एमजेएसए को देश का सबसे अच्छा फ्लैगशिप कार्यक्रम बनाएं
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान (एमजेएसए) के पहले चरण में हुए जल संरक्षण संबंधी कार्यों का उदाहरण देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में दिया जाता है, ऐसे में जरूरी है कि अभियान के दूसरे चरण में भी उसी उत्साह से कार्य कर इसे देश का सबसे अच्छा फ्लैगशिप कार्यक्रम बनाने में कोई कमी नहीं रखी जाए। उन्होंने एमजेएसए के दूसरे चरण में किये जा रहे कार्यों की पर्याप्त मॉनिटरिंग करने एवं कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजे गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान के दूसरे चरण की समीक्षा के लिए आयोजित विभिन्न जिलों के प्रभारी सचिवों एवं अभियान से जुड़े विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक में एमजेएसए के दूसरे चरण में अब तक की प्रगति एवं कार्यों को गति देने के उपायों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल एमजेएसए के तहत हुए कार्यों की न केवल प्रधानमंत्री एवं अन्य केन्द्रीय मंत्रियों बल्कि दूसरे देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी खूब तारीफ की थी। हमें उस स्तर को अभियान के दूसरे चरण में भी बरकरार रखना है। उन्होंने प्रभारी सचिवों को निर्देश दिए कि अपने जिलों में जाकर वहां एमजेएसए के कार्यों को देखें और जिला कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठकर कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें ताकि कार्य मानसून शुरू होने से पहले पूरे हो सकें।
श्रीमती राजे ने कहा कि अभियान के दूसरे चरण में अब तक की समीक्षा में जिन जिलों में काम अच्छे नहीं हुए हैं वहां के प्रभारी सचिव विशेष ध्यान देकर कार्यों को गति दें। उन्होंने कहा कि जो जिले अच्छा कार्य कर रहे हैं वहां भी पर्याप्त मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो और औचक निरीक्षण किए जाएं ताकि कहीं गुणवत्ता के साथ समझौता न हो। उन्होंने कहा कि एमजेएसए से जुड़ा एप जल्दी तैयार किया जाए और अभियान से जुड़े हुए विभाग अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति पर ध्यान दें।
मुख्यमंत्री ने अभियान के तहत रोपे गए पौधों को वन विभाग को हस्तांतरित करने में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि उनकी देखभाल की जा सके। उन्होंने कहा कि पौधों की पर्याप्त देखभाल की जाए ताकि हरियाली बढ़ाई जा सके।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि सभी प्रभारी सचिव समय-समय पर दौरे कर कलेक्टर, जिला परिषद सीईओ एवं अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे एवं प्रगति के बारे में फॉलोअप कर अभियान की सफलता में प्रभावी भूमिका निभाएंगे।
समीक्षा बैठक में राजस्थान रिवर बेसिन ऑथोरिटी के चेयरमैन श्री श्रीराम वेदिरे ने कहा कि नोडल विभाग के अधिकारी औचक निरीक्षण एवं गुणवत्ता जांच करें ताकि एमजेएसए के उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके। उन्होंने बताया कि अभियान में गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लिया जा रहा है और जहां कार्यों की गुणवत्ता सही नहीं पाई गई वहां जिम्मेदारी तय की जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री ओ. पी. मीना, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री सी. एस. राजन, एमजेएसए से जुड़े विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर, 27 अप्रैल 2017