जैसलमेर से धौलपुर और गंगानगर से बांसवाड़ा तक सम्पूर्ण विकास से कम कुछ मंजूर नहीं
वर्ष 2017-18 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि विकास को लेकर हमारा लक्ष्य स्पष्ट और इरादा दृढ़ है। हमें जैसलमेर से धौलपुर और श्रीगंगानगर से बांसवाड़ा तक राजस्थान के हर गांव और हर ढाणी के सम्पूर्ण विकास से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। इस लक्ष्य की प्राप्ति तक हम ना थकेंगे और ना रुकेंगे। उन्होंने कहा कि समग्र विकास की इसी सोच के साथ राज्य का इस वर्ष का बजट हर वर्ग, हर समुदाय और हर क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया।
श्रीमती राजे शुक्रवार को राज्य विधानसभा में प्रदेश के वर्ष 2017-18 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब दे रहीं थीं। उन्होंने कहा कि सरकार का यह बजट एक पवित्र ग्रन्थ है जिसमें 36 की 36 कौमों के उत्थान के अध्याय और प्रदेश के समग्र विकास की योजना शामिल है। यह बजट हमारे विजन-2020 का पूरक है जो लोगों को चिंताओं से मुक्त कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएगा तथा प्रदेश का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करेगा।
विषम परिस्थितियों के बावजूद बढ़ाया बजट आवंटन
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 से 2012-13 तक बाजार में वर्ष 2013 से अब तक की तुलना में ज्यादा उछाल था। इससे राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा लेकिन इन विषम परिस्थितियों के बावजूद हमने विभिन्न क्षेत्रों में बजट आवंटन को बढ़ाया है ताकि प्रदेश के विकास को गति मिले। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007-08 से 2012-13 तक पेट्रोलियम क्षेत्र में 546 प्रतिशत से अधिक उछाल था जो 2013 से 2016 के बीच घटकर ऋणात्मक (-17.61 प्रतिशत) हो गया है। इसी प्रकार स्टाम्प पंजीयन एवं मुद्रांक, खनन, वाहन कर तथा बिक्री कर पर भी विपरीत असर पड़ा। इसके बावजूद हमने विद्युत क्षेत्र में बजट आवंटन में 258.10, जलदाय में 32.12, पीडब्ल्यूडी में 41.82, पर्यटन में 68.82, सिंचाई में 25.66 तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज में 43.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।
तीन साल में दोगुना किया नेशनल हाईवे नेटवर्क
श्रीमती राजे ने पूर्ववर्ती सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उस समय सुशासन और विजन की कमी के चलते संसाधनों का प्रभावी उपयोग नहीं हो सका। पूर्ववर्ती सरकार के पांच वर्ष में जितना काम नहीं हुआ उससे अधिक काम हमने तीन वर्ष में कर दिखाया। पूर्ववर्ती सरकार ने पांच साल में नई सड़कों के निर्माण पर केवल 2 हजार 993 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि हमने तीन वर्ष में 4 हजार 565 करोड़ रुपये खर्च किए। उस समय पांच साल में 12 हजार 554 किमी नयी सड़कों का निर्माण हुआ जबकि हमारे तीन साल में 14 हजार 788 किमी नयी सड़कें बनीं। इसी प्रकार पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल में केवल 174 किमी नए राज्य राजमार्ग घोषित हुए, जबकि हमारे तीन साल में 5262 किमी नये राज्य राजमार्ग घोषित हुए। हमने तीन वर्ष में प्रदेश में नेशनल हाईवे नेटवर्क दोगुना कर दिया है और इस दृष्टि से देश में प्रथम हैं। हमने मुख्य जिला सड़कों को हाईवे में क्रमोन्नत करने की सुराज संकल्प की घोषणा की दिशा में 5262 किलोमीटर नेशनल हाईवे घोषित किए हैं।
