राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार पानी एवं सड़क के साथ-साथ बिजली के क्षेत्र में सुधार करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने विद्युत क्षेत्र में काम कर रही कम्पनियों के साथ चर्चा के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में शनिवार को आयोजित पॉवर कॉन्क्लेव में कहा कि ऊर्जा के बिना किसी राज्य की आर्थिक उन्नति नहीं हो सकती और इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
श्रीमती राजे ने कहा कि बिजली की उपलब्धता के मामले में राजस्थान आत्मनिर्भर है। प्रदेश में बिजली की नियमित आपूर्ति की जा रही है तथा मांग व आपूर्ति के बीच अंतर महज दशमलव एक (0.1) प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के अनुकूल माहौल एवं नीतियां बनाई गई हैं एवं इस क्षेत्र में विकास से और निवेशक यहां आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कॉन्क्लेव में शामिल देश की जानी-मानी कंपनियों के प्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार विद्युत वितरण के क्षेत्र में उनके अनुभवों का लाभ उठाते हुए ऊर्जा क्षेत्र में सुधार एवं इस सेक्टर के विकास का रोडमैप तैयार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत उत्पादन एवं प्रसारण के क्षेत्र में पहले ही निजी क्षेत्र की भागीदारी में कार्य किया जा रहा है और अब इस भागीदारी को आगे बढ़ाते हुए सरकार बिजली वितरण में भी निजी क्षेत्र को साथ लेकर कार्य करना चाहती है।
इससे पहले मुख्य सचिव श्री सी. एस. राजन ने कॉन्क्लेव की शुरूआत में निजी कंपनियों के चेयरमेन, एमडी व अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए ऊर्जा क्षेत्र में हो रही प्रगति की जानकारी दी। कॉन्क्लेव में विद्युत वितरण क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सहभागिता की संभावनाओं और सहभागिता के विभिन्न विकल्पों के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने प्रदेश में विद्युत तंत्र की वर्तमान स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि कहा कि राजस्थान पॉवर सरप्लस राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है और हमारा लक्ष्य 2015-16 तक उत्पादन क्षमता 17,476 मेगावाट तक ले जाना है। उन्होंने बताया कि विद्युत क्षेत्र में घाटा 77, 453 करोड़ तक पहुंच गया है। प्रदेश में विद्युत प्रसारण तंत्र की स्थिति तो काफी अच्छी है, लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन लॉस राष्ट्रीय औसत से ज्यादा होना चिंता का विषय है।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि उत्पादन व प्रसारण के क्षेत्र में पहले से ही पीपीपी मोड़ पर कार्य हो रहा है, लेकिन अब वितरण के क्षेत्र में भी निजी क्षेत्र के साथ सहभागिता की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
कॉन्क्लेव में ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री प्रेम सिंह मेहरा, प्रदेश सरकार के निवेश एवं पीपीपी सलाहकार श्री गजेंद्र हल्दिया, ऊर्जा सलाहकार श्री आर.जी. गुप्ता, ऊर्जा टास्क फोर्स के अध्यक्ष श्री आर.वी. शाही, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड़ के एमडी श्री हेमन्त गेरा, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी श्री अनुराग भारद्वाज, राज्य अक्षय ऊर्जा निगम के एमडी श्री बी. के. दोसी, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेषक (तकनीकी) श्री सुनिल मेहता उपस्थित थे। काॅन्क्लेव में एस्सेल पॉवर के चेयरमेन श्री सुभाष चन्द्रा, टाॅरेंट पाॅवर के चैयरमैन श्री सुधीर मेहता, अडानी पॉवर के एमडी श्री राजेश अडानी, इण्डिया पाॅवर के श्री राघवराज कनौडि़या, रिलायन्स इन्फ्रा के निदेषक श्री ललित जालान, सीईएससी लिमिटेड के एमडी श्री अनिरुद्ध बसु, टाटा पाॅवर के सीईओ एवं कार्यकारी निदेषक श्री प्रवीर सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कॉन्क्लेव में एस्सेल पॉवर, टोरेन्ट पॉवर, अडानी पॉवर, जेएसडब्लू, टाटा पॉवर, इंडिया पॉवर, रिलायंस इन्फ्रा एवं सीईएससी लिमिटेड़ के प्रतिनिधियों ने विद्युत वितरण के क्षेत्र में अपनी कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिए।
जयपुर, 21 मार्च 2015