सफलता की कहानी-परिहारखेड़ी गांव के लोगों को इंतजार है-नवनिर्मित एनीकट के वर्षा जल से भरने का
झालावाड़ पंचायत समिति पिडावा की ग्राम पंचायत कोटडी के ग्राम परिहारखेडी में अधिकतर लोग खेती पर निर्भर हैं। यहां कुओं का जलस्तर लगभग 40 से 60 फुट जमीन के नीचे है तथा पानी की उपलब्धता बहुत कम है। इस कारण यहां के लोग काफी गरीब हैं। यहां के किसान प्रायः एक ही फसल ले पाते हैं।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इन्हीं कारणों से राजस्थान के लगभग 3300 गांवों में इस वर्ष मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का कार्य हाथों में लिया। इस अभियान के अंतर्गत वर्षा जल को स्थानीय जल संरचनाओं में रोककर उसे कृषि, पशुओं, मानवों एवं अन्य आवश्यकताओं के लिये उपलब्ध कराया जाना है तथा अधिक से अधिक पानी रोककर भूमि में समाहित किया जाना है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण में परिहारखेडी गांव में अन्य जलग्रहण कार्यों के साथ साथ एनीकट कार्य परिहारखेडी भी स्वीकृत हुआ। इस कार्य के लिये 8.00 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई। इस कार्य के लिये जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग को कार्यकारी संस्था बनाया गया।
यह एनीकट तेजी से बन रहा है तथा 30 जून से पहले पूरा हो जायेगा। आगामी बरसात में इस एनीकट में लगभग 2400 घन मीटर पानी का संचय किया जा सकेगा। इसके साथ ही लगभग 17 कुओं को रिचार्ज करके उनके जल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस कार्य के होने से गांव के लोग काफी खुश हैं तथा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में उनके गांव का चयन होने से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि उनकी इतनी बड़ी सोच के कारण ही हमारी लम्बे समय से चली आ रही समस्या का समाधान होना संभव हो सका है। ग्रामवासियों को विश्वास है कि अगली बारिश के बाद उन्हे पानी के लिए मोहताज नहीं रहना पड़ेगा।
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