गुणवत्ता पुर्ण उच्च स्तरीय चिकित्सा सेंवाओं से सुरक्षित है मॉं और बच्चा

राजसमंद। रेलमगरा क्षैत्र में माताजी का खेड़ा गांव रहने वाली सोसर देवी पत्नी देवीलाल बंजारा, पिछले 2 माह से अपने पीहर बंजारा का खेड़ा मेहन्दूरीया में निवास कर रही थी। उसके पहले दोनो प्रसव सामान्य रूप से हुयें थें। किडनी की बिमारी की वजह से उसकी एक किडनी निकाली हुई थी।

सोसर देवी को हाई रिस्क प्रेगनेन्सी में सूचीबद्ध किया हुआ था। सोसर देवी की अनुमानित प्रसव की दिनांक 14 मार्च 2016 थी। 17 मार्च को सुबह सोसर देवी की रक्तस्त्राव की समस्या होने पर सीएचसी दरीबा लाया गाय जहां ब्लड प्रेशर अधिक होने एवं रक्त स्त्राव होने के कारण चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ गणेश लाल जाट द्वारा खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ धमेन्द्र कुमार गुप्ता से संपर्क कर महिला की स्थिती व परिवार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में चिन्हित होने की सुचना दी।

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डॉ धमेन्द्र ने तुरंत 104 एम्बूलेंस से गर्भवती महिला सोसर देवी को नाथद्वारा के कालिवास स्थित अनन्ता हॉस्पीटल रेफर करनें के लियें निर्देशित किया, जैसे ही महिला वहां पहुंची स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ शाब्दिका व उनकी टीम ने तत्काल महिला को ऑपरेशन थियेटर में लेकर सिजेरीयन किया। गर्भाशय के अन्दर प्लेसेंटा अलग हुआ पड़ा था तथा बच्चें ने मिकोनियम पास किया था।
जो समय पर व उच्च स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा के अभाव में मां – बच्चें के लियें जानलेवा हो सकता था। बच्चें को नियोनेटल आईसीयू में रखा गया व ब्लड प्रेशर अधिक होने के कारण सोसर देवी को भी गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया। राज्य सरकार की मंशा अनुरूप वंचितो व गरीबों को भी उच्च स्तरीय गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधायें मिलें इस योजना के तहत साकार होती नजर आ रही है।

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