विकास के एजेंडे पर चलकर राजस्थान को बनाया हैपनिंग स्टेट
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार के विकास के एजेंडे के कारण आज राजस्थान की हैपनिंग स्टेट के रूप में पहचान बनी है। राजस्थान को पिछड़ा और बीमारू प्रदेश मानने वाले लोगों को अब अपनी धारणा बदलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हमने राजस्थान को आगे बढ़ाने का जो संकल्प लिया है उसके परिणाम आने वाले समय में और अधिक बेहतर ढंग से दिखाई देंगे।
श्रीमती राजे मंगलवार को नई दिल्ली के होटल ताज में टेलीविजन समाचार चैनल आज तक द्वारा राजस्थान पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित कर कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राजस्थान किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि यहां की सात करोड़ जनता का प्रदेश है। सरकार के सकारात्मक प्रयासों और सबको साथ लेकर चलने के विजन की वजह से आज हमारा प्रदेश पिछड़ा राज्य की श्रेणी से बाहर निकल कर नई संभावनाओं से भरपूर अग्रणी प्रदेश बनकर उभर रहा है।
डिजिटल राजस्थान से आ रही पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला प्रदेश है जहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, महिला सशक्तीकरण व वित्तीय समावेशन की अभिनव भामाशाह योजना को लागू कर महिलाओं को परिवार का मुखिया बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार के पहले कार्यकाल में डिजिटाइजेशन पर सबसे अधिक ध्यान दिया गया था, जिसे वर्तमान कार्यकाल में और अधिक तेजी से लागू किया गया। यही कारण है कि आज हमारा प्रदेश डिजिटल राजस्थान के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है। भामाशाह योजना के कारण व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं का संचालन अधिक पारदर्शिता एवं तेजी से संभव हो पा रहा है।
बीपीएल कार्ड बनेगा सुरक्षा कवच
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में बीपीएल कार्ड पर कार्डधारकों के स्वास्थ्य संबंधी संपूर्ण जानकारी अंकित की जाएगी। उसे क्या बीमारी है, उसका क्या ब्लड ग्रुप है, उसको किस चीज से एलर्जी है, उसे हृदय रोग, डायबिटिज या अन्य कोई बीमारी तो नही है। यदि है तो उस बीमारी का नाम कार्ड पर अंकित किया जाएगा। जिससे दुर्घटना या आपात स्थिति में चिकित्सक उस कार्ड को देखकर उसकी बीमारी के बारे में जान सके और उसका तुंरत इलाज शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत करीब 1 करोड़ परिवारों को 30 हजार से 3 लाख रूपये की कैशलेस इंडोर उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। पिछले सात माह में 6 लाख लोगों के ऑपरेशन करवाकर उन्हें मदद की गई है।
सेवाओं की ई-डिलीवरी में अग्रणी
श्रीमती राजे ने बताया कि राजस्थान 35 हजार से भी अधिक ई-मित्र सेवा केन्द्रों के नेटवर्क के माध्यम से नागरिक सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी प्रारंभ करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है। उचित मूल्य की 5 हजार से अधिक दुकानों को अन्नपूर्णा भण्डार के रूप में विकसित कर गांव-गांव में रूरल मॉल्स के माध्यम से करीब 150 से अधिक मल्टीब्रांड उत्पाद उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान स्वाभिमान के साथ तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार और टीम राजस्थान कठोर परिश्रम, लगन और समर्पित भाव से जमीनी स्तर पर ठोस काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं।
एमजेएसए को सभी वर्गों से मिला सहयोग
श्रीमती राजे ने बताया कि राज्य के 21 हजार गांवों को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने पिछले वर्ष मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की शुरूआत की और इस अभियान में जनसामान्य, धार्मिक सामाजिक संगठनों और विभिन्न वर्गों ने कई तरह से खुलकर सहयोग दिया। करीब 3500 गांवों में 2 लाख ताल-तलैया, तालाब एनीकट, वर्षा जल से भर गए और भूजल स्तर में आशातीत वृद्धि होने से राज्य के 25 विकास खंड डार्क जोन से बाहर आ गए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का दूसरा चरण शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही जयपुर में किसानों के महाकुंभ ग्लोबल एग्रीटेक मीट ‘ग्राम’ का सफल आयोजन हुआ। जिसमें करीब 78 हजार किसानों ने भारी उत्साह के साथ भाग लेकर कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की जानकारी हासिल की। ग्राम में भी 4400 करोड़ रूपये के 38 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
श्रीमती राजे ने विशेष सत्र के दौरान श्रोताओं द्वारा पूछे गए राजस्थान के विकास, राजनीति सहित विभिन्न विषयों पर पूछे गए सवालों के प्रभावी ढंग से जवाब दिए।
नई दिल्ली/जयपुर, 6 दिसम्बर 2016