बढ़ चला कारवाँ अब दरख्तों की दुनिया सँवारने हरियाली की चादर का ताना-बाना बुन रहे लोग मेरे गाँव के
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में जगह-जगह पानी के भण्डारों के सृजन की लगभग छह माही यात्रा के बाद अब पूरा का पूरा प्रशासनिक अमला, जन प्रतिनिधियों के समूह और आम ग्रामीणों का मिला-जुला कारवाँ दरख्तों की दुनिया को आबाद करने, सँवारने और घनी हरियाली की चादर का ताना-बाना बुनने में जुट गया है। मामूली बरसात के बाद नम हुई धरती का श्रृंगार करने के लिए अब जोर-शोर से पौधारोपण का अभियान का आरंभ हो चला है। खासकर उदयपुर जिले के पहाड़ों से लेकर घाटियों, वन क्षेत्रों, मैदानी इलाकों और जलक्षेत्रों के इर्द-गिर्द व्यापक पैमाने पर पौधरोपण का अभियान शुरू हो चला है। उदयपुर जिले में इस बार बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की गतिविधियां आरंभ हो गई हैं।
अब सभी का ध्यान पानी के संग्रहण के साथ ही सघन हरियाली लाने की ओर केन्दि्रत है और इस दिशा में समन्वित प्रयासों भरी योजना का क्रियान्वयन आरंभ हो चुका है। जिला स्तर से लेकर उपखण्ड, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर तक व्यापक पैमाने पर पौधे लगाने की योजना का सूत्रपात उदयपुर जिले में हो गया है। शनिवार को जिले के विभिन्न उपखण्ड क्षेत्रों में ब्लॉक स्तरीय एवं अन्य प्रकार के पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित कर पौधे लगाए गए।
इनमें विधायकों, प्रधानों, सरपंचों सहित पंचायतीराज के पदाधिकारियों, प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों, वाटरशेड एवं वन विभागीय अधिकारियों एवं कार्मिकों, विद्यार्थियों तथा क्षेत्र के ग्रामीणों ने मिलकर बड़ी संख्या में पौधे लगाए। पौधरोपण कार्यक्रमों में क्षेत्र की महिला जन प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के साथ ही ग्राम्य महिलाओं ने भी उत्साह से पौधे लगाए।
जयपुर, 2 जूलाई, 2016
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