आतंक की न कोई सरहद, न कोई मजहब
काउंटर टेरेरिज्म कांफ्रेंस
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान सरकार युवाओं को अच्छे संस्कार देने और उनके कौशल को निखारने पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि वे अपनी योग्यता के अनुसार बेहतर रोजगार हासिल कर अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगा सकें। उन्होंने कहा कि सरकारों को जो आर्थिक संसाधन, स्कूल-काॅलेज, अस्पतालों एवं विकास के कामों में लगाने चाहिए उन्हें आतंक से लड़ाई में लगाना पड़ता है, जिससे विकास की गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
श्रीमती राजे मंगलवार को जयपुर में आयोजित काउन्टर टेरेरिज्म कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए बड़ा खतरा है। आतंकवादियों की नापाक करतूतों से देश के सामाजिक एवं आर्थिक ढांचें को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। इसलिए समाज के सभी वर्गों की ये जिम्मेदारी है कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में शायद ही कुछ देश ऐसे होंगे जो आतंक से अछूते होंगे। आतंक की न कोई सरहद होती है और न ही मजहब। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में दुनिया में आतंकवाद का स्वरूप बदल रहा है। आतंकवादी नए तरीके अपना रहे है। 2014 एवं 2015 में विश्व के ऐसे देश भी आतंकी गतिविधियों की चपेट में आए हैं, जहां पहले कभी इस तरह की घटनाएं नहीं हुई है।
श्रीमती राजे ने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में आतंकवाद का बदलता स्वरूप आज दुनिया के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सभी सरकारों, सिविल सोसायटी, सुरक्षा एजेंसियों एवं आमजन को साथ बैठकर चर्चा करनी होगी ताकि युवा शिक्षित बनें एवं भ्रमित न हों।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि दो दिवसीय इस काॅन्फ्रेंस में विश्व के कई देशों से आए विशेषज्ञ आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर गहन चर्चा करेंगे। उन्होंने देश-विदेश से आये सुरक्षा विशेषज्ञों का आभार जताते हुए कहा कि यह सम्मेलन आतंकवाद से मुकाबला करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
जयपुर, 2 फरवरी 2016