डूंगरपुर में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दिखने लगे सफल नज़ारे -श्रम हुआ सार्थक, जल संरचनाओ में आया अमृत
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की बारिश के पानी को व्यर्थ बहने से रोकने की सोच को डूंगरपुर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में हुई मानसून पूर्व की पहली ही बरसात ने जल सरंचनाओं को लबालब कर साकार रूप दे दिया। अपने श्रम के मिले इस सफल परिणाम से क्षेत्रवासियों के साथ-साथ अभियान से जुडे़ प्रत्येक व्यक्ति में अपार उत्साह आ गया है।
पूरे राज्य को जल स्वावलम्बी बनाने की इस महत्ती योजना के सार्थक परिणाम रूपी नज़ारे मानूसन के पूर्वाद्ध में ही डूंगरपुर जिले में भी नज़र आने लगे है। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के द्वितीय चरण में डूंगरपुर जिले के दस ब्लॉक की 84 ग्राम पंचायतों के 184 गांवों में पानी को बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन ने भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दिया है।
जल संरक्षण सप्ताहंत में इंद्र की हुई मेहर
आमजन में ‘जल है तो कल है’ के महत्व को बताते हुए जल संरक्षण के लिये किये जा रहे प्रयासों से मानो जल देवता भी खुश हो गए और जल संरक्षण सप्ताहंत पर ऎसी मेहर की कि प्री मानसून की पहली ही बारिश में हमेशा सूखी-सूखी रहने वाली पहाड़ियों पर बनी जल संरचनाएं पानी से भर गई तथा चेहरों पर मुस्कान बिखरे गई।
सप्ताहंत के अंतिम दो दिनों में डूंगरपुर जिले की पंचायत समिति डूंगरपुर के बटका फला तथा पंचायत समिति आसपुर में देवपुरा नाका वन विभाग क्षेत्र में हुई मानसून पूर्व की बारिश से उस क्षेत्र में अभियान के तहत निर्मित जल संरचनाओं में पानी भर गया है जिसे देखकर क्षेत्रवासियों में पानी की समस्याओं से निज़ात मिलने की संभावनाएं दिखाई देने लगी है।
पहाड़ी संरचनाओं में बसावट के कारण सदैव ही पानी की कमी से जुझते डूंगरपुर जिले में इस पहली ही बारिश में जल संरचनाओं में पानी भरने से क्षेत्र के कृषकों एवं ग्रामवासियों में अपार खुशी है।
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