झालाना में वन विभाग के अरण्य भवन का उद्घाटन, वन्य जीव संरक्षण में जनता का साथ जरूरी
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि वन्य जीव संरक्षण के लिए वन विभाग आम जनता का सहयोग लेकर कार्य करें, ताकि प्रदेश में बाघों के संरक्षण के साथ गोडावण प्रजाति को लुप्त होने से बचाया जा सके।
श्रीमती राजे सोमवार को झालाना में वन विभाग के नवनिर्मित अरण्य भवन के उद्घाटन के बाद समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने समारोह में अमृता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार-2013 एवं राजीव गांधी पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार-2014 वितरित किये। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वन संरक्षण के साथ वन्य जीव बचे रहेंगे, तो प्रदेश ईको ट्यूरिज्म के आकर्षण का केन्द्र बना रहेगा। तनाव एवं व्यस्तता के इस समय में व्यक्ति सुकून की तलाश में प्रकृति की ओर आकर्षित होता है। हमारा सौभाग्य है कि हमारे जंगलों में बाघ है, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, इससे हमारे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले बाघ खतरे में थे, अब उनके संरक्षण का काफी कार्य हुआ है। अभी गोडावण पक्षी खतरे में है, जिसे बचाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। गोडावण प्रजाति यहां से लुप्त हुई तो दुनिया से भी विलुप्त हो जायेगी। उन्होंने वन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि उनकी मेहनत और प्र्रयासों से टाईगर सरिस्का में वापस आये हैं, अब मुकुन्दरा हिल्स जैसी जगहों पर भी टाईगर को ले जाने की जरूरत है साथ ही प्रदेश में लेपर्ड सेंचूरी बनानी है ताकि उनका भी संरक्षण हो सके।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में वन क्षेत्र सिर्फ 9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसका औसत 23 प्रतिशत है। इसे बढ़ाने के लिए हमें प्रयास करने होंगे। ताकि आने वाली पीढ़ी याद करेगी कि हमने वनों को बचाये रखा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वन एवं वन्य जीव संरक्षण तथा सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अमृता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार-2013 के अन्तर्गत संस्था संवर्ग में फाउण्डेशन फाॅर इकोलाॅजिकल सिक्योरिटी, प्रतापगढ़ को एक लाख रुपये और व्यक्ति संवर्ग में मोकराम धारणिया को 50 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया। इसी तरह राजीव गांधी पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार-2014 के अन्तर्गत व्यक्ति संवर्ग में हिम्मताराम बाम्बू को 2 लाख रुपये, रजत कमल ट्राॅफी एवं प्रमाण-पत्र तथा संस्था संवर्ग में ग्राम पंचायत पीपलांत्री (राजसमंद) को 5 लाख रुपये, रजत कमल ट्राॅफी व प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अरण्य भवन परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
समारोह में वन, पर्यावरण एवं खान मंत्री श्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि वन धरती का श्रृंगार है और पर्यावरण की शुद्धता के लिए पेड़ बहुत कुछ देते हैं अतः हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि आमजन के सहयोग से वन एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में वन विभाग श्रेष्ठ कार्य करेगा।
समारोह में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, सांसद श्री रामचरण बोहरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन श्री ओपी मीणा, प्रमुख शासन सचिव पीडब्ल्यूडी श्री डीबी गुप्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे। प्रारम्भ में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राहुल कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि 34.5 करोड़ रुपये से निर्मित इस भवन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया गया है, जिससे ऊर्जा एवं पानी की बचत होगी।
जयपुर, 23 मार्च 2015