बांसवाड़ा में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान हुआ सफल प्री मानसून की मेहर ने जल संरचनाओं में उड़ेला अमृत
गांवों को जल स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में चलाए जा रहा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान पर अब प्रकृति भी मेहरबान हो रही है और इसका ताजा उदाहरण है राज्य का जनजाति बहुल दक्षिण अंचल बांसवाड़ा जिला जहां पर शुक्रवार देर रात प्री मानसून में हुई वर्षा में ही अभियान के तहत निर्मित की गई जल संरचनाओं को पानी से लबालब कर दिया है। आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इन दिनों चलाए जा रहे ‘जल स्वावलम्बन सप्ताह’ के अंतर्गत ही अभियान में बनी जल संरचनाओं के भरे जाने से अभियान से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ग्रामीणों में भी अपार उत्साह दिखाई दे रहा है।
अभियान के दूसरे चरण में बांसवाड़ा जिले के 11 ब्लॉकों की 72 ग्राम पंचायतों के 214 गांवों में लगभग दस हजार कार्यों पर ग्रामीणजन जुटे हुए है और बड़ी तादाद में कार्य पूर्ण भी हो चुके हैं। गत दिनों अभियान के तहत पूर्ण हुए इन कार्र्यों पर मानों प्रकृति भी खुश हुई और प्री मानसून की पहली झमाझम में ही इन संरचनाओं को भरते हुए वरदान दिया है। शुक्रवार देर रात जिले की गांगड़तलाई पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सेण्डनानी और झांझरवाकलां में प्री मानसून की बरसात के दौरान यहां पर बनाई गई जलसंरचनाओं यथा अर्थ चैकडेम, एमपीटी और सीसीटी में पानी भर गया। इन जल संरचनाओं के निर्माण के कुछ ही दिनों के बाद आज सुबह पानी भरे जाने की जानकारी मिलने पर ग्रामीण बड़े खुश हुये और उन्होंने विकास अधिकारी श्री पप्पूलाल मीणा को दूरभाष पर इसकी जानकारी देते हुए अपनी मेहनत और काम को सफल पाकर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के प्रति खुशी जताई।
इसी प्रकार जिले की दूरस्थ कुशलगढ़ पंचायत समिति अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़ी सरवा अंतर्गत कुकड़ीपाड़ा में भी अभियान के दूसरे चरण में बनाई गए एमपीटी और डीप सीसीटी पहली बारिश में ही भर गई है और इस रूप में जल संरक्षण का उद्देश्य सार्थक हुआ।