प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए “मिशन मोड” पर कार्य करें
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) आमुखीकरण कार्यशाला
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश को वर्ष 2018 तक खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए “मिशन मोड” पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2018 तक धरातल पर वास्तविक बदलाव हो, इसके लिए जिला कलक्टर्स स्वच्छ भारत मिशन को पब्लिक मूवमेंट बनाएं ताकि लोग तन-मन के साथ इससे जुड़ें।
श्रीमती राजे गुरुवार को शासन सचिवालय के कान्फ्रेन्स हाॅल में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर आयोजित जिला कलक्टर्स की आमुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, स्वच्छता पर हमारा वर्ष 2003 में अपनी सरकार के समय से लगातार फोकस रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच से स्वास्थ्य के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। अतः हमें इससे मुक्ति पानी होगी। श्रीमती राजे ने कहा कि पूरा राजस्थान हमारे घर की तरह है। घर को साफ-सुथरा रखना और स्वच्छता के प्रति सजग रहना महिलाओं की प्रकृति में शामिल है, प्रदेश में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाया जाना खुशी की बात है। उन्होंने स्वच्छता मिशन से बच्चों और युवाओं को और अधिक संख्या में जोड़ने पर बल दिया।
तीन वर्ष में बनेंगे 72 लाख शौचालय
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश के एक करोड़ 15 लाख परिवारों में से 84 लाख परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं थी, इसमें से जून, 2015 तक 11.6 लाख परिवारों के लिए शौचालय बनाये गये हैं। उन्होंने जिला कलक्टर्स को अगले तीन वर्षों में शेष बचे 72 लाख परिवारों को शौचालय से जोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शौचालयों का निर्माण आधा-अधूरा नहीं हो तथा बनने के बाद उनका निरंतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सघन निरीक्षण जरूरी है।
ओडीएफ में जनप्रतिनिधि भी दें योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रा में जो जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रा को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) कराने में विशेष योगदान दें, उन्हें इन्सेंटिव दिया जाये और जन समारोह में सम्मानित किया जाये। उन्होंने प्रदेश के विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाने के कार्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करने के भी निर्देश दिये।
टीम राजस्थान का काम सराहनीय
श्रीमती राजे से कार्यशाला के दौरान नई दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये संवाद करते हुए भारत सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विजय लक्ष्मी ने बताया कि बेसलाईन सर्वे के बाद राजस्थान को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए उनके नेतृत्व में “टीम राजस्थान” सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने श्रीमती राजे को इसके लिए बधाई देते हुए कहा कि राज्य में स्वच्छता के प्रति लोगों की सोच में बदलाव के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है। वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के दौरान नई दिल्ली में मौजूद फीड बैक फाउन्डेशन के डाॅ. अजय सिन्हा ने भी संवाद किया।
राजस्थान बनेगा खुले में शौच से मुक्त तीसरा प्रदेश
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के बाद राजस्थान को खुले में शौच से मुक्त देश का तीसरा प्रदेश बनाने में “टीम राजस्थान” पूरे संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के सपने को साकार करने के लिए राज्य के सभी जिला कलक्टर्स जागरूक होकर समाज में वातावरण तैयार करते हुए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 15 लाख, वर्ष 2016-17 में 26 लाख तथा वर्ष 2017-18 में 31 लाख शौचालय बनाने का का लक्ष्य है।
कर्मचारियों के लिए भी शौचालय की अनिवार्यता
श्री गोयल ने कहा कि राज्य में पंचायतीराज अधिनियम की धारा 19 में परिवर्तन कर पंचायतीराज संस्थाओं के अधीन पदों पर निर्वाचन होने के लिए पहली प्राथमिकता यह तय की गई है कि निर्वाचन लड़ने वाले प्रार्थियों को घर में शौचालय का शपथ पत्रा प्रस्तुत करना होगा। जिसके तहत प्रदेश में 4 लाख 75 हजार जनप्रतिनिधियों ने शौचालय निर्माण करा लिया। इसी क्रम में राज्य सेवा में आने वाले सभी कर्मचारियों एवं मानदेय पर कार्य करने वाले कार्मिकों के लिए भी घर में शौचालय होने की अनिवार्यता लागू की है।
प्रत्येक कलक्टर एक पंचायत को गोद लेकर माॅडल बनाएं
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने जिला कलक्टर्स से कहा कि वे एक-एक पंचायत को गोद लेकर माॅडल बनाते हुए उन पर फोकस करें, जिससे दूसरे जनप्रतिनिधियों में प्रेरणा का संचार हो। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत बीकानेर, चूरू, पाली, सिरोही जिलों में हुए कार्यों का उदाहरण देते हुए इनसे अन्य जिलों को सीख लेने को कहा। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत् पाण्डे ने कहा कि स्वच्छता मिशन पर जिलों में चल रहे कार्यों में गति लाने के लिए कलक्टर्स और सशक्त तरीके से जुटें।
कार्यशाला में ग्रामीण विकास सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना, पंचायतीराज आयुक्त श्री आनन्द कुमार ने स्वच्छ भारत मिशन, नरेगा आयुक्त श्री रोहित कुमार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कराये जा सकने वाले कार्यों, भारत सरकार में जल एवं स्वच्छता मंत्रालय की कन्सलटेन्ट डाॅ. डी.एस. शायनी ने “टेक्नोलाॅजिकल आप्शन फाॅर सेनीटेशन इन रूरल एरियाज्”, उदयपुर के जिला कलक्टर श्री रोहित गुप्ता ने “फूटरो पाली” तथा जोधपुर डिस्काॅम की एम.डी. आरती डोगरा ने बीकानेर जिला कलक्टर के अपने कार्यकाल में संचालित “बंको बीकाणों” अभियान के बारे में अपने प्रस्तुतिकरण दिये।
इस अवसर पर, नगरीय विकास विभाग के सचिव डाॅ. मन्जीत सिंह, प्रमुख शासन सचिव प्रारम्भिक शिक्षा श्री कुंजीलाल मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
जयपुुर, 23 जुलाई 2015