पिछली सरकार ने सिर्फ घोषणाएं की, पूरा हमने किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने सिर्फ घोषणाएं करने का काम किया, उन्हें पूरा करने का काम हम कर रहे हैं। उन्होंने फतेहपुर-लक्ष्मणगढ़ जलदाय योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इसकी घोषणा बजट भाषण 2012-13 में ही हो गई थी, लेकिन गत सरकार ने इसे पूरा नहीं किया। हमने तीन साल में बिना किसी भेदभाव के इस योजना पर करीब 390 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस वर्ष 124 करोड़ रुपये और व्यय कर इसे पूरा कर देंगे। इसी प्रकार पिछली सरकार ने सड़कों सहित कई अन्य घोषणाएं की, लेकिन उन योजनाओं को पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया। अब हमारी सरकार इन घोषणाओं को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने ग्रामीण गौरव पथ बनाकर गांवों की तस्वीर बदल दी है। अब 179 नगरीय क्षेत्रों में शहरी गौरव पथ का निर्माण करेंगे।
द्रव्यवती नदी बनेगी मिसाल
श्रीमती राजे ने कहा कि जयपुर का अमानीशाह नाला लोगों के आंखों की किरकिरी बन गया था। हम सकारात्मक सोच और दूरदृष्टि के साथ इस नाले का आमूलचूल परिवर्तन कर इसे आकर्षण का केन्द्र बना रहे हैं जो अपने आप में एक मिसाल होगा। उन्होंने बताया कि 47.5 किमी लम्बी द्रव्यवती नदी के विकास के इस प्रोजेक्ट पर 1667 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
63 हजार करोड़ कहां गये, आज तक नहीं बताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बिजली कम्पनियों पर पांच वर्ष में ही करीब 63 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ा दिया, इसके बावजूद विद्युत तंत्र पूरी तरह छिन्न-भिन्न रहा। आज तक इसका कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया कि इतनी बड़ी राशि गई कहां? उन्होंने कहा कि हमने 3 वर्ष में बिजली कम्पनियों को 97 हजार 105 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी, जबकि पिछली सरकार ने पांच वर्ष में केवल 27 हजार 749 करोड़ रुपये की सहायता दी। इसी प्रकार हमारी सरकार ने किसानों को बिजली दरों में अनुदान के लिए 19 हजार 398 करोड़ से अधिक की राशि दी, जबकि पिछली सरकार ने पांच वर्ष में केवल 8 हजार 320 करोड़ रुपये दिये।
4,029 गांव-ढाणियों को मिला मीठा पानी
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश के हर गांव-ढाणी तक शुद्ध पेयजल मिल सके, इसके लिए हमारी सरकार ने केवल तीन साल में ही पेयजल परियोजनाओं पर करीब 14,361 करोड़ रुपये व्यय किए हैं, जबकि पिछली सरकार ने 5 वर्ष में पेयजल योजनाओं पर केवल 2,775 करोड़ रुपए खर्च किए। हमने तीन साल में 32 वृहद पेयजल परियोजनाएं पूरी कर 4,029 गांव-ढाणी में पानी पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हमारे इन प्रयासों से आजादी के इतने साल बाद लोगों को पहली बार मीठा पानी मिला है।
जल संसाधन के लिए दोगुना किया बजट
मुख्यमंत्री ने परवन वृहद सिंचाई एवं पेयजल योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए जल्दबाजी में बिना स्वीकृतियां प्राप्त किए और बिना भूमि अवाप्ति के ही इस योजना का शिलान्यास कर दिया। उन्होंने 2,360.43 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए 5 साल में तीन बजट घोषणाओं के माध्यम से केवल 7.68 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया है। हमारी सरकार आने के बाद हमने इस परियोजना के लिए सभी स्वीकृतियां प्राप्त की और अब तक 1,703 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया जा चुका है। इस योजना से बारां, झालावाड़ और कोटा में 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हरिके बैराज की मरम्मत के लिए भी कोई प्रयास नहीं किए और ना ही इंदिरा गांधी नहर परियोजना की नहरों को ठीक करवाया। हमारी सरकार ने इन योजनाओं सहित जल संसाधन के अन्य कार्यों के लिए पिछली सरकार से दोगुना 8053 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
गरीबों को मिल रहा बेहतर निःशुल्क इलाज
