कांग्रेस का महिलाओं को समर्पित भामाशाह योजना बंद करने का सपना साकार नहीं होगा
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि वे सरकार में आए तो भामाशाह कार्ड के टुकडे़-टुकडे़ कर देंगे। कोई कहता है इस कार्ड को फाड़ देंगे। कोई कहता है भामाशाह योजना बंद कर देंगे। नारी शक्ति को समर्पित वे उस भामाशाह योजना को बंद करना चाहते हैं जिसने दुनिया में पहली बार महिला को परिवार को मुखिया बनाया है। क्या आप चाहते हैं भामाशाह योजना बंद हो? यदि नहीं तो ऐसे लोगों को सत्ता पर काबिज मत होने दो जो महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने वाली योजनाओं को बंद करने की बात करे।
मुख्यमंत्री बांसवाड़ा जिले के सैनावासा एवं घाटोल गांव में आयोजित स्वागत समारोह तथा आमसभा में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस योजना ने सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत पैसा लोगों के खातों में पहुंचाया और भ्रष्टाचार खत्म किया ऐसी योजना को कांग्रेस के नेता बंद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे उस भामाशाह स्वास्थ्य योजना को बंद करना चाहते हैं जिसने गरीबों की जिन्दगी बचाई।
मुख्यमंत्री घाटोल, धरियावद, प्रतापगढ़ में आयोजित आमसभाओं में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस योजना ने सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत पैसा लोगों के खातों में पहुंचाया और भ्रष्टाचार खत्म किया ऐसी योजना को कांग्रेस के नेता बंद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे उस भामाशाह स्वास्थ्य योजना को बंद करना चाहते हैं जिसने गरीबों की जिन्दगी बचाई।
उन्होंने महिलाओं से पूछा कि क्या महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने वाली भामाशाह योजना बंद करने वालों को जिताओगे ? सभा में उपस्थित सब लोगों ने एक स्वर में कहा नहीं।
क्या गरीबों का 30 हजार से 3 लाख तक मुफ्त इलाज कराने वाली भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद कराने वाली कांग्रेस को लाओगे ? सबने हाथ हिलाकर कहा नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का यह सपना साकार नहीं होगा।
9 अगस्त को जनजाति कल्याण दिवस, छुट्टी रहेगी
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि यह ऐसी पार्टी है जिसने 50 साल झूठ के सहारे शासन किया। जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए वादे तो किए लेकिन कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को उनकी सरकार राजस्थान में पहली बार विश्व जनजाति कल्याण दिवस मनाएगी। जिसका उद्देश्य जनजाति समुदाय को मुख्यधारा में लाना होगा। इसके लिए उनकी सरकार ने टीएसपी एरिया में एक दिन का सरकारी अवकाश भी रखा है।
जनजाति क्षेत्र में बीपीएल परिवारों को 50 यूनिट प्रतिमाह बिजली मुफ्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में बीपीएल परिवारों को 50 यूनिट प्रतिमाह बिजली मुफ्त दी जायेगी। इसके आदेश हो गये हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर हम है जिसने जो कहा वो किया। दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसने सिर्फ कहा और किया कुछ नहीं। इसलिए अब वक्त आ गया है ऐसे लोगों को सबक सिखाने का और उन लोगों को साथ, प्यार और आशीर्वाद देने का जिन्होंने आपकी उन्नति के लिए सोचा।
सभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जनधन योजना के तहत प्रदेश में पहली बार पांच करोड़ खाते खोले और सरकारी योजनाओं की राशि सीधे इन खातों स्थानांतरित करते हुए लाभार्थियों तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पहली बार सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलकर प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करने का काम किया है। कटारिया ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र के कल्याण के लिए कई प्रकार की योजनाओं के संचालन के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
ये थे मौजूद- जनजाति मंत्री नंदलाल मीणा, उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, बांसवाड़ा सांसद मानशंकर निनामा, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, संसदीय सचिव सुरेशसिंह रावत, विश्वनाथ मेघवाल, विधायक नवनीतलाल निनामा, चौमू विधायक रामलाल शर्मा, मगरा बोर्ड के अध्यक्ष हरिसिंह रावत, धरियावद विधायक गौतम मीणा, प्रतापगढ़ जिला प्रमुख सारिका मीणा, नगर परिषद सभापति कमलेश डोसी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे। समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 21 लाभार्थियों को योजनाओं के स्वीकृति आदेश प्रदान किए।
तेज बारिश में भी मुख्यमंत्री को सुनने उमड़ी भारी भीड़
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की धरियावद और प्रतापगढ़ सभा के दौरान तेज बारिश हुई। लेकिन लोग उन्हें देखने और सुनने के लिए वहां डटे रहे। इसके अलावा जब वे धरियावद से प्रतापगढ़ आ रही थीं तब भी सड़क पर लोग भीगते हुए उनका इंतजार करते दिखे। जेलदा गांव में तो तेज बारिश में भीगते हुए लोगों को देख मुख्यमंत्री ने अपना काफिला रोका और भरी बारिश के बीच रथ की छत से लोगों को सम्बोधित किया। कई लोग बारिश के बचाव के लिए छतरी के नीचे थे तो कई लोगों ने भीगते हुए मुख्यमंत्री जी को सुना। मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि एवं विधायक जीतमल खांट के पुत्र के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। इस कारण उन्होंने आमजनता से फूल और मालाएं स्वीकार नहीं किए।
सैनावासा/घाटोल/बांसवाड़ा, 8 अगस्त