राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल बन गया है
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई ऐतिहासिक नवाचार किए हैं। जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। पहली बार रिकॉर्ड 15 लाख विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। अब राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बन गया है।
श्रीमती राजे सोमवार को शिक्षक दिवस पर जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी विद्यालयों से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में गत 60 सालों में जो नहीं हुआ वह हमने गत दो वर्षों में कर दिखाया है।
स्कूलों में मेरी नहीं शिक्षकों की तस्वीर लगाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में मेरी नहीं, सभी शिक्षकों की तस्वीरें लगाएं। हर स्कूल में प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक के साथ-साथ सभी अध्यापकों की तस्वीर लगें जिससे विद्यार्थियों में गुरूओं के प्रति आदर की भावना बढ़ सके। साथ प्रवेश द्वार पर दर्पण भी लगवाएं, जिससे विद्यार्थी स्कूल में आते ही दर्पण में अपना हुलिया देख कर उसे संवार सकें। उन्होंने विद्यालयों में किशोर बालिकाओं के लिए सेनेट्री वेन्डिंग मशीन लगाने, खेल मैदान विकसित करने, योगासन शुरू करने के निर्देश दिए।
एकीकरण करने वाला राजस्थान पहला राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 हजार माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है। अब पंचायत स्तर पर 9 हजार 895 आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पहली से 12वीं तक की शिक्षा एक ही स्कूल में मिल रही है। साथ ही, 9 हजार 610 उत्कृष्ट विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई एक ही स्कूल में हो रही है। बड़े पैमाने पर स्कूलों के एकीकरण व क्रमोन्नयन की पहल करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य है।
मॉडल स्कूलों में मिल रही क्वालिटी एजूकेशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ी पंचायत समितियों में स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूलों की स्थापना की गई है। सीबीएसई पैटर्न के इन विद्यालयों में अच्छी प्रयोगशालाएं, अच्छे क्लास रूम्स और खेल मैदान हैं। इससे विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की शिक्षा सुविधा मिल रही है ताकि वे प्रतिस्पर्धा में किसी से पीछे नहीं रहें। मुख्यमंत्री ने लंदन का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे स्कूल ऐसे हो, जहां राजनेता, अधिकारियों, छोटे कर्मचारियों तथा गरीब के बच्चे सरकारी स्कूलों में एक ही छत के नीचे पढ़ें।
विद्यालय और शिक्षकों की सूचना ऑनलाइन
उन्होंने कहा कि विद्यालयों एवं शिक्षकों की समस्त सूचना को पहली बार शाला दर्पण एवं शाला दर्शन पोर्टल के जरिए ऑनलाइन हुई है। शिक्षण एवं अध्ययन सामग्री भी ई-ज्ञान पोर्टल पर उपलब्ध है। स्मार्ट क्लास रूम, डिजिटल लर्निंग सोल्यूशन रूम और 7 हजार विद्यालयों में आईसीटी लैब की स्थापना की गई है। दो हजार विद्यालयों में गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी के लिए सेटेलाइट क्लासेज संचालित की जा रही हैं।
38 हजार शिक्षकों को आधुनिक प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्किल इण्डिया थीम पर 600 से अधिक स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। स्टेट इनिशिएटिव फॉर क्वालिटी एजूकेशन के तहत 38 हजार से अधिक शिक्षकों को आधुनिक रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
बालिका शिक्षा को दिया बढ़ावा
श्रीमती राजे ने कहा कि बालिकाओं को आवासीय सुविधा के साथ स्कूलों में उच्च शिक्षा के लिए शारदे बालिका छात्रावासों का निर्माण किया गया है। कक्षा 6 से 12 तक की 28 हजार बालिकाओं को निःशुल्क आवास, शिक्षा, भोजन एवं दैनिक सामग्री की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री हमारी बेटियां योजना, अपनी बेटी योजना तथा राजश्री जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना में पहले छात्राओं को भुगतान यात्रा करने के बाद किया जाता था।
