रवार को अटल सेवा केन्द्रों में प्रातः 9.30 बजे से प्रत्येक पंचायत समिति की दो ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विशेष तौर पर पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, महिला अधिकारिता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामलात और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा राजस्व विभाग भाग लेंगे। जिला कलेक्टर इसके नोडल अधिकारी होंगे। ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी शिविरों में उपस्थित रहेंगे। इन शिविरों में पंचायती राज की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा, बजट की जानकारी, निःशुल्क भूमि आवंटन, परिसम्पत्तियों के भौतिक सत्यापन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने, मनरेगा, आवासीय योजनाओं की समीक्षा, डिजिटाइज्ड राशनकार्ड का वितरण, पालनहार योजना, सामाजिक पेंशन छात्रवृत्ति, संबंधी कार्यों के अलावा मेडिकल कैम्प का आयोजन भी किया जाएगा। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जाएंगे।
गिरल लिग्नाइट की दो इकाइयों का विनिवेश
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. के विभिन्न उपक्रमों के लगातार घाटे में रहने के कारण आर.बी. शाह टास्क फोर्स की अभिशंसा के अनुरूप गिरल लिग्नाइट पावर लि. की बाड़मेर स्थित 125 मेगावाट की दो इकाइयों का शत-प्रतिशत विनिवेश करने का नीतिगत निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि लिग्नाइट में सल्फर की मात्रा अधिक होने एवं अन्य तकनीकी कारणों से प्लांट बार-बार बंद करना पड़ता था, इसके साथ ही वर्ष 2014-15 में प्लांट में कुल घाटा 786 करोड़ 71 लाख था जो 2015-16 में बढ़कर 958 करोड़ 91 लाख रुपये हो गया। बिजली उत्पादन पर वर्ष 2014-15 में 4 रुपये 97 पैसे प्रति यूनिट घाटा हो रहा था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 9 रुपये 32 पैसे प्रति यूनिट हो गया। इन्हीं कारणों को देखते हुए राज्य सरकार ने इसका विनिवेश करने का निर्णय लिया, जिसे पारदर्शिता के साथ प्रतिस्पर्धा एवं खुली निविदा आमंत्रित करके भारत सरकार के विनिवेश विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जायेगा।
एमजेएसए में होंगे 1 लाख 30 हजार काम
श्री राठौड़ ने बताया कि 16 नवम्बर से प्रदेश के 4200 गांवों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का दूसरा चरण शुरू किया जायेगा, जिसके लिए तैयारियां चल रही हैं। इस अभियान के अन्तर्गत इस वर्ष 1950 करोड़ रुपये के एक लाख 30 हजार कार्य करवाए जाएंगे। सीएसआर एवं जन सहयोग से इस वर्ष इस अभियान में 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया है। बैठक में इस वर्ष विधायक विकास कोष के अन्तर्गत विधायकों को मिलने वाली राशि का 25 प्रतिशत मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में खर्च करने का निर्णय लिया गया। इस बार वृक्षारोपण को भी अभियान की डीपीआर का हिस्सा बनाया गया है।
66 शहर-कस्बों में भी चलेगा अभियान
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में 66 शहरों एवं कस्बों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान शुरू किया जायेगा, जिसमें मुख्य रूप से पुरानी बावड़ियों का जीर्णोद्धार, रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर एवं वृक्षारोपण का कार्य किया जायेगा।
ग्राम 2016 में शामिल होंगे 50 हजार किसान
श्री राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में 9 से 11 नवम्बर तक जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर सीतापुरा में आयोजित किए जा रहे ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम)-2016 पर भी चर्चा की गई। इसमें प्रदर्शनियों का आयोजन एवं कांफ्रेंस में किसानों की सहभागिता होगी। तीन दिन तक कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ आधुनिक एवं पारम्परिक कृषि पर व्याख्यान देंगे, चर्चा करेंगे। ग्राम में प्रत्येक गांव से एक किसान की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। कुल 50 हजार किसान इसमें शामिल होंगे, जिनमें 20 प्रतिशत महिला किसानों की भागीदारी भी होगी। ग्राम को सफल बनाने में लिए बाड़मेर, गंगानगर एवं उदयपुर के लिए विशेष रेल सेवा का प्रबन्धन किया जा रहा है। प्रदेश के सभी अटल सेवा केन्द्रों पर इस सम्मेलन का सीधा प्रसारण भी किया जायेगा।
सेवा नियमों में संशोधन
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र, अधीनस्थ, लिपिक वर्गीय एवं चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्ते) नियम 2014 के नियम 28(सी) के अनुसार सीधी भर्ती से चयन के लिए विभागाध्यक्ष, जिला कलक्टर एवं विभागीय जिला स्तरीय अधिकारी की समिति गठित की गई है। अन्य सेवा नियमों में भी इसी तरह की समितियां गठित की गई हैं। ऐसे में जहां सम्पूर्ण राजस्थान के लिए भर्ती की जाती है वहां विरोधाभासी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसे देखते हुए अनुसूचित क्षेत्र सेवा नियम के नियम 28 में परिवर्तन का निर्णय किया गया है। अब जिन सेवा नियमों में सम्पूर्ण राजस्थान के लिए समितियां बनी हुई है, वहां अनुसूचित क्षेत्र में भी वही समितियां मान्य होंगी। जिन सेवा नियमों में समितियां बनी हुई नहीं है, वहां अनुसूचित क्षेत्र सेवा नियम 28 (ए) (बी) एवं (सी) में गठित समिति के अनुसार ही भर्ती की जायेगी।
पारिवारिक पेंशन के लिए आय सीमा बढ़ाई
श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 66(1)(सी) एवं नियम 66(1)(डी) के तहत अब 6 हजार रुपये मासिक आय वाला भी पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकारी होगा, पहले यह राशि 2550 रुपये ही थी। इसी के नियम 145(1) के अनुसार अब पेंशन एरियर का भुगतान मृतक पेंशनर के नामित व्यक्ति को देय होगा। अगर नामित व्यक्ति नहीं है तो पारिवारिक पेश्ांन प्राप्तकर्ता को तथा दोनों नहीं होने पर वारिसान को दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
जयपुर, 14 सितम्बर 2016