सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की तरक्की से ही सम्पूर्ण औद्योगिक विकास सम्भव

रिसर्जेंट राजस्थान समिट-2015

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि मेक इन इण्डिया अभियान की सफलता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की मजबूती से ही सम्भव है। एमएसएमई सेक्टर देश की जान है। ऐसे में इसके बिना सम्पूर्ण औद्योगिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।

DSC_3021श्रीमती राजे शुक्रवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेन्टर में रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट-2015 के अंतिम दिन एमएसएमई काॅन्क्लेव को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योग हमारे औद्योगिक विकास की रीढ़ हैं। बड़े उद्योगों की सप्लाई चेन को मजबूत आधार प्रदान करने एवं रोजगार मुहैया कराने में एमएसएमई सेक्टर की भूमिका को देखते हुए ही समिट में इस पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के लघु उद्योग पूरे देश में अपनी पहचान बना सकें इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वर्ष में एक बार एमएसएमई दिवस का आयोजन हो जिसमें प्रदेशभर के छोटे उद्यमी शामिल होकर अपनी बात रख सकें। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर को समय पर सहयोग देने की आवश्यकता है ताकि वो अपने उद्यम को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय के अधिकारियों, विशेषज्ञों के साथ राज्य में एक दिवसीय सेमिनार का भी आयोजन किया जाये जिसमें इस सेक्टर को मजबूती प्रदान करने के लिये हमारे अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया जा सके।

Rajasthan_MSME_Policy2015_Release_01श्रीमती राजे ने कहा कि कई बार समय पर ऋण नहीं मिल पाने की वजह से छोटे उद्यम पनप नहीं पाते हैं। ऐसे में इस सेक्टर को और ताकत देने के लिए जरूरी है कि बैंक इन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध कराने में मददगार बने। सूक्ष्म और लघु उद्योग बैंकों के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शामिल हैं लेकिन मध्यम उद्योग इस श्रेणी में नहीं हैं। केन्द्र सरकार ऐसी मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयों के लिए इन्सेटिव स्कीम लेकर आए ताकि इन्हें भी आगे बढ़ने के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि नागौर जिले में हैण्ड टूल्स का बेहतरीन कार्य होता है जो आर्थिक सम्बल नहीं होने से चरमरा रहा है। इसे फिर से सुदृढ़ करने के लिये केन्द्रीय मंत्रालय भी सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल बडे़ स्तर पर एक स्टार्टअप फेस्टिवल और दो मिनी स्टार्टअप फेस्टिवल आयोजित किये जायें। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे राज्य में स्टार्टअप कम्पनियों को कारोबार शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रीको के सहयोग से राजस्थान स्टार्टअप विलेज स्थापित करने के प्रयास भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने और उनके लिये अनुकूल माहौल तैयार करने के उद्देश्य से राजस्थान एमएसएमई पाॅलिसी-2015 आज ही जारी की गई है।

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श्रीमती राजे ने कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये हमारे पिछले कार्यकाल में अजमेर के महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय में उद्यमिता पर पाठ्यक्रम की शुरूआत की गई थी जिसके अच्छे परिणाम सामने आये। इसी तर्ज पर कोटा सहित प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी उद्यमिता का पाठ्यक्रम शामिल करने में केन्द्र सरकार का सहयोग मिले जिससे हमारे युवा उद्यमी प्रशिक्षित हो सकें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्हीं के प्रयासों से इस मंत्रालय को बनाया गया। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी ने मुझे पर्यटन अथवा एमएसएमई मंत्रालय में से किसी एक को चुनने को कहा तो मैंने अविलम्ब इस मंत्रालय को चुना। चार साल मुझे इस मंत्रालय में काम करने का अवसर मिला उसी से मैं यह जान सकी कि ये लघु उद्यमी किस-किस तरह की परेशानियों का सामना कर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार एमएसएमई को सुदृढ़ बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोडे़गी।

जयपुर, 20 नवम्बर 2015