आदिवासियों तक पहुंचाया विकास योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में बसे आदिवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से पहुंचे। चाहे बालिका के जन्म को प्रोत्साहित करने वाली राजश्री योजना हो या बिना पैसा खर्च किए इलाज सुलभ कराने की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना। देश में पहली बार हमारी सरकार ने ऐसी योजनाएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में शुरू की हैं जिनसे गंभीर बीमारियों से पीड़ित गरीब आदिवासी ऐसे बड़े निजी अस्पतालों में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, जिसके बारे में वे कभी सोच भी नहीं सकते थे।
श्रीमती राजे बुधवार को बांसवाड़ा जिले के गढ़ी विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमने हमारे आदिवासी भाइयों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बिना किसी बिचौलिए के सीधा लाभ पहुंचाया है। लाभार्थियों से सीधी बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि उनको विभिन्न योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में कोई परेशानी तो नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी कोकिला, दुर्गा, देव कुंवर, बिन्दु और ललित तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लाभार्थी हिमानी, कमलेश, नीलेश, रोशनी तथा बसंती से संवाद किया। उन्होंने राजश्री योजना, वृ़द्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन तथा पालनहार योजना के लाभान्वितों से भी बातचीत की।
वागड़ में हुए विकास के ऐतिहासिक काम
श्रीमती राजे ने कहा कि स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा, सड़क विकास, जल संरक्षण और बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में भी आदिवासी इलाकों में बेहतरीन काम हुआ है। वागड क्षेत्र के बांसवाड़ा जिले में साढ़े चार साल में 6 हजार 500 करोड़ के विकास कार्य कराए गए हैं। इनमें से अकेले गढ़ी विधानसभा क्षेत्र में 1100 करोड़ के काम हुए हैं। जबकि पिछली सरकार ने इस क्षेत्र में मात्र 475 करोड़ रुपए ही खर्च किए थे। इस क्षेत्र की 44 ग्राम पंचायतों में 19 करोड़ रुपए से ग्रामीण गौरव पथ बनाए गए हैं और 42 माध्यमिक स्कूलों को सीनियर सैकंडरी में क्रमोन्नत किया गया है।
निःशुल्क इलाज पर 1800 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 1 हजार 800 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इनमें से करीब 1300 करोड़ रुपए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना तथा 500 करोड़ रूपए निशुल्क दवा योजना पर खर्च किए जा रहे हैं। श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में करीब 9 हजार 891 पंचायतों में से मात्र कुछ ही ग्राम पंचायतें ऐसी रह गई हैं जहां अब सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल नहीं है। हमारी सरकार ने 5 हजार से अधिक पंचायतों में सैकंडरी स्कूलों को सीनियर सैकंडरी विद्यालयों में क्रमोन्नत किया है। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर और भी बढ़ेगा।
बालोदा पेयजल परियोजना के लिए एक करोड़ की घोषणा
मुख्यमंत्री ने बालोदा पेयजल परियोजना से जुड़े 6 गांवों में पानी के स्रोत में आपूर्ति घटने के चलते पेयजल की कमी को दूर करने के लिए एक करोड़ रूपए की घोषणा की। इस परियोजना को बांध से पानी की आपूर्ति होती है लेकिन सड़क निर्माण के दौरान पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से पेयजल आपूर्ति में व्यवधान पड़ा है।
सरेड़ी-बड़ी पंचायत में जीव विज्ञान विषय खुलेगा
जनसंवाद के दौरान ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री ने सरेड़ी-बड़ी पंचायत के सीनियर सैकंडरी विद्यालय में जीव विज्ञान विषय खोलने की घोषणा की। उन्होंने लुहारिया पंचायत में जीव विज्ञान विषय के लिए सरकारी शिक्षक लगाने की भी घोषणा की। इससे पहले श्रीमती राजे ने मेधावी छात्राओं को स्कूटी तथा शुभशक्ति योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कूप ऊर्जीकरण योजना आदि के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपे।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री सुशील कटारा, सांसद श्री मानशंकर निनामा, विधायक श्री जीतमल खांट सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर/बांसवाड़ा, 30 मई 2018