ज्योतिष के ज्ञान का संरक्षण और संवर्द्धन हो
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने ज्योतिष के ज्ञान के संरक्षण एवं संवर्द्धन पर बल देते हुए कहा कि हमें शास्त्रों में वर्णित इस महत्वपूर्ण ज्ञान को वैज्ञानिक नजरिए से देखने की आवश्यकता है।
श्रीमती राजे बुधवार को वैशालीनगर स्थित भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान में आयोजित पांचवें अन्तरराष्ट्रीय ज्योतिष मनोविज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बरसों की साधना के बाद ज्योतिष के रूप में विश्व को एक अमूल्य धरोहर दी है। जिस पर अन्य देशों में शोध हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थित ज्योतिषाचार्यों का आहवान किया कि वे मानव स्वास्थ्य एवं ज्योतिष के बीच पारस्परिक संबंध का अध्ययन कर इस दिशा में शोध को बढावा दें जिससे सच्चे अर्थों में आम आदमी को लाभ मिल सकेगा।
श्रीमती राजे ने कहा कि ज्योतिष को अंधविश्वास से नहीं वैज्ञानिक दृृष्टिकोण से देखने से इसका सही स्वरूप सामने आएगा। इससे लोगों में इसका विश्वास और अधिक कायम होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न गतिविधियों तथा आयोजन में सहयोग देनेे वाले भामाशाहों को आयोजकों की ओर से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद के सदस्य डाॅ. अशोक पानगडि़या ने ज्योतिष, योग, वास्तुशास्त्र आदि विधाओं को बढ़ावा देने तथा विभिन्न नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक विजन के साथ राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने में जुटी हैं। उन्होंने ज्योतिष तथा स्वास्थ्य के बीच अन्तर संबंधों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि ज्योतिष वर्तमान, भूत एवं भविष्यकाल तीनों को मिलाता है।
इस अवसर पर सांसद श्री मनोज राजोरिया, विधायक श्री कैलाश वर्मा, जगदगुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रामानुज देवनाथन, बीएचयू के विभागाध्यक्ष एवं डीन प्रो. रामचन्द्र पांडे, प्रो. मंजू मेहता, मिराज ग्रुप के श्री मदन पालीवाल, एसएनजी ग्रुप के श्री एसएन गुप्ता, भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान के अध्यक्ष श्री अवधेश माथुर भी उपस्थित थे। आयोजन सचिव पं. अखिलेश शर्मा ने सभी का स्वागत किया।
जयपुर, 17 फरवरी 2016