कर्ज कर उपचार करवा रहे आशुराम के कैंसर उपचार में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा का मिला सहारा
बाड़मेर के चोहटन ब्लॉक के तारातरा के पास ताजसर का रहने वाले आशुराम के जीवन की जटिलताओं भरी कहानी आपके भी आंखों में पानी ला देगी। दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी मेहनत मजदूरी कर रहे आशूराम को जब मुहं के कैंसर के बारे में पता चला तो उसके पैरों के नीचे से धरती खिसक गई। परिवार का गुजर बसर करे या अपना इलाज कराये। ऐसे में उसके लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना वरदान बनकर सामने आई है। आज आशुराम बिना रुपए खर्च किए सरकारी और निजी अस्पतालों में अपना उपचार करवा रहा हैं। आशुराम नाई की उम्र 62 वर्ष है और ये मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोशण करते है। आशुराम पिछले 5 साल से मुहं के केंसर के पीड़ित थे. कई जगह दिखाया …इलाज लिया पर फायदा नहीं हुआ। फिर अहमदाबाद में एक हॉस्पिटल में गए, इलाज करवाया और धीरे धीरे ठीक भी होने लगे लेकिन कुछ ही समय बाद आशुराम को गले में फिर से सूजन महसूस होने लगी। दुःख और परेशानी के इन्ही दिनों में किसी परिचित ने उन्हें भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के विषय में जानकारी दी और ग्लोबल हॉस्पिटल, माउन्ट आबू जाने की सलाह दी. अपनी बीमारी से पूरी तरह निराश हो चुके आशुराम की हिम्मत बंधी और वे उसी दिन बिना देरी किए देर रात ग्लोबल हॉस्पिटल जा पहुंचे।
चिकित्सकों की टीम ने उनका परिक्षण कर भर्ती किया और इलाज की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी।चिकित्सकों ने पाया कि आशुराम को तुरंत सर्जरी की आवश्यकता है। चिकित्सकीय परीक्षणों के बाद परिवार की सहमति से केंसर सर्जरी का निर्णय लिया गया। अंततः गत 18 मार्च को सभी जांचे करने के बाद आशुराम का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन लगभग 03 घंटे तक चला, जिसे 10 चिकित्सकों की टीम ने अंजाम दिया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और गत 26 मार्च को आशुराम को आवश्यक दवाइयाँ देकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यह सम्पूर्ण इलाज भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निशुल्क किया गया। आशुराम का एक और ऑपरेशन अगले माह होना है और वे ऑपरेशन के उपरान्त अब पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं. आशुराम धन्यवाद देते हैं गरीबों के लिए वरदान बन चुकी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को, जिसकी वजह से बिना खर्चे उनका उपचार संभव हो सका।
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