राजकोष की पाई-पाई सुनहरे भविष्य के निर्माण में खर्च करें
मुख्यमंत्री का राजस्थान विनियोग विधेयक पर जवाब
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश को विकसित और सशक्त बनाने का सपना हम तभी साकार कर पायेंगे जब हम सब ट्रस्टी के रूप में राजकोष की पाई-पाई जनता के सुनहरे भविष्य के निर्माण में खर्च करें। उन्होंने कहा कि हर अधिकारी जनता का पैसा व्यय करते समय उतनी ही सतर्कता बरतें जितना आम आदमी के रूप में वह स्वयं का पैसा खर्च करते हुए बरतता है।
श्रीमती राजे बुधवार को विधानसभा में राजस्थान विनियोग विधेयक पर कोई चर्चा का जवाब दे रही थीं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद राजस्थान विनियोग विधेयक एवं वित्त विधेयक 2016 को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही सदन में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट में भी राज्य की सराहना की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में सामाजिक और भौतिक आधारभूत ढांचा बेहतर बजट व्यय को दर्शाता है। रिपोर्ट में विकास, सामाजिक क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य और पूंजीगत व्यय का राज्यवार अध्ययन किया गया है। उसमें सामने आया कि राजस्थान का इन सातों श्रेणियों में खर्च राष्ट्रीय औसत से अधिक है जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
श्रीमती राजे ने कहा कि विजन-2020 को सामने रखकर हमने इस बजट में महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं और नवाचार किये हैं। उन्होंने कहा कि हमने बजट आयोजना को विकेन्द्रीकृत किया है और संतुलित विकास पर जोर दिया है ताकि पिछड़े जिलों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिले। ये बजट एक समावेशी बजट है। हर वर्ग से चर्चा कर हमने एक बेहतर बजट तैयार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों के बावजूद विकास के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि विकास के मामले में हम राजनीति को आड़े नहीं आने देते बल्कि क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप प्रावधान करते हैं। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में पिछले वर्षों के मुकाबले बजट आवंटन बढ़ाया गया है। उन्होंने इसकी तथ्यात्मक जानकारी सदन के पटल पर रखी।
इन श्रेणियों में राजस्थान का व्यय राष्ट्रीय औसत से अधिक:-
राज्य की राजकोषीय प्राथमिकता | Total Exp/ GSDP | Developmental Exp/Total Exp. | Social Sector Exp/ Total Exp. | Economic Sector Exp/ Total Exp. | Capital Exp/ Total Exp | Education/Total Exp | Health/Total Exp |
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सामान्य श्रेणी के राज्यों का औसत (अनुपात) 2014-15 | 16-49 | 69-12 | 36-50 | 32-61 | 14-01 | 16-23 | 5-04 |
राजस्थान का औसत (अनुपात) 2014-15 | 19-38 | 74-49 | 39-40 | 35-09 | 14-46 | 17-44 | 5-80 |
विभिन्न विभागों में व्यय का तुलनात्मक विवरण
(Rs.in Crore)
S. No. | Particulars | 2015-16 RE | % to Total Exp. (excluding loans & advances and repayment of public debt) | 2016-17 BE | % to Total Exp. (excluding loans & advances and repayment of public debt) |
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1 | Agriculture Department | 2201.08 | 1.63 | 3634.50 | 2.34 |
2 | Public Works Department | 4667.91 | 3.45 | 5690.11 | 3.66 |
3 | School Education Department | 20248.16 | 14.96 | 23177.16 | 14.91 |
4 | Medical & Health and Medical Education Department | 7473.06 | 5.52 | 8742.21 | 5.62 |
5 | Labour & Employment (including ITI) Department | 716.29 | 0.53 | 975.43 | 0.63 |
6 | Public Health and Engineering Department | 7040.88 | 5.20 | 7959.06 | 5.12 |
7 | Information Technology Department | 674.34 | 0.50 | 722.82 | 0.46 |
8 | Water Resources Department | 2240.26 | 1.65 | 2866.25 | 1.84 |
9 | Panchayati Raj and Rural Development Department and TSP | 15264.03 | 11.30 | 15981.76 | 10.30 |
जयपुर, 30 मार्च 2016