नौकरी के बाद मेरे परिवार के मान सम्मान में हुई वृद्वि
नाम – नूतन सिंह
योग्यता – 12 वीं
कस्बा – कल्याण काॅलोनी
जिला – बांसवाड़ा
कोर्स का नाम – रिटेल मैनजमेंट
पद – कम्प्यूटर आॅपरेटर
वेतन – 8000 रूपये प्रतिमाह
मैं बांसवाड़ा जिले के शहरी क्षैत्रा की गरीब महिला हूं। परिवार की आय का मुख्य स्त्रोत छोटा मोटा रोजगार था जो की कुछ खास नही थी। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण मैं कक्षा 12वीं से अधिक नहीं पढ़ पायी। कुछ समय बाद मेरा विवाह हो गया। मेरे पति यहां की एक स्थानीय कपड़ा मिल में कार्य करते हैं। मेरे दो बच्चे भी हैं। मेरे पति की आय से हमारा एवं परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा था।
तत्कालीन समय में जिले में रोजगार मेला आयोजित हुआ जिसके माध्यम से मुझे आर.एस.एल.डी.सी. के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सूचना मिली व मैंने जल्द से जल्द कार्यालय में संपर्क किया व सीएल एजुकेट प्रा. लि. विकास केन्द्र पर सम्पर्क किया। आर.एस.एल.डी.सी. के मार्गदर्शन से मैंने रिटेल मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रवेश ले लिया। प्रशिक्षण के दौरान ही मेरे आत्मविश्वास में भी काफी वृद्वि हुयी। प्रशिक्षण में रिटेल मैनेजमेन्ट एवं कार्यालय के कार्य को अच्छे से बताया एवं सिखाया गया। प्रशिक्षण के दौरान मैनें कम्प्यूटर को बेहतरीन तरीके से सीख स्वयं का आत्मविश्वास को बढाया। प्रशिक्षण उपरान्त मुझे बहुत अच्छी नौकरी प्राप्त हुयी, जिससे सामाजिक स्तर पर मेरा व मेरे परिवार का मान सम्मान में वृद्वि हुयी।
जैसे ही प्रशिक्षण पूर्ण हुआ, वैसे ही मुझे बांसवाड़ा शहर में एरिसेन्ट फाईनेशियल कन्स्लटेन्ट कम्पनी में बहुत अच्छी नौकरी प्राप्त हुयी, वहां पर मेरा वेतन आठ हजार रूपये प्रति महिना तय हुआ । इतना वेतन मुझे प्राप्त होगा ऐसा मैंने या मेरे परिवार मे किसी ने भी नही सोचा था। यह सब राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण संभव हो सका। नूतन जैसे लाखों युवा है जिन्होंने कौशल प्रशिक्षण कर अपने हुनर को बढ़ाया है। राज्य सरकार की यह सर्वोच्च प्राथमिकता है कि युवाओं में कौशल विकसित कर उन्हें रोजगार परक बनाया जा सके।
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