मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने लौटाया वादियों का वैभव, धरा होने लगी तृप्त

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की आरंभिक सफलताओं ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की दूरदर्शी सोच को साकार कर दिखाया है। हिन्दुस्तान भर में अपनी तरह का यह पहला अभियान रहा जिसने छह माह से भी कम समय में राजस्थान की धरती की सूरत बदलने और सरसता प्रदान करने में सफलता पा ली है। अभियान के पहले ही चरण की आशातीत सफलता ने पूरे प्रदेश को हर्ष और उल्लास की बारिश में नहला दिया है। अब शेष रहे ग्राम्यांचलों को इस अभियान में लेने की व्यापक स्तर पर तैयारियां जारी हैं। शेष रहे गांवों के लोग अपने यहां अभियान की गतिविधियां चलवाने के लिए लालायित बने हुए हैं। अब तक हुई बारिश ने पहाड़ों से लेकर घाटियों और मैदानी इलाकों तक में जल भण्डारों का ऎसा वजूद कायम कर दिखाया है जिसे सदियों तक पीढ़ियां याद रखेंगी।

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खासकर राजस्थान के दक्षिणांचल में उदयपुर जिले की नैसर्गिक रमणीयता और प्राकृतिक संसाधनों के प्रवाह को इस अभियान ने और अधिक गति प्रदान की है। वन वैभव लौटने लगा है और गांवों में अभियान के अन्तर्गत सभी की भागीदारी से बनी असंख्य जल संरचनाओं में जमा पानी आने वाले कल के सुखद और समृद्ध होने की सटीक भविष्यवाणी करता प्रतीत हो रहा है। हालांकि अभी बरसाती मौसम का आरंभिक दौर है, बावजूद इसके कई स्थानों पर सब कुछ सुहाना और सुकून भरा लगने लगा है। प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर उदयपुर जिले के लिए ये जल धाम और तेजी से पसरती जा रही हरियाली वैश्विक पर्यटन विकास के लिए भी सहयोगी सिद्ध होने लगी है।

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पेयजल और सिंचाई सुविधाओं के साथ ही पेड़-पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा ग्राम्य आधारित तमाम प्रकार की व्यवस्थाओं और लोक जीवन के लिए ये जलधाम सार्वजनीन उत्साह का केन्द्र बने हुए हैं। वादियों का परंपरागत मौलिक वैभव लौटने लगा है और पानी पर आधारित परिवेशीय गतिविधियों को संबल प्राप्त हुआ है। ऊँचाई से देखने पर उदयपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों का खूबसूरत नज़ारा हर किसी को मोहित एवं मंत्र मुग्ध कर देने वाला है। हाल ही ड्रोन से हुई हवाई वीडियोग्राफी में पानी और हरियाली के सौंदर्य भरे ऎसे-ऎसे बिम्ब कैद हुए हैं जो दुनिया के हरित क्षेत्रों के मुकाबले इक्कीस ही ठहरते हैं। भरपूर बारिश का दौर आरंभ होने के बाद क्षेत्र भर में परिवेशीय सौंदर्य भी अपूर्व व ऎतिहासिक दिखेगा और जल आत्मनिर्भरता के गौरव भरे गांवों के जनजीवन को आसान बनाने में भी मदद प्राप्त होगी। यह कहा जा सकता कि पहाड़ी क्षेत्रों से भरपूर उदयपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान इन्द्रधनुषी स्वप्नों को साकार करने वाला महाभियान सिद्ध होगा, इसके संकेत मिलने आरंभ हो चुके हैं।

जयपुर, 18 जुलाई 2016

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