राजस्थान के कण-कण में शौर्य और बलिदान
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान के कण-कण में शौर्य और बलिदान मौजूद है। यहां देश की आजादी को या मातृभूमि की रक्षा को राजस्थान के वीर सपूत हमेशा आगे रहे हैं। राज्य सरकार शहीदों के परिवारों की सुख-सुविधा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मीडिया को देशभक्ति का जज्बा, राष्ट्र के प्रति समर्पण और सैनिकों के प्रति सम्मान की खबरों को पूरी अहमियत देनी चाहिए। सरकार के अच्छे कार्यक्रमों को जनता के बीच ले जाने का प्रयास भी करना चाहिए।
श्रीमती राजे बुधवार को यहां एक होटल में जी मरूधरा की ओर से आयोजित वीरांगना सम्मान समारोह ’है नमन उनको’ को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शहीद और उनके आश्रित हमारे परिवार का मुख्य अंश हैं। सैनिकों की शहादत के आगे यह सम्मान कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान के बहादुर सैनिकों एवं उनकी वीरांगनाओं को नमन करती हूं। कारगिल युद्ध में शहीद हुए राजस्थान के सैनिकों की वीरांगनाओं के जज्बे को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन वीरांगनाओं को नहीं भूल सकती, जिन्होंने अपने सुहाग के उजड़ने के बाद भी एक आसूं नहीं निकाला और अपने पति की शहादत पर गर्व महसूस किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगनाओं को उचित मान-सम्मान मिले, इसके लिए प्रदेश की एक हजार से अधिक वीरांगनाओं को विशेष पहचान कार्ड जारी किये गये हैं। राज्य के आॅपरेशन विजय और अन्य आॅपरेशन में शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली राशि डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख, शौर्यचक्र धारकों को देय नकद पुरस्कार राशि 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये, सेना, वायु सेना एवं नौ सेना मैडल धारियों को दी जाने वाली राशि दो लाख से बढ़ाकर सवा 6 लाख रुपये की गई है। इसी तरह द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिक एवं सैनिकों की विधवाओं की पेंशन तीन हजार से बढ़ाकर चार हजार रुपये की गई है। इसके अलावा कई अन्य लाभ सैनिकों के परिवारों को दिये जा रहे हैं।
श्रीमती राजे ने कहा कि हम सब सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें और हम सबकी मंजिल, हम सबका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ विकास हो। इसके लिए रचनात्मक सोच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि मीडिया की खबरें हमेशा सकारात्मक हों लेकिन यह बहुत जरूरी है कि उसकी भूमिका नकारात्मक नहीं हो। वह रचनात्मक आलोचना करे, क्योंकि नैगेटिव न्यूज केवल लोगों में निराशा लाती है। इसका बच्चों और युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूज चैनल टीआरपी के बजाय अपनी विश्वसनीयता बढ़ायें। पत्रकारों को अपने सिद्धान्तों से समझौता नहीं करना चाहिए। बेखौफ होकर सच्ची और तथ्यपरक खबरें देनी चाहिए। लोगों को राष्ट्रप्रेम से सम्बन्धित खबरें भी दिखाना चाहिए। टेलीविजन के माध्यम से हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ी को यह बताया जाना चाहिए कि हमारे सैनिक देशभक्ति का जज्बा लिये किन हालात में सीमा पर तैनात रहकर हमारी रक्षा करते हैं। उन्होंने जी मरूधरा को बधाई देते हुए कहा कि चैनल ने वीरांगनाओं के सम्मान में यह अद्भुत कार्यक्रम आयोजित कर एक अच्छा प्रयास किया है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान और कौशल विकास जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के बिना विकास सम्भव नहीं है।
सैनिक कल्याण मंत्री श्री कालीचरण सर्राफ ने कहा कि हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा शहीद राजस्थान से हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार शहीदों के परिवारों को हर संभव सुविधा देने के लिए सजग है। उन्होंने कहा कि शहीद परिवारों के बच्चों के लिए राजस्थान ने सबसे ज्यादा हाॅस्टल बनवाये हैं।
एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन श्री सुभाष चन्द्रा ने कहा कि राजस्थान के लोगों में आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की जैसी भावना है, वह विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलती। यहां की धरती में अपनापन है और यहां के समाज में सहयोग की प्रवृत्ति है। उन्होंने कार्यक्रम में सम्मानित वीरांगनाओं का रक्षाबंधन के अवसर पर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा करवाने की घोषणा की।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक श्री अशोक परनामी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।
जयपुर, 19 अगस्त 2015
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