मानसून से पहले की बारिश से निखरी आमेर में ‘कांट‘ के एनीकट की आभा
वर्षों से जल संकट की समस्या से जूझते प्रदेशवासियों के सुखद भविष्य के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की दूरगामी सोच ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान‘ की सफलता के रूप में लगातार फलीभूत हो रही है। जयपुर जिले की पंचायत समिति आमेर के ग्राम कांट में गुड़ीया के बंधे के निकट ‘एमजेएसए‘ के द्वितीय चरण में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विकास विभाग द्वारा निर्मित एनीकट में गत दो दिनों में हुई मानसून पूर्व की बारिश से काफी मात्रा में पानी की आवक हुई है। बरसात से एनीकट में पानी के भराव से क्षेत्र के निवासियों के चेहरे खिल गए है।
वर्षा के इस प्रारम्भिक दौर में ही एनीकट में जल भराव ने जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के कार्यों की उपयोगिता को फिर साबित कर जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के प्रयासों पर मुहर लगाई है। आगामी दिनों में इस एनीकट के लबालब भरने और ‘ग्राउंड वाटर रिचार्ज‘ से डार्क जोन में शामिल इस क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। आमेर के कांट में 11 मीटर हैडवाल वाले एनीकट का निर्माण निर्बन्ध राशि मद से कराया गया है। मानसून की बारिश से इस एनीकट के लबालब भरने एवं ढांचे में एकत्रित जल से ‘ग्राउंड वाटर रिचार्ज‘ द्वारा गांव के 22 कुओं में जल स्तर बढ़ने की राह प्रशस्त होगी। इसके फलस्वरूप ग्रामवासियों को पेयजल तथा फसलों की सिंचाई के लिए अधिक भू-जल उपलब्ध हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि जयपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की न्यूनतम उपलब्धता सुनिश्चित कराने एवं गांवों को जलस्वावलम्बी बनाने के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में द्वितीय चरण में 15 ब्लॉक की 74 ग्राम पंचायत के 196 गांवों में 3574 कार्य प्रगतिरत है, इनमें से अब तक 1749 कार्य पूर्ण हो चुके है और शेष सभी कार्यों को 30 जून 2017 तक पूरे करने का लक्ष्य है। इसके तहत वर्ष 2016-17 में निर्बन्ध राशि से आमेर पंचायत समिति में ग्राम पंचायत छापराडी, कांट, बगवाडा, बिलौंची, अचरोल एवं मानपुरा माचेडी के 15 गांवों का चयन किया गया है। जयपुर से 32 किलोमीटर दूर स्थित इस चयनित क्षेत्र के ज्यादातर जलस्रोत सूखने की स्थिति में आ गए थे। यहाँ जल संग्रहण संरचनाओं और ढांचों की कमी के कारण धरती के लिए अमृतरूपी वर्षा जल बहकर व्यर्थ चला जाता था। इसी को ध्यान में रखते हुए जयपुर जिले में एमजेएसए के द्वितीय चरण में ‘फोर वाटर कंसेप्ट‘ के तहत यहां बारिश के पानी को सहेजने की योजना बनाई गई। इसके तहत वर्षा जल संग्रहण के लिए मिनी परकोलेशन टैंक, पक्के एनीकट का निर्माण और कृषकों के खेतों में फील्ड बण्ड निर्माण जैसे कार्य हाथ में लिए गए है। इसी बीच आमेर में कांट के इस एनीकट में पहली बरसात से पानी की आवक, एमजेएसए के सुखद परिणाम के रूप में क्षेत्र के लोगों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आई है।
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