सफलता की कहानी पहली बारिश में छलक उठी सिरोही जिले की जल सँरचनाएँ
राजस्थान की जल समस्या को हमेशा-हमेशा के लिए विदा कर देने और मरुधरा पर चौतरफा हरियाली लाने के लक्ष्य को लेकर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर चलाये जा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने सिरोही जिले में अपनी सफलता को सिद्ध कर दिखाया है।
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जगह-जगह निर्मित छोटी-बड़ी जल संरचनाओं में बरसाती पानी का संग्रहण भी हो रहा है और सूखी धरती की प्यास बुझाता हुआ पानी भूगर्भ में भी समा रहा है। सतही जल के साथ ही भूमिगत जल भण्डार में बढ़ोतरी का नज़ारा सिरोही जिले में विभिन्न स्थानों पर एमजेएसए का जयगान करता नज़र आ रहा है।
पहली बारिश में ही जल संरचनाओं का छलक उठना ग्रामीणों को खासा सुकून दे रहा है और उन्हें आस बंधी है कि मुख्यमंत्री की यह योजना ग्रामीणों को जल समस्या से हमेशा के लिए मुक्ति दिला देगी और इससे ग्राम्य विकास को नई दिशा और दशा प्राप्त होगी। न केवल खेती-बाड़ी और इंसानों बल्कि पशु-पक्षियों और दरख्तों तक के लिए ये जल संरचनाएं जीवनदायिनी सिद्ध होंगी।
सिरोही जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान योजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत सभी जगह बेहतर जल संरचनाओं का निर्माण हुआ है और आशा यह की जा रही है कि भरपूर बारिश के बाद जिले में पानी के मामले में ऎसे नए व सुनहरे युग का उदय होगा जिसे आने वाली पीढ़ियां कभी भुला नहीं पाएंगी।
जिले की शिवंगज पंचायत समिति के मनादर, जुबलीगंज व रोवाड़ा गांवों में निर्मित एनिकट, मिनी परकोलेशन टेंक, फील्ड बण्ड आदि जल संरक्षण ढांचों में प्री-मानसनू की पहली बारिश में ही लबालब हो गई। जुबलीगंज बनी एमपीटी में पहली बारिश से लगभग 2500 क्यूमेक. जल का संग्रहण हुआ। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में ब्लाक शिवगंज में कुल 26 एमीटी, 04 एनीकट व 90 हजार मीटर लम्बाई के फील्ड बण्ड का निर्माण हुआ और लगभग सभी ढांचे पानी से लबालब हैं। इनमें पहली बरसात में कुल मिलाकर 1.62 लाख घन मीटर पानी (40 हजार 500 टेंकर) का संचय हुआ। एमजेएसए की जल संरचनाओं में जल संग्रहण का फायदा आस-पास के कूओं में भी दिखने लगा है जहां का जल स्तर अपेक्षाकृत बढ़ने लगा है।
इसी तरह की सुकूनदायी स्थिति सिरोही जिले की आबूरोड पंचायत समिति में भी सामने आयी है जहाँ मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण के अंतर्गत बनाए गए जल संग्रहण ढाँचों में लबालब पानी भरा हुआ है। आबूरोड के आंदलिया में निर्मित फील्ड बण्ड में पहली बारिश में ही 1500 क्यूमेक पानी संग्रहित हुआ जो कि लगभग 500 टेंकरों के बराबर है। इससे क्षेत्र में कृषि कार्य, पशुपालन तथा लोक जीवन की विभिन्न गतिविधियों के लिए पानी उपलब्ध मिलेगा। भूजल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी।
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