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रभावी सुधार किए हैं। पिछली सरकार के समय 5 साल में 132 उपस्वास्थ्य केन्द्रों के लिए भवन निर्माण हुआ जबकि हमने तीन साल में 665 भवन बनाए। उन्होंने पांच साल में पीएचसी के लिए 10 और सीएचसी के लिए 7 भवन बनाए जबकि हमने क्रमशः 72 एवं 22 भवन बनाए। उन्होंने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से गरीब परिवारों को निजी चिकित्सालयों में भी बेहतर निःशुल्क इलाज मिल रहा है। अब तक 8 लाख 72 हजार मरीज इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
37 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई, 41,747 की प्रक्रियाधीन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्वालिटी एजुकेशन के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके लिए एकीकृत, आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना, शिक्षकों के समानीकरण सहित कई नवाचार किए गए। जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई। इसी का नतीजा रहा कि तीन वर्षों में कक्षा 11-12 में नामांकन 32 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया। तीन वर्षों में 37 हजार नये शिक्षकों की भर्ती की गई जबकि 41 हजार 747 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है और 86 हजार शिक्षकों की पदोन्नति की गई। साथ ही, उच्च शिक्षा के लिए भी तीन वर्षों में 28 नये राजकीय महाविद्यालय खोले और 8 इस बजट में घोषित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सम्भागीय मुख्यालयों पर राजकीय कॉलेजों में स्मार्ट साइंस लैब की स्थापना जैसे काम राजस्थान में पहली बार हो रहे हैं। इससे युवाओं के प्रति हमारी और उनकी सोच का पता चलता है।
इसी साल पूरा होगा 15 लाख रोजगार का वादा
श्रीमती राजे ने कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए हमने तीन साल में 6 लाख 43 हजार 838 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष में विभिन्न विभागों में 1 लाख 8 हजार 903 भर्तियां की गई हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 1 लाख 14 हजार 165 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। कौशल रोजगार एवं उद्यमिता रोजगार मेलों के माध्यम से 1 लाख 81 हजार 216, ई-मित्र केन्द्रों पर 36 हजार रोजगार सृजन निवेश प्रोत्साहन के तहत 47 हजार 614, आर्मी रैलियों में 9 हजार 513 तथा स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 31 हजार 962 सहित कुल 11 लाख 73 हजार 211 युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष के अंत तक हम अपना 15 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वादा पूरा कर देंगे।
हमारे नवाचार, देश में पहली बार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आधुनिक राजस्थान के निर्माण के लिए प्रदेश में कई ऐसे काम किए हैं जो आजादी के बाद पहली बार हुए हैं। इनमें से कुछ काम ऐसे हैं जो पूरे देश में आज तक नहीं हुए। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को हवाई माध्यम से तीर्थ यात्रा कराने का काम देश में पहली बार राजस्थान में हुआ है। हम 5 हजार लोगों को हवाई माध्यम से तीर्थ यात्रा करवायेंगे। उन्होंने बताया कि ढाई लाख रुपये वार्षिक से कम आय वाले आर्थिक पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं को आर्थिक पैकेज, आयु को आधार नहीं मानकर पात्र विशेष योग्यजनों को मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना में 750 रुपये मासिक सहायता, अन्नपूर्णा रसोई योजना, खनन पट्टों का आवंटन एवं रॉयल्टी ठेकों का ई-ऑक्शन, एसएमएस अस्पताल में हार्ट एवं कोटा मेडिकल कॉलेज में किडनी ट्रांसप्लांट जैसे काम राज्य में पहली बार हुए हैं। इसी प्रकार पिछड़े एवं अतिपिछड़े क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 के तहत राजस्थान के मूल निवासियों के लिए 35 हजार रुपये की एम्प्लॉयमेंट जनरेशन सब्सिडी तथा मुफ्त भू-रूपांतरण जैसी सौगातें भी पहली बार दी गई है।
जयपुर, 17 मार्च 2017