रत्न व्यवसाय में रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं
ज्वैलर्स एसोसिएशन शो का उद्घाटन
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि रत्न एवं आभूषण व्यवसाय में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देश से होने वाले कुल निर्यात में रत्न एवं आभूषण सेक्टर का 15 प्रतिशत योगदान है। जयपुर ना केवल कलर स्टोन बल्कि ज्वैलरी का भी हब बन गया है।
श्रीमती राजे शनिवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में ज्वैलर्स एसोसिएशन शो के उद्घाटन समारोह में जवाहरात उद्यमियों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने डिजाइनर्स से कहा कि वे आज की युवा पीढ़ी की पसंद को ध्यान में रखकर डिजाइन तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने ज्वैलर्स का आह्वान किया कि इस शो को इतना लोकप्रिय बनाए कि दूर-दूर से लोग इसे देखने को आएं। ऐसे प्रयास किए जाएं कि यहां आने वाले पर्यटकों को अच्छी कीमत पर अच्छी ज्वैलरी मिल सके। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए रत्न-आभूषण व्यवसाय से जुड़े उद्यमियों को आगे आना चाहिए।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान का जवाहरात व्यवसाय करीब 300 वर्ष पुराना है और अपनी खूबसूरत एवं बारीक कारीगरी के चलते यहां के आभूषण एवं कारीगरों ने पूरी दुनिया में पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन राजस्थान के विकास माॅडल का प्रमुख स्तम्भ है। राजस्थान सेमी-प्रिशियस एवं प्रिशियस स्टोन्स के लिए आज देश का सबसे बड़ा केन्द्र है। जयपुर रंगीन रत्नों की कटिंग और पाॅलिशिंग का विश्व में सबसे बड़ा केन्द्र है और देश के 80 प्रतिशत रंगीन रत्नों का निर्यात जयपुर से होता है।
मुख्यमंत्री ने जयपुर से बैंकाॅक एवं हांगकांग की सीधी फ्लाइट के संबंध में ज्वैलर्स की मांग पर कहा कि इस दिशा में वे जरूर प्रयास करेंगी। डिजाइन काॅम्पटिशन में जीतने वाले युवा डिजाइनरों को बधाई दी और कहा कि इससे ज्वैलर्स की अगली पीढ़ी तैयार होगी। उन्होंने ज्वैलरी शो में स्टाॅल लगाने वालों को भी बधाई दी और शो की सफलता की कामना की।
जयपुर, 20 अगस्त 2016