सहभागिता से ही संभव होगा समावेशी विकास
जयपुर, 15 जनवरी। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि समावेशी विकास और नागरिकों की समृद्धि सहभागिता से ही संभव है। यह सहभागिता सरकारों, व्यवसायिक घरानों और आमजन के बीच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में आर्थिक विकास की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार इनको हकीकत में बदलने के लिए बेहतर व्यावसायिक, सामाजिक और नीतिगत माहौल बनाने के लिए प्रयासरत है।
श्रीमती राजे गुरुवार को कन्फेडेरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) पार्टनरशिप सम्मिट के उद्घाटन सत्रा में बोल रही थीं। इस सत्रा को केन्द्रीय रेल मंत्राी श्री सुरेश प्रभु, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्राी श्रीमती निर्मला सीतारमन, मेकेडोनिया के प्रधानमंत्राी श्री निकोलाई ग्रुवेस्की ने भी सम्बोधित किया।
श्रीमती राजे ने कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है और समय के साथ आगे बढ़ने के लिए हमें तैयार रहना होगा। उद्यमियों को राजस्थान में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान ने समावेशी और सम्पूर्ण विकास की अवधारणा के साथ एक नई आर्थिक यात्रा की शुरूआत कर दी है, इसमें योग्यता को प्रोत्साहन व संसाधनों के उपयोग के लिए सभी को समान अवसर सुनिश्चित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्राी ने विश्वास व्यक्त किया कि आधुनिक, नागरिक केन्द्रित और निवेश के लिए बेहतरीन वातावरण बनाने के लिए राज्य की भूमिका एक फेसिलिटेटर की होनी चाहिए। इसीलिए राजस्थान ने उद्योग और श्रम कानूनों में सुधार लागू किये हैं ताकि नागरिकों के लिए नये रोजगार उपलब्ध हो सके। इन सुधारों को माननीय प्रधानमंत्राी ने न केवल सराहा है बल्कि दूसरे राज्यों को भी इन्हें लागू करने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में 15 लाख युवाओं को कौशल विकास के बाद रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी हमने सहभागिता के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये हैं। साथ ही एक स्किल यूनिवर्सिटी भी जल्द ही स्थापित की जायेगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ यहां प्राकृतिक संसाधनों, किले-महलों, आर्ट एण्ड क्राफ्ट और भू-संसाधनों की प्रचुरता है। देश की राजधानी से समीपता और शांत वातावरण के चलते राजस्थान व्यावसायिक दृष्टि से देश का सबसे अच्छा बिजनेस डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर व दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रीयल काॅरीडोर जैसी परियोजनाओं के चलते राजस्थान औद्योगिक विकास के साथ-साथ उत्तर और दक्षिण के विभिन्न बाजारों को जोड़ने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य सरकार भी विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों को सहभागिता के लिए अवसर उपलब्ध कराने को तैयार है।
श्रीमती राजे ने राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर, निर्माण, नवीन ऊर्जा, कौशल विकास और शहरी विकास क्षेत्रों में निवेश के लिए उद्यमियों का आह्वान किया। राज्य सरकार के विजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आधुनिक आधारभूत संरचनाओं से सुसज्जित ऐसा राजस्थान बनाना चाहती है, जहां रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और सेवाओं की गुणवत्ता उपलब्ध हो।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि राज्य के नागरिकों की आकांक्षाएं ही उनके लिए सर्वोपरि है। राज्य के बेहतर भविष्य के लिए सरकार क्षमता निर्माण, पर्यावरण संरक्षण, कृषि और पशुधन की संरक्षा के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में कचरा प्रबन्धन, जल संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार, उद्यमी और निवेशक हाथ से हाथ मिलाकर चले तो सभी बाधाएं आसानी से पार कर सकेंगे और राजस्थान के नागरिकों के सपने साकार हो सकेंगे।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में व्यावसायिक सहभािगता को बढ़ाने के लिए कई नीतिगत घोषणाएं कर चुकी है। अब हम राज्य सरकार 25 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन, 20 हजार किमी सड़कों का निर्माण, पेयजल के वाटर ग्रिड, प्राकृतिक गैस के वितरण, खनन, कचरे से ऊर्जा उत्पादन, पानी की रिसाइक्लिंग जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ हेल्थकेयर, शिक्षा और सेवा क्षेत्रों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप करना चाहते हैं। उन्होंने उद्यमियों और निवेशकों से राज्य की नीतियों के विषय में अपने फीडबैक देने के लिए भी कहा और नवम्बर में प्रस्तावित रिसर्जेन्ट राजस्थान अधिवेशन के लिए आमंत्रित किया।
उद्घाटन सत्रा में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रेल मंत्राी श्री सुरेश प्रभू ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में उठाये गये महत्वपूर्ण कदमों की वजह से भारत में निवेश करने के प्रति अन्य देशों की रूचि बढी है। धीमी गति से आगे बढ रही देश की अर्थव्यवस्था अब तेजी से आगे बढ रही है।
श्री प्रभू ने कहा कि हमारे प्रयासों से देश में कृषि, निर्माण एवं लोजेस्ट्क्सि के क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारों के बीच मजबूत साझेदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहत्तर आर्थिक विकास के लिए अन्य चीजों के साथ रोजगार पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा ताकि विभिन्न समुदायों की भागीदारी भी इस बदलते परिदृश्य में हो सकें।
केन्द्रीय रेल मंत्राी ने कहा कि राज्यों को बेहत्तर विकास के लिए केन्द्र सरकार हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है। राज्यों को अपने क्षेत्रा में अधिक संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। राजस्थान के परिपे्रक्ष्य में उन्होंने पर्यटन क्षेत्रा का उदाहरण दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्राी (स्वतंत्रा प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकार द्वारा निवेश आमंत्रित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मेक इन इण्डिया अभियान को सफल बनाने के साथ ही नई साझेदारियां विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में अर्थ व्यवस्था के प्रति बदलती हुई धारणा के बीच व्यापार करने में आसानी पर ध्यान केन्द्रित किया जाए।
उन्होंने कहा कि आज भारत में अपने आप को निवेश के एक नये गन्तव्य के रूप में प्रस्तुत करने की क्षमता है। देश में निर्माण, सेवा एवं नवाचारों की विपुल सम्भावनाएं हैं।
उद्घाटन सत्रा को सम्बोधित करते हुए मेसीडोनिया के प्रधानमंत्राी श्री निकोला ग्रुएव्स्की ने अपने सम्बोधन में कहा कि विकास के लिए भागीदारी की महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने अपने देश की बेहत्तर आर्थिक व्यवस्था तथा निवेश के लिए अनेक क्षेत्रों में दी जा रही रियायतों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि बेहत्तर विकास के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों के साथ ही शिक्षा एवं उसकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरूआत में सीआईआई के अध्यक्ष श्री अजय एस. श्रीराम ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने विचार प्रकट किए। तीन दिवसीय पार्टनरशिप समिट में 51 देशों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।