देवीलाल को दिया जीवनदान
जिला कलक्टर श्रीमती अर्चना सिंह ने संवेदनशीलता के साथ ईलाज हो जानें तक की मॉनिटरींग।
राजसमंद। राम रूठा पर राज ना रूठा यह उक्ति वास्तव में चरीतार्थ हो गई जब जिलें के पीपली अहिरान निवासी देवीलाल भील की हार्ट सर्जरी कर वाल्व बदलें गयें वह भी बिल्कुल निःशुल्क। पीपली अहिरान की भील बस्ती में रहने वाले 17 वर्षीय देवीलाल भील ने जिला कलक्टर श्रीमती अर्चना सिंह से जीने गुहार लगाई । हद्य की बिमारी से पीड़ित इस युवक के वाल्व खराब हो चुकें थें। रूपयें और परिवार लाचार होने से उसें इलाज नहीं मिल पा रहा था। देवीलाल अपनी पीड़ा को लेकर जिला कलक्टर श्रीमती अर्चना सिंह के निवास स्थान पर पहुंचा, बिमारी के कारण उसकें शरीर में चहरें के सिवा सिर्फ हड्डीयां नजर आती है। चार कदम चलने पर आधे घंटे तक सांसे नहीं समाती। देवीलाल ने बताया कि उसकी मां का वर्ष 2011 में देहांत हो गया। छह माह बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां ने घर से निकाल दिया।
वह चाचा और बूढी दादी के साथ रहता है।देवीलाल ने जिला कलक्टर महोदया को बताया कि न रूपयें है, न परिवार का साथ चाचा मेहनत मजदूरी कर अपने चार बच्चों का परिवार पाल रहें है। वह पढे लिखें नहीं है, जिससें वह बडे शहर जानें में भी घबरातें है। मैं दो कदम चलता हूं तो सांस फूलने लगती है। क्या करूं, बहुत मजबूर हूं पर जीना चाहता हूं। जिला कलक्टर महोदया ने तुरंत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जी.एल.मीणा के माध्यम से संबंधित क्षैत्र के चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित कर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिकृत उदयपुर स्थित निजी चिकित्सा संस्थान गीतांजली मेडिकल कॉलेज चिकित्सा संस्थान में निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करवा रेफर करवाया। गीताजंली मेडिकल कॉलेज में उसी दिन डॉ संजय गांधी कार्डियो एवं वेस्कुलर सर्जरी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संजय गांधी ने भर्ती कर इलाज शुरू किया तथा 29 अप्रेल को सफल हार्ट सर्जरी कर वाल्व को बदला । हॉस्पीटल प्रबंधन के अनुसार देवीलाल के इलाज पर 2 लाख 97 हजार रूपयें व्यय हुयें है। देवीलाल के लियें इतनें रूपयों का इंतजाम करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था। लेकिन भामशाह योजना के अन्तर्गत देवीलाल की इलाज पुर्णतः निःशुल्क हो गया।
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