बेटा ही क्यों न हो, गलत करेगा तो नहीं बख्शूंगी
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि कोई कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, जो भी गडबड़ी करेगा बख्शा नहीं जाएगा। भले ही उनका बेटा ही क्यों न हो। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि किसी के कहने-सुनने से नहीं, उन्होंने कृषि बिजली की दरों में कमी किसानों की पीड़ा को देखकर की है। कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में प्रतिवर्ष बिजली की दरों को बढ़ाने का केबिनेट में फैसला लिया था। आज वहीं कांग्रेस हमसे पूछ रही है कि बिजली की दरें क्यों बढ़ाई। ये उन्हीं का फैसला है, हमारा नहीं। इसके बावजूद हमनें किसानों को राहत दी हैं।
श्रीमती राजे मंगलवार को 8, सिविल लाइन्स में सीकर जिले से आए किसानों को सम्बोधित कर रही थीं। ये किसान प्रदेश में कृषि बिजली की दरों में कटौती सहित कई किसान हितैषी फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद देने आए थे।
एक बार इन्हें, एक बार उन्हें की परम्परा विकास में बाधक
श्रीमती राजे ने कहा कि एक बार इन्हें और एक बार उन्हें अवसर देने की परिपाटी प्रदेश के विकास में बाधक है। आप एक बार हमें मौका देते हो और दूसरी बार उन्हें मौका देते हो, इससे प्रदेश का विकास अवरूद्ध होता है। हमारी 2003 से 2008 की सरकार ने बिजली तंत्र में आमूल-चूल परिवर्तन कर घरेलू बिजली 24 घंटे तक देना आरम्भ कर दिया था, लेकिन आपने दिसम्बर 2008 में एक बार इन्हें और एक बार उन्हें मौका देने की परम्परा को आगे बढ़ाया और हमारे स्थान पर कांग्रेस को मौका दे दिया। यदि आपने हमें कन्टीन्यू किया होता तो आज बिजली के मामले में हम देश में नम्बर वन होते। लेकिन आपने तो कांग्रेस को चुन लिया, जिसने बिजली तंत्र को फिर से तहस-नहस कर दिया। जिसे हम बड़ी मुश्किल से सुधार पा रहे हैं। लेकिन इस बार यह परम्परा टूटेगी और हम फिर से भाजपा की सरकार बनाएंगे।
इससे पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री अशोक परनामी ने किसानों के हित में कृषि बिजली की दरें कम करने के सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए प्रदेश की जनता की तरफ से मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री बंशीधर खण्डेला, राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रेमसिंह बाजौर, सीकर यूआईटी चैयरमेन श्री हरिराम रिणवा, जिला प्रमुख अपर्णा रोलन सहित जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी तथा किसान मोर्चा के नेताओं सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
जयपुर/सीकर, 21 फरवरी 2017