रिएक्टिव के साथ प्रो-एक्टिव होकर भी काम करे पुलिस

कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का तीसरा दिन

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि पुलिस अधिकारी सतर्कता, संवेदनशीलता एवं मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी को अंजाम दें तो सही मायने में आमजन में विश्वास तथा अपराधियों में भय कायम होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रिएक्टिव के साथ-साथ प्रो-एक्टिव होकर भी काम करे।

श्रीमती राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन जिला पुलिस अधीक्षकों व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि पुलिस शासन का वह अंग है जिससे आमजन का परेशानी के समय सबसे अधिक वास्ता पड़ता है। ऐसे में पुलिस का आचरण, व्यवहार एवं सहायता जरूरतमंदों के लिए संबल बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा प्रशासन, सर्विस डिलीवरी और विकास तभी सम्भव है जब समाज में हर तरफ सुरक्षा की भावना मौजूद हो। उन्होंने पुलिस अधिकारियों का आह्वान किया कि हम आमजन के लिए ऐसी पुलिस फोर्स बनें जो प्रोफेशनल होने के साथ ही उनके अधिकारों को सम्मान दे। जिला पुलिस अधीक्षक अपनी कार्यप्रणाली में नवाचारों, सोशल मीडिया तथा आईटी टूल्स को शामिल कर और अधिक चौकसी से अपने काम को अंजाम दें।

श्रीमती राजे ने कहा कि थानों में वही आदमी आता है जिसे पुलिस की मदद की जरूरत होती है। ऐसे में एफआईआर दर्ज कर उसे राहत देना पहला कदम होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस अधिक संवेदनशीलता का परिचय दे।

मुख्यमंत्री ने समय पर लिए गए एक्शन को पुलिस के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतें समय पर सुन ली जाएं तो स्थिति को तनावपूर्ण बनने से रोका जा सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को लोगों के बीच जाने और उनसे बातचीत कर महत्वपूर्ण मुद्दों की फर्स्ट-हैंड जानकारी रखने के लिए कहा।

आमजन से बढ़ाएं संवाद

श्रीमती राजे ने कहा कि कई परिस्थितियों में आगे बढ़कर उठाए गए द्वारा उठाए गए छोटे-छोटे कदम पुलिस की अच्छी छवि का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों, पद यात्राओं, मेलों, ग्रामीण खेलों और सेना भर्ती रैलियों में छोटे-छोटे प्रयास कर मेल-जोल बढ़ाएं। श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान एक शान्तिप्रिय राज्य है। आपराधिक तत्वों पर लगाम कसने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अवैध हथियारों के प्रति जीरो टॉलरेंस होनी चाहिए।

महिलाओं, बच्चों तथा एससी-एसटी के प्रति रहें संवेदनशील

मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे महिलाओं, बच्चां, बुजुर्गों सहित अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के प्रति अपराधों की तफ्तीश संवेदनशीलता के साथ करें ताकि इनमें सुरक्षा की भावना बढ़े।

सोशल मीडिया पर रखें चौकस निगाह

श्रीमती राजे ने कहा कि पुलिस अधिकारी आईटी और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपराधों पर प्रभावी तरीके से लगाम लगा सकते हैं। उन्होंने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि इनसे अफवाहों को फैलने से समय पर रोका जा सकता है।

सीएलजी सदस्यों का सक्रिय सहयोग लें

मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे सीएलजी सदस्यों की सहभागिता बढ़ाएं। खासकर महिला सदस्यों को सीएलजी से जोड़ें जिससे महिलाओं से संबंधित अपराधों तथा समस्याओं को प्रभावी रूप से सुलझाने में मदद मिलेगी। श्रीमती राजे ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, सेना, अर्द्धसैनिक बलों तथा दूसरे राज्यों की पुलिस से सहयोग बढ़ाने आदि के भी निर्देश दिए।

नवाचारों की सराहना की

श्रीमती राजे ने जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से किए जा रहे सोशल मीडिया के उपयोग, पाली में युवाओं को नागरिक सुरक्षा दल के रूप में जोड़ने, बाड़मेर में सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों से पुलिस मित्र मण्डल के रूप में लिए जा रहे सहयोग, टोंक जिला पुलिस द्वारा रोड सेफ्टी के लिए किए जा रहे उपायों सहित अन्य नवाचारों की सराहना की।

थानों की ग्रेडिंग प्रणाली को सराहा केन्द्र सरकार ने

गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि थानों के कार्यों की गुणवत्ता को जांचने के लिए पहली बार थानों की ग्रेडिंग प्रणाली लागू की गई, जिसे केन्द्र सरकार ने भी सराहा है। उन्होंने बताया कि थानों के साथ पुलिस अधीक्षकों व उपाधीक्षकों की रैंकिंग के नवाचार से पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार किया जा रहा है।

गृह मंत्री ने कहा कि पहली बार प्रदेश ने ऐसा प्रयोग किया जिसके तहत चयनित कांस्टेबलों के प्रशिक्षण में अर्धसैनिक बलों की सहायता ली गई।

पुलिस अधिकारियों ने दिए प्रस्तुतिकरण

पुलिस अधिकारियों के उपसमूहों की ओर से साइबर अपराध, पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने, संगठित अपराधों से निपटने की रणनीति, आदि विषयों पर प्रस्तुतिकरण दिया।

इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, संसदीय सचिव, मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीना सहित विभिन्न विभागों एवं राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस कमिश्नर आदि उपस्थित थे।

जयपुर, 26 नवम्बर 2016