शिक्षकों के रिक्त पद 60 से घटकर 25 प्रतिशत
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के 4 लाख शिक्षकों एवं कर्मचारियों का पदस्थापन काउंसलिंग के माध्यम से किया गया है। शिक्षकों की 83 हजार पदोन्नतियां एक रिकॉर्ड है। पहली बार प्राचार्यों के लिए 5 हजार नये पद सृजित किए गए हैं। शिक्षकों के रिक्त पद 60% से घटकर 25% ही रह गई। नये स्टाफिंग पैटर्न से दूर-दराज के विद्यालयों में शिक्षक उपलब्ध हुए हैं। इन सुधारों का परिणाम है कि कक्षा 10 का रिजल्ट 66% से बढ़कर 73% और कक्षा 12 का 78% से बढ़कर 88% हो गया है।
सीएम ने किया विद्यार्थियों से संवाद, 12 डीएलएसआर का लोकार्पण
राज्य के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों तथा उनके शिक्षकों से सीधा संवाद कर शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने की अभिनव पहल करते हुए 12 डिजिटल लर्निंग सोल्यूशन रूम्स का लोकार्पण किया।
झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल परिसर में श्रीमती राजे ने कनेक्टेड लर्निंग सेटअप के माध्यम से इन 12 संस्थानों से सीधे जुड़कर वहां के शिक्षकों, विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि बीते दो साल में शिक्षा में सुधार के लिए किए गए नवाचारों का सुखद परिणाम देखने को मिला है। अब हम इन ऐतिहासिक बदलावों के बलबूते देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति के अगुवा राज्य बनेंगे। सिस्को कंपनी के सहयोग से ये डीएलएसआर रूम्स अजमेर, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, झालावाड़, बारां, पाली, बीकानेर, भरतपुर, चूरू एवं गोनेर में स्थापित किए गए हैं। श्रीमती राजे ने इस अवसर पर पाली जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नवीनतम शिक्षण तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट ‘उत्कर्ष’ का भी शुभारंभ किया।
सिस्को 8 आईटीआई को वाई-फाई से जोड़ेगा
इस दौरान श्री दिनेश मलकानी ने मुख्यमंत्री से बातचीत की और प्रदेश के 8 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को वाई-फाई से निशुल्क जोड़ने की घोषणा की।
एक छात्रा ने कहा मैं आपकी तरह पॉलिटिशियन बनना चाहती हूं
मुख्यमंत्री ने ‘कनेक्टेड लर्निंग सेटअप’ के जरिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दूरदराज के गांवों के बालक-बालिकाओं से पूछा कि वे क्या बनना चाहेंगे ? बारां जिले की छात्रा सलोनी शर्मा, प्रमिला चक्रधारी, अजमेर की वीना सोलंकी, प्रियंका यादव, झालावाड़ की नाजिया परवीन, कल्पना, उदयपुर के खैरवाड़ा की दीपिका राणावत, जोधपुर की प्रियंका विश्नोई, चूरू की निकिता, पाली की ज्योति जैन, कोटा की करूणा गोचर आदि छात्राओं ने बडे उत्साह के साथ बताया कि डॉक्टर, इंजीनियर, जज, आईएएस तथा बनना चाहती हैं। एक छात्रा ने कहा कि वे आपकी तरह पॉलिटिशियन बनना चाहती है। इस पर मुख्यमंत्री अपनी हंसी नहीं रोक पाई और उन्होंने उस छात्रा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम के शुभारम्भ से पहले जहां मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया,वहीं कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी को ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शपथ दिलवाई, शिक्षक प्रशस्ति पत्रिका एवं शिविरा पत्रिका के विशेषांक का विमोचन भी किया। उन्होंने समारोह में 41 शिक्षकों को उत्कृष्ठ सेवा के लिए शॉल ओढाकर, प्रशस्ति पत्र एवं चैक भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, शिक्षा मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष श्री बीएल चौधरी, मुख्य सचिव श्री ओपी मीणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजहंस उपाध्याय, शासन सचिव शिक्षा श्री नरेश पाल गंगवार, सहित जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् के सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षक एवं गणमान्यजन उपस्थित थे। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने भी शिक्षकों को सम्बोधित किया।
जयपुर, 5 सितम्बर 2016