विशेष लेख-मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान -कड़वासर जोहड़ में वर्षा जल भरा देख ग्रामीण हुए प्रफुल्लित

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत चूरू जिले के कड़वासर गांव में बनाये गये जोहड़ में गुरुवार को हुई वर्षा का पानी भरा देखकर ग्रामीण प्रफुल्लित हो उठे। जोहड़ निर्माण में श्रमदान व मेहनत कर पसीना बहाने वाले जनप्रतिनिधिए युवाए विद्यार्थी सहित ग्रामीणों में खुशी का जोरदार माहौल है। वे सरकार की इस अभिनव पहल एवं अपने परिश्रम का फल प्राप्त कर भविष्य मेंं पानी की चिंता से राहत महसूस कर रहे हैं। कड़वासर गांव की सरपंच श्रीमती सजना देवी ने बताया कि पहले इस जोहड़ में पानी की आवक कम थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री व चूरू विधायक श्री राजेन्द्र राठौड़ के नेतृत्व में जब जोहड़ को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से जोड़कर सरकार की योजना व आमजन से एकत्रित राशि से ठीक किया गया तब हमें भी यह विश्वास नहीं था कि राज और जनता के इस काम में ऊपर वाला भी इतनी जल्दी महरबान होकर वर्षा कर देगा।

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सरपंच सहित स्थानीय नागरिक ओमप्रकाशए हरिरामए परमेश्वर तथा बीएससी अंतिम वर्ष में पढ़ रहे प्रदीप मुहाल ने एक स्वर में कहा कि अब ग्रामीणों के सहयोग से जोहड़ पायतन को और ठीक किया जायेगा जिससे काफी दूरी से पानी चलकर इस जोहड़ में आ जाये। जिला कलक्टर श्री ललित कुमार गुप्ता ने सभी ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना में अधिकाधिक जुड़कर लाभ उठाएं। इस योजना के माध्यम से वर्षा का पानी संग्रहित होने से वर्तमान में तो इसका फायदा मिलेगा ही साथ ही वर्षा जल के संरक्षण से भू.जल स्तर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्षा का व्यर्थ बहता पानी संचित होने से हमारा सिंचाई का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी तथा आर्थिक स्तर में भी सुधार होगा। जिला कलक्टर ने अपनी अपील में लोगों से आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन कार्यक्रम को अपनाकर वर्षा के पानी का अधिकतम सदुपयोग करें।

सरकार द्वार अब तक शुरू किये गये कार्यक्रमों में जन सहभागिता से चलने वाला यह प्रथम सबसे बड़ा कार्यक्रम है और यह तीन वर्ष तक लगातार चलेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में जुड़ने से लोगों के दिमाग में यह बात आएगी कि हमारे गांव के जोहड़ में सरकार के साथ.साथ हमारा भी पैसा और श्रम लगा है। आमजन को यह बात भी समझानी होगी कि पानी की आवश्यकता व जरूरत दिन ब दिन बढ़ रही है। साथ ही विज्ञान की इतनी प्रगति के बाद भी पानी का उत्पादन संभव नहीं है। हमें वर्षा के जल को अधिक से अधिक संचय करने के लिए सभी लोगों को जोड़ना होगा व पानी के महत्व को समझाना होगा।

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