निवेश के लिए राजस्थान बना देश में माॅडल स्टेट
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा है कि राजस्थान व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन एवं निवेश के लिए देश में एक उदाहरण एवं सुधारों का माॅडल स्टेट बनकर उभर रहा है। निवेशक यहां प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ उठाकर राज्य की प्रगति के साथ अपने व्यवसाय के विस्तार एवं विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकते हैं।
श्रीमती राजे गुरुवार को नई दिल्ली में राजस्थान सरकार और भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समीट रोड शो एवं निवेशकों की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान समृद्ध राज्य है, यहां के पर्यटन स्थल देश एवं दुनिया में विशेष स्थान रखते हैं। राजस्थान को अपनी विरासत पर गर्व है। यह हमें विश्व में एक अलग पहचान देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को राजस्थान की अनुकूल भौगोलिक स्थिति, संसाधनों की भरपूरता, विकसित आधारभूत संरचना, गुणवत्तायुक्त मानवीय संसाधनों एवं प्रगतिशील नीति प्रबंधन एवं सरकार के सकारात्मक सहयोग का लाभ उठाना चाहिए। राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए हैं, जिससे निवेशकों को राज्य में अपना व्यवसाय स्थापित करने में काफी सहुलियत हो रही है।
सकारात्मक व्यावसायिक माहौल
श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार ने सकारात्मक व्यावसायिक माहौल बनाने एवं कुशल मानवीय संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किए हैं, जिससे श्रमिक-औद्योगिक प्रतिष्ठानों के संबंध संतुलित बने रहे। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान श्रम सुधारों के क्षेत्रा में देश में एक माॅडल राज्य के रूप में उभरा है। देश के अन्य राज्य भी हमारे श्रम सुधारों को अपना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्रा में उद्योग स्थापित करने के लिए राजस्थान की भौगोलिक स्थिति बहुत ही अनुकूल है। राजस्थान में सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए सूर्य की किरणें सर्वाधिक उपयुक्त स्थिति में उपलब्घ होती है। राज्य सरकार ने ‘राजस्थान सोलर ऊर्जा नीति 2014’ बनाकर निवेशकों को इस क्षेत्रा में प्रोत्साहित करने के कारगर कदम उठाये है। नीति के माध्यम से आसान शर्तों पर जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि हमने सोलर ऊर्जा नीति के माध्यम से 25 गीगावाॅट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा था, लेकिन आज हम 34 गीगावाॅट की सीमा को पार कर चुके हैं जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। केन्द्र सरकार ने सौर ऊर्जा इकाइयों से बनने वाली ऊर्जा के आसान निर्गमन के लिए दूरसंचार सहायता प्रदान करने का वादा किया है।
निवेशकों को मिल रही है हर सुविधा
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में खनिज सम्पदा का विपुल भंडार है। खनिज पर आधारित औद्योगिक गतिविधियों को सरकार पूरी सहायता व सहयोग प्रदान कर रही है। नवीन खनिज नीति बनाकर खनिजों के सतत् एवं सफल उत्खनन को बढ़ावा दिया गया है। निवेश प्रोत्साहन नीति के माध्यम से राज्य में निवेशकों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही है, जिसमें करों पर सब्सिडी, विशेष पैकेज, सिंगल विडो सिस्टम, प्राथमिकता पर आधारित क्षेत्रों में निवेश करने पर विशेष लाभ प्रदान करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।
शीर्ष औद्योगिक प्रतिष्ठानों की भागीदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं एवं यहां की प्राकृतिक तथा भोगैालिक स्थिति का लाभ उठाते हुए दुनिया के शीर्ष औद्योगिक प्रतिष्ठान राज्य में अपना कारोबार कर रहे हैं, जिनमें जे.सी.बी., (यूके) सैट जोविन (फ्रांस), वौंस (जर्मनी) प्रमुख है। उन्होंने कहा कि ऐसे औद्योगिक प्रतिष्ठानों का यहां कारोबार करना संयोग मात्रा नहीं है अपितु यह सरकार की सकारात्मक पहल का ही परिणाम है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान का काफी बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रा का भाग है। राज्य की सीमा हरियाणा, पंजाब, गुजरात एवं महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से लगती हुई है, जिससे निवेशकों को अपने उत्पादन की खपत एवं कच्चा माल प्राप्त करने में काफी सुविधा रहती है। निवेशक इस स्थिति का भी लाभ उठा रहे हैं।
कुशल मानवीय संसाधनों की उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवीय संसाधनों को अधिक कुशल बनाने के लिए सरकार अपने स्तर पर एवं निजी सहयोग से कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है, ताकि औद्योगिक इकाइयों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रम प्राप्त हो सके। युवाओं में तकनीकी शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ाने के साथ औद्योगिक प्रतिष्ठानों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए अपे्रन्टिस कानून 1961 में भी अनुकूल परिवर्तन किए हैं।
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार न सिर्फ अनुकूल औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए कारगर उपाय कर रही है, बल्कि सुशासन के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है। प्रशासन को चुस्त बनाने एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, आॅनलाईन सेवा प्रदान करने, भूमि रिकाॅर्ड एवं इससे जुड़ी जरूरी सेवाओं का डिजिटलाइजेशन करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं।
बैठक में उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रारंभ में मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन ने आगामी 19 एवं 20 नवम्बर को आयोजित होने वाले रिजर्सेंट राजस्थान समिट की जानकारी दी। प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता ने पावर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर डी.सी.एम. के चेयरमैन श्री अजय एस. श्रीराम, माइक्रोमैक्स इंडिया के एम.डी. श्री राजेश अग्रवाल, और भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रतिनिधि श्री श्रीकांत ने अपने विचार व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री ने दिया आत्मीय निमंत्राण
मुख्यमंत्री ने रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनशिप समिट में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रा दिल्ली के उद्यमियों एवं निवेशकों को आत्मीय निमंत्राण दिया। इनवेंस्टर्स मीट में उन्होने ठसाठस भरे सभागार में उपस्थित उद्यमियों से भावुक अपील करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार आपको केवल चर्चा व बैठक करने के लिए आमंत्रित नहीं कर रही है बल्कि हमारी मंशा आपको तहे दिल से राजस्थान के विकास में बराबरी के भागीदार बनाने की है। हमारी इच्छा है कि राजस्थान में आकर आप न केवल अपने उद्योगों का विकास करें, वरन् राजस्थान की प्रगति के सुनहरे अध्याय से अपने आप को जोड़ें।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीरता है सरकार
इन्वेस्टर्स मीट के दौरान सवाल-जवाब सत्रा में उपस्थित निवेशकों के प्रश्नों का जवाब देते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सजग होकर गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना और सोलर ऊर्जा को विशेष प्रौत्साहन देना शामिल है। उन्होंने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने के साथ-साथ उनके रखरखाव के लिए के प्राधिकरण का गठन करना जैसे कदम इस दिशा में उठाई गयी सार्थक पहल है।
कौशल विकास यूनिवर्सिटी खोलने की मंशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार औद्योगिक विकास को महानगरों तक ही सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि इसे राजस्थान के हर गांव तक पहुंचाने की मंशा रखती है। प्रदेश में लद्यु उद्योगों, क्राफ्ट बाजारों, बुनकरों और हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। राज्य में कौशल विकास को और अधिक बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित करना प्रस्तावित है।
जयपुर/नई दिल्ली, 6 अगस्त 2015